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जांजगीर चांपाः मनरेगा में कराई जा रही बाल मजदूरी, आंखें मूंदे बैठा है प्रशासन - MANREGA

मनरेगा के कार्य स्थल पर नौनिहाल से भी काम करवाया जा रहा है. इसे लेकर प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा है.

मनरेगा में कराई जा रही बाल मजदूरी
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Published : Apr 21, 2019, 12:09 AM IST

जांजगीर चांपाः सक्ति जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम देवरमाल में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का काम किया जा रहा है. यहां प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. कार्यस्थल पर मजदूरों के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई है. साथ ही यहां बाल मजदूरी का कार्य भी धड़ल्ले से जारी है.

जांजगीर चांपाः मनरेगा में कराई जा रही बाल मजदूरी,

कार्यस्थल में साइन बोर्ड, टेंट, पानी और फर्स्ट एड किट जैसी सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई है. यहां मास्टर रोल और मजदूरों के जॉब कार्ड की एंट्री भी देखने को नहीं मिली. मनरेगा के कार्य स्थल पर नौनिहाल से भी काम करवाया जा रहा है. इसे लेकर प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा है.

'रोजगार सहायक ने झाड़ा पल्ला'
बाल मजदूरी को लेकर सवाल पूछे जाने पर वहां मौजूद रोजगार सहायक अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने इसका जिम्मेदार मेट को ठहराया. रोजगार सचिव ने कहा कि बच्चे के परिजनों को उन्हें कार्यस्थल पर न लाने को कहा गया है. आगे से इस बात का ख्याल रखा जाएगा.

जांजगीर चांपाः सक्ति जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम देवरमाल में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का काम किया जा रहा है. यहां प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. कार्यस्थल पर मजदूरों के लिए जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई है. साथ ही यहां बाल मजदूरी का कार्य भी धड़ल्ले से जारी है.

जांजगीर चांपाः मनरेगा में कराई जा रही बाल मजदूरी,

कार्यस्थल में साइन बोर्ड, टेंट, पानी और फर्स्ट एड किट जैसी सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई है. यहां मास्टर रोल और मजदूरों के जॉब कार्ड की एंट्री भी देखने को नहीं मिली. मनरेगा के कार्य स्थल पर नौनिहाल से भी काम करवाया जा रहा है. इसे लेकर प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा है.

'रोजगार सहायक ने झाड़ा पल्ला'
बाल मजदूरी को लेकर सवाल पूछे जाने पर वहां मौजूद रोजगार सहायक अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने इसका जिम्मेदार मेट को ठहराया. रोजगार सचिव ने कहा कि बच्चे के परिजनों को उन्हें कार्यस्थल पर न लाने को कहा गया है. आगे से इस बात का ख्याल रखा जाएगा.

Intro:जांजगीर चाम्पा:- सरकार जन कल्याण के लिए कई योजना बनाती है ताकि इन योजनाओं का लाभ गांव के लोगों को मिल सके मगर जिम्मेदार ही लापरवाह हो जाए तो क्या कहेंगे। दरसल में जिले के सक्ति जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम देवरमाल में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का काम किया जा रहा है जिसमें जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है ईटीवी भारत के पड़ताल में पता चला कि मनरेगा कार्यस्थल में ना तो साइन बोर्ड है नहीं काम करने वाले मजदूरों के लिए छायादार के लिए टेंट की व्यवस्था, नहीं ठंडे पानी की नहीं आपातकालीन की स्थिति के उपचार के लिए फर्स्ट एड किट की व्यवस्था, सबसे बड़ी लापरवाही तो यह देखने को मिली काम करने वाले जगह पर ना तो रोजगार सचिव मौजूद थे ना मास्टर रोल ना ही रोज यहां पर काम करने वाले मजदूरों के जॉब कार्ड की एंट्री होती है। खैर यहां तक तो ठीक था मगर मनरेगा के कार्य स्थल पर नौनिहाल काम कर रहे थे आप सोच सकते होंगे कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही इस महत्वपूर्ण की योजना में छोटे-छोटे मासूम बच्चे काम कर रहे हैं लेकिन अब तक जिम्मेदारों की नजर इस पर नहीं पड़ी और काम करने के दौरान अगर कोई बड़ी घटना घट जाए तो आखिर इसके जिम्मेदार होगा तो होगा कौन क्योंकि मनरेगा के तहत काम करते वक्त पिछले वर्ष एक मजदूर की मौत भी हो चुकी है वहीं आज के इस तपती धूप में नौनिहाल काम करें तो क्या होगा आप खुद ही समझ सकते हैं। वही ईटीवी भारत की टीम को देखने के बाद कार्यस्थल पर काम करा रहे मेट द्वारा दूरभाष से संपर्क कर रोजगार सचिव को बुलाया गया तो वही जवाब में रोजगार सचिव ने कहा कि वह मीटिंग में गए हुए थे जिसकी वजह से वह कार्यस्थल पर नहीं थे। साथ ही साथ कार्य स्थल पर काम कर रहे बच्चे और मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जब पूछा गया तो उनका कहना है कि बच्चे के माता पिता को कहा गया है कि काम पर ना रखा जाए लेकिन जब वह नहीं मार रहे हैं तो उन्हें मना कर दिया जाएगा एक सबसे बड़ा बेतुका बयान उनका यह रहा कि अगर वह बच्चे को लेकर आएंगे तो उन्हें भी काम से हटा दिया जाएगा। साथ ही कार्यस्थल पर मजदूरों को सुविधाएं ना मिलने वाली बात पर उनका कहना है कि इसके लिए उनके उच्च अधिकारियों द्वारा मना किया गया था इसीलिए छाया की व्यवस्था नहीं की गई है। मगर आपको बता दें कि शासकीय छुट्टी के दिन ऐसी क्या मीटिंग थी यह समझ से परे हैं ।वहीं आकांक्षा सिन्हा मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी सक्ति से दुरभाष बात की गई तो उनका कहना है कि किसी भी प्रकार की शासकीय मीटिंग नहीं थी एवं मेरे द्वारा किसी प्रकार की सुविधाओं से वंचित करने के लिए मना नहीं किया गया है अगर रोजगार सचिव द्वारा किसी भी प्रकार के कार्यस्थल पर गलती पाई जाती है तो उसके पर कार्यवाही की जाएगी।

बाइट :- संतोष कुमार (मेट)
बाइट :- सुरेश जायसवाल (रोजगार सहायक)
wt हुमेश जायसवाल


Body:विसुअल बाइट


Conclusion:
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