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सरकारें बदली, हालात नहीं: आज भी जर्जर पुल से आवागमन कर रहे लोग, पोस्टमार्टम के लिए भी कंधे पर ले जाना पड़ा शव

कसडोल विकासखंड के घिरघोल गांव में न बीजेपी के शासनकाल में तस्वीर बदली न कांग्रेस के. आज फिर जब दो व्यक्ति की मौत हुई तो पुल न होने के कारण उन्हें पैदल चलकर शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाना पड़ा.

Kasdol Bridge
2 युवकों की मौत
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Published : Aug 24, 2020, 3:48 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 5:52 PM IST

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में विकास का दम भरने वाली सरकारों की पोल खोलती और शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई है. कसडोल विधानसभा क्षेत्र के घिरघोल गांव में सत्ता बदली, लेकिन गांव की बदहाली आज भी बरकरार है. कसडोल तहसील क्षेत्र के पुटपुरा और घिरघोल गांव के बीच पड़ने वाला पुटपुरा नाला पर आज भी पुल तैयार नहीं किया जा सका.

सरकारें बदली, हालात नहीं

बीते 19 अगस्त को गांव के 2 युवकों की मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए कसडोल लाना था, लेकिन नाले पर पुल नहीं होने के कारण वाहन घिरघोल गांव तक नहीं पहुंच सका. इसके बाद मृतकों के परिजनों द्वारा 1 किलोमीटर तक शवों को खाट के सहारे शव वाहन तक पंहुचाया गया.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक समीकरण के साथ मुद्दे बदलते गए. विकास के दावों के साथ सरकारें भी बदल गई, लेकिन इस गांव की सूरत न तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासनकाल में बदली, न वर्तमान की कांग्रेस सरकार में. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद कसडोल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के दिग्गज नेता इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कमान संभाली, लेकिन इस गांव में पुल निर्माण को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

Bridge could not be built on Putpura village in kasdol raipur
पुल आज भी जर्जर

पढ़ें : पेंसिल की नोक पर विराजे लंबोदर, कोरबा के हरि सिंह ने बनाई एक-से-बढ़कर एक कलाकृतियां

कांग्रेस-बीजेपी सरकार ने नहीं किया कुछ

यहीं हाल वर्तमान समय में कांग्रेस की सरकार आने के बाद है. कसडोल विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा समय में शकुंतला साहू विधायक हैं, जिनको छत्तीसगढ़ सरकार ने संसदीव सचिव बनाकर नई जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा बार-बार गुहार लागने के बाद भी इस नाले पर पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है.

पुल निर्माण की फिर मांग

घिरघोल गांव के लोगों को बदलते वक्त और बदलती सरकारों से काफी उम्मीदें थी पर ग्रामीणों की उम्मीदों पर फिर पानी फिरता नजर आ रहा है. बरसात के समय में यह नाला ग्रामीणों के लिए सैलाब लेकर आता है. ग्रामीणों का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट जाता है. ग्रामीण बार-बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके हैं. ग्रामीणों नो चंदा इकट्ठा कर श्रमदान करके इस नाले के ऊपर छोटा पुल बनाया है, इससे सिर्फ मोटरसाइकिल ही पार होती है, लेकिन बारिश के दिनों में अच्छी बारिश होने से पुल के ऊपर काफी ज्यादा पानी होता है और घिरघोल दौनाझर गांव का संपर्क कसडोल ब्लॉक मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है. ग्रामीणों की मांग है कि इस नाले के ऊपर पुल का निर्माण किया जाए.

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में विकास का दम भरने वाली सरकारों की पोल खोलती और शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई है. कसडोल विधानसभा क्षेत्र के घिरघोल गांव में सत्ता बदली, लेकिन गांव की बदहाली आज भी बरकरार है. कसडोल तहसील क्षेत्र के पुटपुरा और घिरघोल गांव के बीच पड़ने वाला पुटपुरा नाला पर आज भी पुल तैयार नहीं किया जा सका.

सरकारें बदली, हालात नहीं

बीते 19 अगस्त को गांव के 2 युवकों की मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए कसडोल लाना था, लेकिन नाले पर पुल नहीं होने के कारण वाहन घिरघोल गांव तक नहीं पहुंच सका. इसके बाद मृतकों के परिजनों द्वारा 1 किलोमीटर तक शवों को खाट के सहारे शव वाहन तक पंहुचाया गया.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक समीकरण के साथ मुद्दे बदलते गए. विकास के दावों के साथ सरकारें भी बदल गई, लेकिन इस गांव की सूरत न तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासनकाल में बदली, न वर्तमान की कांग्रेस सरकार में. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद कसडोल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के दिग्गज नेता इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कमान संभाली, लेकिन इस गांव में पुल निर्माण को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

Bridge could not be built on Putpura village in kasdol raipur
पुल आज भी जर्जर

पढ़ें : पेंसिल की नोक पर विराजे लंबोदर, कोरबा के हरि सिंह ने बनाई एक-से-बढ़कर एक कलाकृतियां

कांग्रेस-बीजेपी सरकार ने नहीं किया कुछ

यहीं हाल वर्तमान समय में कांग्रेस की सरकार आने के बाद है. कसडोल विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा समय में शकुंतला साहू विधायक हैं, जिनको छत्तीसगढ़ सरकार ने संसदीव सचिव बनाकर नई जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा बार-बार गुहार लागने के बाद भी इस नाले पर पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है.

पुल निर्माण की फिर मांग

घिरघोल गांव के लोगों को बदलते वक्त और बदलती सरकारों से काफी उम्मीदें थी पर ग्रामीणों की उम्मीदों पर फिर पानी फिरता नजर आ रहा है. बरसात के समय में यह नाला ग्रामीणों के लिए सैलाब लेकर आता है. ग्रामीणों का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट जाता है. ग्रामीण बार-बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा कर थक चुके हैं. ग्रामीणों नो चंदा इकट्ठा कर श्रमदान करके इस नाले के ऊपर छोटा पुल बनाया है, इससे सिर्फ मोटरसाइकिल ही पार होती है, लेकिन बारिश के दिनों में अच्छी बारिश होने से पुल के ऊपर काफी ज्यादा पानी होता है और घिरघोल दौनाझर गांव का संपर्क कसडोल ब्लॉक मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है. ग्रामीणों की मांग है कि इस नाले के ऊपर पुल का निर्माण किया जाए.

Last Updated : Aug 24, 2020, 5:52 PM IST
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