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बलौदाबाजार : जर्जर हॉस्टल में रहने को मजबूर हैं छात्र, बना रहता है जान का खतरा

बिलाईगढ़ क्षेत्र के भटगांव का आदिवासी बालक छात्रावास में छात्रों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है.

bad condition of government tribal boys hostel bilaigarh in balodabazar
खस्ताहाल छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने मजबूर छात्र
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Published : Dec 16, 2019, 10:30 PM IST

बिलाईगढ़/बलौदाबाजार : बिलाईगढ़ क्षेत्र के भटगांव का आदिवासी बालक छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यहां रहने वाले छात्रों को न तो बेहतर भवन नसीब है और न ही बिजली के जाने पर वैकल्पिक व्यवस्था मिल पाती है. यहां तक कि यहां स्टूडेंट्स को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं.

आदिवासी बालक छात्रावास मुलभूत सुविधाओं से वंचित

सीनियर बालक छात्रावास में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 50 छात्रों को रहने के लिए शासन ने ये छात्रावास दिया है, जिससे आदिवासी जाति के गरीब बच्चे छात्रावास में रहकर बेहतर शिक्षा ले सकें, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही से छात्रावास की मरम्मत तक नहीं हो सकी है.

कभी भी हो सकता है हादसा
समय पर मरम्मत नहीं होने से छात्रावास भवन की हालत खस्ता हो चुकी है. दीवारों में दरार आ गई है. छत का प्लास्टर गिर रहा है और तो और बारिश के दिनों में पानी टपकने पर भी छात्र यहीं रहने को मजबूर हैं. जर्जर हॉस्टल में स्टूडेंट्स को हर वक्त जान का खतरा बना रहता है, लिहाजा छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द जर्जर भवन की मरम्मत करवाई जाए.

जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
हॉस्टल अधीक्षक ने बताया कि पिछले 4 साल से आज तक अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

बिलाईगढ़/बलौदाबाजार : बिलाईगढ़ क्षेत्र के भटगांव का आदिवासी बालक छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यहां रहने वाले छात्रों को न तो बेहतर भवन नसीब है और न ही बिजली के जाने पर वैकल्पिक व्यवस्था मिल पाती है. यहां तक कि यहां स्टूडेंट्स को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं.

आदिवासी बालक छात्रावास मुलभूत सुविधाओं से वंचित

सीनियर बालक छात्रावास में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 50 छात्रों को रहने के लिए शासन ने ये छात्रावास दिया है, जिससे आदिवासी जाति के गरीब बच्चे छात्रावास में रहकर बेहतर शिक्षा ले सकें, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही से छात्रावास की मरम्मत तक नहीं हो सकी है.

कभी भी हो सकता है हादसा
समय पर मरम्मत नहीं होने से छात्रावास भवन की हालत खस्ता हो चुकी है. दीवारों में दरार आ गई है. छत का प्लास्टर गिर रहा है और तो और बारिश के दिनों में पानी टपकने पर भी छात्र यहीं रहने को मजबूर हैं. जर्जर हॉस्टल में स्टूडेंट्स को हर वक्त जान का खतरा बना रहता है, लिहाजा छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द जर्जर भवन की मरम्मत करवाई जाए.

जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
हॉस्टल अधीक्षक ने बताया कि पिछले 4 साल से आज तक अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

Intro:


बिलाईगढ़ एंकर-बिलाईगढ़ क्षेत्र के भटगांव आदिवासी बालक छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है।यहां रहने वाले वाले छात्रों को न तो बेहतर भवन नसीब है।और न ही बिजली गुल होने पर उन्हें जेनरेटर की सुविधा है।
आदिवासी छात्रावास जो सीनियर बालक छात्रावास में कक्षा 9वी से 12 वी तक के 50 छात्रों को रहने के लिये शासन द्वारा प्रदान किया है।जिससे आदिवासी जाति के गरीब बच्चे छात्रावास में रहकर अच्छे से शिक्षा प्राप्त कर सके।लेकिन विभागीय अधिकारियों के मनमानी एवं उपेक्षापूर्ण रवैया के चलते छात्रावास की मरम्मत तक नही कराई जा रही है।मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर हो चुका है।छात्रावास की छत पुरी तरह से गिरने लगी है।और दीवारों में दर्रे हो चुका है।वही छात्रों ने नाराजगी जाहिर करते हुए छात्रावास भवन की मरम्मत कराये जाने की मांग की है।





Body:यहाँ कभी भी बड़ी घटना घट सकती है।वही अधीक्षक ने बताया कि अधिकारियों से शिकायत पिछले चार सालों से लेकर आज तक कई बार कर चुका लेकिन आज तक मरम्मत का कार्य नही किया।Conclusion:बाईट- 1 राहुल कुमार - छात्र

बाईट- 2 रागविन मनहर - छात्रावासा अधीक्षक
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