बिलाईगढ़/बलौदाबाजार : बिलाईगढ़ क्षेत्र के भटगांव का आदिवासी बालक छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यहां रहने वाले छात्रों को न तो बेहतर भवन नसीब है और न ही बिजली के जाने पर वैकल्पिक व्यवस्था मिल पाती है. यहां तक कि यहां स्टूडेंट्स को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं.
सीनियर बालक छात्रावास में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 50 छात्रों को रहने के लिए शासन ने ये छात्रावास दिया है, जिससे आदिवासी जाति के गरीब बच्चे छात्रावास में रहकर बेहतर शिक्षा ले सकें, लेकिन विभागीय अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही से छात्रावास की मरम्मत तक नहीं हो सकी है.
कभी भी हो सकता है हादसा
समय पर मरम्मत नहीं होने से छात्रावास भवन की हालत खस्ता हो चुकी है. दीवारों में दरार आ गई है. छत का प्लास्टर गिर रहा है और तो और बारिश के दिनों में पानी टपकने पर भी छात्र यहीं रहने को मजबूर हैं. जर्जर हॉस्टल में स्टूडेंट्स को हर वक्त जान का खतरा बना रहता है, लिहाजा छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द जर्जर भवन की मरम्मत करवाई जाए.
जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
हॉस्टल अधीक्षक ने बताया कि पिछले 4 साल से आज तक अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी जिम्मेदार ने सुध नहीं ली, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.