बालोद: जिले के बीचों-बीच राइस मिल स्थापित होने से नगर के लगभग 5 वार्ड सीधे-सीधे प्रभावित हो रहे हैं. प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग इसके खिलाफ आने वाले दिनों में आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं.
वार्डवासियों का कहना है कि मिलों से निकालने वाली धूल के कारण बच्चे घरों में सुरक्षित नहीं हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि धूल के कारण भोजन भी दूषित होता है और आंखें भी प्रभावित हो रही हैं. वहीं राइस मिलों से निकलने वाले बदबूदार गंदे पानी से सबसे ज्यादा गंजपारा के रहने वाले लोग प्रभावित हैं.
ये वार्ड हो रहे प्रभावित
राइस मिल से सीधे-सीधे वार्ड क्रमांक 11, 12, 13 और 14 प्रभावित हो रहा है, यहां के पार्षद भी राइस मिलों के खिलाफ अब आंदोलन की राह अपनाने लगे हैं. बता दें कि बीते कई सालों से शहर के बीचो-बीच स्थापित राइस मिलों के विस्थापन को लेकर प्रशासन की ओर से प्रयास की गई थी. लेकिन स्थिति जस की तस है. लोगों को रोजाना आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्थानियों का कहना है कि बाहर कपड़े सुखाने के बाद उनके कपड़े काले हो जाते हैं.
कड़ा फैसला लेने की जरूरत
जानकारी के मुताबिक शहर में स्थापित राइस मिलों से निकलने वाले काले हुए काले धुएं के कारण एक व्यक्ति अपनी आंखों की रोशनी भी गंवा चुका है. ऐसे में अब प्रशासन को इन मिलों को लेकर कोई ठोस फैसला लेने की आवश्यकता है. इस संदर्भ में जब वार्ड क्रमांक 12 के वर्तमान पार्षद राजू पटेल से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जब 5 साल पहले वह पार्षद थे तब उन्होंने राइस मिलों से होने वाले प्रभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी और जन जागरूकता के लिए चश्मे भी बांटे गए थे. तब उस समय तत्कालीन व्यवस्था के रूप में राइस मिल की ओर से धुआं निकलने की चिमनी में फिल्टर लगाए गए थे.
आंदोलन करने की आवश्यकता
वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद योगराज भारती का कहना है कि लगातार शिकायत करने के बावजूद भी अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण उनको आंदोलन करने की आवश्यकता पड़ रही है.