बिलासपुर: समाज की कुरीतियों को उजागर करती फिल्म सुकवा 10 जनवरी को रिलीज हो रही है. इस फिल्म में छत्तीसगढ़ की लोक गायिका गरिमा दिवाकर ने भी काम किया है. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक मनोज वर्मा ने यह फिल्म बनाई है. हमारे संवाददाता संजय यादव ने लोक गायिका और अभिनेत्री गरिमा दिवाकर से खास बातचीत की.
पिता ही पहले गुरु: गरिमा दिवाकर कहती हैं कि मेरे गायन सीखने की शुरुआत तीन साल की उम्र में हो गई थी. मेरे पिता संतोष दिवाकर ही मेरे पहले गुरु हैं. वह भी दूरदर्शन और रेडियो में बतौर आर्टिस्ट गाते रहे हैं. जब पिता रियाज करते थे तो मैं उनको सुन सुनकर उनके साथ गाने की कोशिश करती थी. पिता को लगा कि मुझे इंट्रेस्ट है तो उन्होंने मुझे गीत संगीत सिखाया.
संगीत यात्रा की शुरुआत: गरिमा दिवाकर कहती हैं कि रायपुर में जगार मेले में पहली बार मैंने परफार्मेंस दिया. मैं पद्मश्री मदन चौहान जी की गोद में बैठी थी. मैंने ''मां सुनाओ मुझे वो कहानी'' गाया था.
मुझे गाना पसंद है, क्योंकि यह मेरे खून में है. पहली बार गाया तो इनाम मिला. मुझे लगा कि गाना गाने से इनाम मिलता है, इसलिए इंट्रेस्ट बढ़ता गया. फिर टेलीविजन में भी रियलिटी शो में पार्टिसिपेट किया-गरिमा दिवाकर, लोक गायिका और अभिनेत्री
बचपन से एक्टिंग का भी शौक: गरिमा दिवाकर ने बताया कि एक्टिंग का भी बचपन से शौक है. अपने म्यूजिक एल्बम में भी एक्टिंग किया है. फिल्म की एक्टिंग और एल्बम में एक्टिंग दोनों अलग हैं. बचपन से तैयारी रही है, लेकिन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एनएसडी दिल्ली में काफी सीखा है.
सुरों के जरिए हम गाना गाने के लिए एक्टिंग तो करते हैं, लेकिन फिल्म में अभिनय करना बहुत अलग अनुभव रहा. मनोज वर्मा जी के साथ पहली फिल्म की है. मैं बहुत खुश हूं-गरिमा दिवाकर, लोक गायिका और अभिनेत्री
पहली फिल्म का अनुभव: फिल्म का अभिनय और रंगमंच के अभिनय में फर्क होता है. रंगमंच में ऊंची आवाज में संवाद अदायगी करनी पड़ती है, ताकि स्टेज से आखिरी पंक्ति में बैठे दर्शक तक आपकी आवाज पहुंचे. फिल्म में कैमरा काफी क्लोज होता है. मनोज वर्माजी के डायरेक्शन में मैंने कोशिश की और अपने किरदार को निभाया. उन्होंने काफी अच्छे से कहानी को एक्सप्लेन किया. यह चुनौतीपूर्ण तो था लेकिन मनोज वर्माजी ने काफी सपोर्ट किया.
युवाओं को संदेश: गरिमा दिवाकर कहती हैं कि मैं सभी से यह कहूंगी कि हम सब बहुत लकी हैं, क्योंकि हमें सोशल मीडिया समेत बहुत सारे प्लेटफॉर्म मिल गए हैं. हम अपने टैलेंट को लोगों को दिखा सकते हैं. जो भी काम करते हैं, उसे एंजॉय करें और ज्यादा से ज्यादा बारीकियां सीखें. मैं बचपन से गा रही हूं लेकिन मैं लगातार सीखने की कोशिश करती हूं ताकि और बेहतर परफार्मेंस हो. हम जितना काम सीखेंगे उतना अच्छा लोगों को डिलीवर कर पाएंगे. हर क्षेत्र में मेहनत जरूरी है.
फिल्म सुकवा की कहानी: सिंगर और अभिनेत्री गरिमा दिवाकर ने कहा कि फिल्म "सुकवा" एक लोक कथा पर आधारित है. फिल्म सुकुवा में एक ऐसी कहानी है, जो सदियों से चली आ रही कुरीतियों को उजागर करती है. यह फिल्म महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को दर्शाती है. यह अंधविश्वास के प्रति जागरूकता पर आधारित है. फिल्म में भूत प्रेत भी हैं लेकिन फिल्म हॉरर नहीं है. यह हंसी मजाक से भरपूर और एक संदेश देती हुई फिल्म है. "सुकवा" में सुपरस्टार मन कुरेशी, दीक्षा जायसवाल हैं. फिल्म का संगीत भी हिट हो रहा है. "रानी के फुन्दरा ला" सांग सोशल मीडिया यूट्यूब पर अच्छा चल रहा है. इस गाने पर सैकड़ों रील भी बन चुकी है.