बालोद: बहुचर्चित आंख फोड़वा कांड के बाद से जिले में काफी वर्षों तक मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं किया जा रहा था. लेकिन अब दोबारा यह ऑपरेशन शुरू हो चुका है. यहां पहला लक्ष्य आदिवासी क्षेत्र को मोतियाबिंद से मुक्त बनाना है. बालोद जिले के आदिवासी बाहुल्य ब्लाॅक डौण्डी को मोतियाबिंद मुक्त करने के लिए शासन की ओर से प्रशासन को निर्देश मिला है.
गांव में शुरू हुआ सर्वे
जिसके बाद प्रशासनिक अमला पुरजोर तैयारियों में जुट गया है. शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम के जरिये गांवों में जाकर सर्वे किया जा रहा है और सूची तैयार की जायेगी. कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कोरोना के कठिन दौर में नियमित गतिविधियां लगातार जारी रही. इसी बीच शासन ने मोतियाबिंद मुक्त करने डौण्डी ब्लाॅक का चयन किया है. प्रशासन की तरफ से अभी सघन सर्वे किया जा रहा है.
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जिसमें मोतियाबिंद पीड़ित व्यक्तियों का चयन किया जा रहा है. अगर किसी मरीज की समस्या दवाई से दूर हो सकती है, तो उसे पहली प्राथमिकता दी जायेगी. जिसके बाद जिला अस्पताल में ऑपरेशन के लिए शिविर लगाया जायेगा. प्रशासन की टीम के साथ मितानिन भी गंभीरता से इस कार्य में लगी हुई है.
आंख फोड़वा कांड के बाद से बंद था ऑपरेशन
पूरे प्रदेश में बालोद जिले का आंख फोड़वा कांड काफी सुर्खियों में था. इसके बाद से मोतियाबिंद का ऑपरेशन काफी दिनों तक बंद था. लेकिन अब इसका ऑपरेशन शुरू हुआ है, तो इसे वृहद रूप में करने की तैयारी प्रशासन द्वारा शुरू की गई है. जिसके बाद से यहां पर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुट गया है और जल्द ही ऑपरेशन शुरू कर लिया जाएगा. बालोद में मोतियाबिंद मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जाएगा, जिनकी समस्या दवाई से ठीक हो सकती है, उन्हें दवाई से ही ठीक किया जाएगा.