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रूपा से सीखना चाहिए कि जिंदगी हार मानने से नहीं कुछ ठानने से चलती है - 10th board

बलरामपुर में रहने वाली 10वीं की छात्रा रूपा दास ने लाख मुसीबतों के बावजूद कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसे सुनने के बाद यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.

रूपा से सीखना चाहिए कि जिंदगी हार मानने से नहीं कुछ ठानने से चलती है
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Published : May 19, 2019, 11:29 PM IST

Updated : May 20, 2019, 7:23 PM IST

बलरामपुर: बलरामपुर में रहने वाली 10वीं की छात्रा रूपा दास ने लाख मुसीबतों के बावजूद कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसे सुनने के बाद यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.

पैकेज

72 फीसदी अंक से पास की 10वीं बोर्ड परीक्षा
दिव्यांग होने के साथ रूपा ने कई मुसीबतें झेलीं लेकिन 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 72 फीसदी अंक लाकर मिसाल कायम की है. रूपा रामानुजगंज में बने एक छोटे से घर में अपने पारिवार के साथ रहती है.

लाख मुसीबतों के बाद भी नहीं मानी हार
रूपा शासकीय कन्या हाई स्कूल में तालीम लेती है. भले ही शरीर ने रूपा का साथ नहीं दिया लेकिन मन में दृढ़ संकल्प और कभी हार न मानने के जज्बे ने रूपा को हिम्मत दी जिसका नतीजा यह हुआ कि वो साल दर साल अपने लक्ष्य को पाती गई और वो दिन भी आ गया जब उसने अपने जीवन एक पड़ाव पार कर लिया.

बीईओ ने दिया मदद का भरोसा
10वीं बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद से रूपा के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ रूपा को मुबारकबाद देने के लिए उसके घर पहुंचे. बीईओ के घर पहुंचने से रूपा बेहद खुश है.

विभाग को दिए निर्देश
रूपा की ट्राइसिकल खराब हो गई है. बीईओ ने विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि फौरन रूपा के नई ट्राइसिकल की व्यवस्था कराई जाए. रूपा के साथ-साथ उसकी मां और भाई बेहद खुश हैं वो कहती हैं कि बेटी जहां तक पढ़ना चाहेगी वो उसे पढ़ाएंगी. सलाम रूपा के साहस को जिसने मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानी. हम तो यही दुआ करेंगे रूपा हर वर्ष ऐसी की अव्वल आती हैं और अपने मेहनत और जज्बे से नए-नए कीर्तिमान बनाती रहे.

बलरामपुर: बलरामपुर में रहने वाली 10वीं की छात्रा रूपा दास ने लाख मुसीबतों के बावजूद कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसे सुनने के बाद यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.

पैकेज

72 फीसदी अंक से पास की 10वीं बोर्ड परीक्षा
दिव्यांग होने के साथ रूपा ने कई मुसीबतें झेलीं लेकिन 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 72 फीसदी अंक लाकर मिसाल कायम की है. रूपा रामानुजगंज में बने एक छोटे से घर में अपने पारिवार के साथ रहती है.

लाख मुसीबतों के बाद भी नहीं मानी हार
रूपा शासकीय कन्या हाई स्कूल में तालीम लेती है. भले ही शरीर ने रूपा का साथ नहीं दिया लेकिन मन में दृढ़ संकल्प और कभी हार न मानने के जज्बे ने रूपा को हिम्मत दी जिसका नतीजा यह हुआ कि वो साल दर साल अपने लक्ष्य को पाती गई और वो दिन भी आ गया जब उसने अपने जीवन एक पड़ाव पार कर लिया.

बीईओ ने दिया मदद का भरोसा
10वीं बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद से रूपा के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ रूपा को मुबारकबाद देने के लिए उसके घर पहुंचे. बीईओ के घर पहुंचने से रूपा बेहद खुश है.

विभाग को दिए निर्देश
रूपा की ट्राइसिकल खराब हो गई है. बीईओ ने विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि फौरन रूपा के नई ट्राइसिकल की व्यवस्था कराई जाए. रूपा के साथ-साथ उसकी मां और भाई बेहद खुश हैं वो कहती हैं कि बेटी जहां तक पढ़ना चाहेगी वो उसे पढ़ाएंगी. सलाम रूपा के साहस को जिसने मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानी. हम तो यही दुआ करेंगे रूपा हर वर्ष ऐसी की अव्वल आती हैं और अपने मेहनत और जज्बे से नए-नए कीर्तिमान बनाती रहे.

Intro:बलरामपुर: मेहनत और लगन इंसान के लिए वो दो पहलू है जिसे अपना कर बड़े से बड़ा काम किया जा सकता है, लेकिन ऐसा कुछ काम अगर कोई पूरी तरह दिव्यांग बच्ची कर जाए तो आप क्या कहेंगें। जी हाँ बलरामपुर के रामानुजगंज की रहने वाली रूपा ने 10 वी की बोर्ड की परीक्षा में 72 फीसदी से ज्यादा अंक लाकर, कई दिव्यांग लोगों के लिए आदर्श का मिशाल बन चुकी है।
Body:बलरामपुर जिले के रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 8 की रहने वाली रुपा दास, जन्म से ही पूरी तरह से दिव्यांग थी लेकिन अपनी दिव्यांगता को रुपा ने कभी कमजोरी नहीं समझी और उसने आगे कुछ करने की ठान पढ़ाई प्रारम्भ किया,रामानुजगजं के शासकीय कन्या हाई स्कूल में दाखिला के बाद रूपा ने अपने परिवार वालो की सहायता से कक्षा 10 तक कि पढ़ाई कड़ी मेहनत के साथ पहुच गई और अब रूपा की असल परीक्षा सामने थी, ईस बार रूपा10वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुई और उसने सभी को चोकाते हुए शानदार 72.16 प्रतिशत अंक हासिल कि।रुपा को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता की उसने इतना अंक अर्जित किया होगा लेकिन प्रतिदिन स्कूल जाना और खुद की मेहनत ने ये कर दिखाया और आज सभी के लिए मिसाल बन गई है।रुपा की इस कामयाबी के बाद उसके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और शिक्षा विभाग से विकासखण्ड शिक्षाअधिकारी अपने स्टाॅफ के साथ उसे बधाई देने उसके घर पहुचे।बीईओ को अपने घर में देखकर रुपा काफी खुश है और वहीं बीईओ आर.एल.पटेल ने एक दिव्यांग छात्रा की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा की रूपा की आगे की पढाई में अब जो भी जरुरत होगी वो उसकी पूरी मदद करेंगे और वो जितना शिक्षा ग्रहण करना चाहती है उसे वो पूरा करवांएगे।पूरी तरह से दिव्यांग रुपा का ट्राईसायकिल खराब हो गया है उसे देखते हुए बीईओ ने तत्काल इसकी व्यवस्था कराने की बात कही है वहीं रुपा ने बताया की स्कूल से आने के बाद वो घर में आकर पढाई करती थी और उसके भाई बहन उसकी पढाई में मदद करते थे।मां अपनी बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं और उसे आगे और पढाने की बात कर रहीं हैं।

बाईट. 01.रुपा दिव्यांग छात्रा
बाईट. 02.गीता देवी,रुपा की मां
बाईट. 03.आर.एल.पटेल,बीईओ
Conclusion:
Last Updated : May 20, 2019, 7:23 PM IST
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