बलरामपुर: एकलव्य आवासीय विद्यालय में सोमवार को 110 बच्चों की तबियत खराब होने से हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आवासीय विद्यालय में कैम्प लगाकर जांच की. जांच के दौरान 60 बच्चों में गंभीर लक्षण नजर आए हैं. बच्चों को सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बड़ी बात यह है कि इनमें से 22 बच्चों में टाइफाइड के लक्षण पाये गये हैं. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के बीमार पड़ने के पीछे की मुख्य वजह दूषित भोजन और साफ सफाई की कमी को बताया जा रहा है.
छात्रावास में 240 बच्चे: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम कोटराही में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है. इस आवासीय विद्यालय में फिलहाल 240 छात्र छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं. सोमवार सुबह अस्पताल में कुछ बच्चों को सर्दी, बुखार और पेट दर्द की शिकायत हुई थी. इसकी जानकारी आवासीय विद्यालय की ओर से कलेक्टर विजय दयाराम के को दी गई. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को आवासीय विद्यालय में जाकर बच्चों की जांच के निर्देश दिए.
60 को लाना पड़ा हॉस्पिटल: कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. बसंत सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आवासीय विद्यालय में कैम्प लगाया. वहां 110 बच्चे विभिन्न बीमारियों से ग्रसित पाए गए. इनमें से 60 बच्चों में लक्षण नजर आने पर उन्हें उपचार के लिए सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 24 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है. बाकी बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद आवासीय विद्यालय भेज दिया गया है.
दूषित भोजन, पानी व सफाई की कमी: बच्चों के बीमार पड़ने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है. बच्चों ने बताया कि उन्हें रात को आलू बड़ी की सब्जी और चावल खाने में दिया गया था. कुछ बच्चियों का कहना है कि उन्हें बीती रात से ही सर्दी और सिर दर्द की समस्या थी. ऐसे में बच्चों के बीमार पड़ने के कारणों को लेकर चिकित्सक स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहे है. लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इस तरह की समस्या दूषित भोजन, पानी व सफाई की कमी के कारण होती है.
सामान्य है बच्चों की तबीयत: बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने कहा " बच्चों के बीमार पड़ने की जानकारी के बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीम को आवासीय विद्यालय भेजा गया था. जांच के दौरान 60 बच्चों में लक्षण नजर आने पर उन्हें सिविल हॉस्पिटल लाया गया. 24 बच्चों को भर्ती किया गया. 22 में टाइफाइड की पुष्टि हुई है. फिलहाल बच्चे खतरे से बाहर हैं. उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है."
सभी को अलर्ट रहने के निर्देश: बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा "आज जानकारी मिलने के बाद टीम को आवासीय विद्यालय रवाना किया गया था. अब बच्चों की हालत सामान्य है. कुछ बच्चों में टाइफाइड की पुष्टि हुई है. सभी आवासीय विद्यालयों में साफ सफाई व जल स्त्रोत की सफाई के निर्देश गए है."
भिलाई की घटना से सबक नहीं! बलरामपुर के छात्रावास में बच्चे बीमार, 22 को टाइफाइड - बलरामपुर न्यूज
भिलाई के एक निजी हॉस्टल में फूड प्वॉइजनिंग से एक मौत और 39 बच्चों के बीमार होने के बाद भी सबक नहीं लिया गया. अब ऐसी ही घटना सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में सामने आई है. यहां शासकीय छात्रावास में सौ से अधिक बच्चे बीमार हो गये हैं. 240 बच्चों के छात्रावास में 110 बच्चे बीमार पाये गये हैं. 110 में से 22 बच्चों में टाइफाइड के लक्षण मिले हैं.
बलरामपुर: एकलव्य आवासीय विद्यालय में सोमवार को 110 बच्चों की तबियत खराब होने से हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आवासीय विद्यालय में कैम्प लगाकर जांच की. जांच के दौरान 60 बच्चों में गंभीर लक्षण नजर आए हैं. बच्चों को सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बड़ी बात यह है कि इनमें से 22 बच्चों में टाइफाइड के लक्षण पाये गये हैं. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के बीमार पड़ने के पीछे की मुख्य वजह दूषित भोजन और साफ सफाई की कमी को बताया जा रहा है.
छात्रावास में 240 बच्चे: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम कोटराही में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है. इस आवासीय विद्यालय में फिलहाल 240 छात्र छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं. सोमवार सुबह अस्पताल में कुछ बच्चों को सर्दी, बुखार और पेट दर्द की शिकायत हुई थी. इसकी जानकारी आवासीय विद्यालय की ओर से कलेक्टर विजय दयाराम के को दी गई. कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को आवासीय विद्यालय में जाकर बच्चों की जांच के निर्देश दिए.
60 को लाना पड़ा हॉस्पिटल: कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. बसंत सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आवासीय विद्यालय में कैम्प लगाया. वहां 110 बच्चे विभिन्न बीमारियों से ग्रसित पाए गए. इनमें से 60 बच्चों में लक्षण नजर आने पर उन्हें उपचार के लिए सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 24 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है. बाकी बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद आवासीय विद्यालय भेज दिया गया है.
दूषित भोजन, पानी व सफाई की कमी: बच्चों के बीमार पड़ने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है. बच्चों ने बताया कि उन्हें रात को आलू बड़ी की सब्जी और चावल खाने में दिया गया था. कुछ बच्चियों का कहना है कि उन्हें बीती रात से ही सर्दी और सिर दर्द की समस्या थी. ऐसे में बच्चों के बीमार पड़ने के कारणों को लेकर चिकित्सक स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहे है. लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इस तरह की समस्या दूषित भोजन, पानी व सफाई की कमी के कारण होती है.
सामान्य है बच्चों की तबीयत: बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने कहा " बच्चों के बीमार पड़ने की जानकारी के बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीम को आवासीय विद्यालय भेजा गया था. जांच के दौरान 60 बच्चों में लक्षण नजर आने पर उन्हें सिविल हॉस्पिटल लाया गया. 24 बच्चों को भर्ती किया गया. 22 में टाइफाइड की पुष्टि हुई है. फिलहाल बच्चे खतरे से बाहर हैं. उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है."
सभी को अलर्ट रहने के निर्देश: बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा "आज जानकारी मिलने के बाद टीम को आवासीय विद्यालय रवाना किया गया था. अब बच्चों की हालत सामान्य है. कुछ बच्चों में टाइफाइड की पुष्टि हुई है. सभी आवासीय विद्यालयों में साफ सफाई व जल स्त्रोत की सफाई के निर्देश गए है."