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Police Rescues Laborers: रामानुजगंज के मजदूर काम करने गए थे बैंगलोर, हुआ ये

Police Rescues Laborers रामानुजगंज के मजदूर ज्यादा पैसा कमाने कर्नाटक के बैंगलोर गए थे. वहां से कुछ दिनों के बाद कुछ मजदूर तो भाग गए लेकिन कुछ मजदूर वहीं फंसे रह गए. घरवालों ने उन्हें छुड़ाने विधायक और पुलिस से गुहार लगाई.

Police rescued the hostage laborers
बंधक मजदूरों को पुलिस ने छुड़ाया
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Published : Aug 11, 2023, 9:23 AM IST

Updated : Aug 11, 2023, 9:54 AM IST

बंधक मजदूरों को पुलिस ने छुड़ाया

बलरामपुर \रामानुजगंज: बेहतर मजदूरी की उम्मीद में लोग रोजी रोटी कमाने बाहर जाते हैं. ऐसे में कई बार मजदूरों को बंधक बनाकर शोषण किया जाता है. रामानुजगंज के मजदूरों के साथ भी ऐसा ही हुआ. एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने उन्हें बंधक बना लिया.

माफियाओं के जाल में कैसे फंसे मजदूर: समसाद अंसारी नाम के ठेकेदार ने कर्नाटक की कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम दिलाने का लालच दिया. 16 मजदूर झांसे में आ गए और वे आरागाही से कर्नाटक के बैंगलोर लाने के लिए राजी हो गए. शुरू में तो ठीक रहा लेकिन कुछ दिनों बाद मजदूरों का शोषण शुरू हो गया. 18 घंटे तक काम कराया जाने लगा. ठीक से खाना नहीं दिया जाता. समय पर मजदूरी भी नहीं मिलने लगी. मजदूर जब इसका विरोध करने लगे तो कंपनी के लोग उनसे मारपीट करने लगे.

गांववालों ने विधायक से मांगी मदद: इस सबसे तंग आकर मजदूरों ने घर लौटने का फैसला किया. 7 मजदूर किसी तरह वहां से फरार हो गए और गांव लौट आये. गांव आकर उन्होंने अपने अन्य 9 साथियों के बंधक होने के बारे में बताया. परिजनों ने विधायक बृहस्पति सिंह से संपर्क किया और बैंगलोर में मजदूरों के बंधक होने की जानकारी दी.

विधायक की पहल से छुड़ाए गए मजदूर: विधायक बृहस्पति सिंह ने तुरंत बलरामपुर पुलिस अधीक्षक लाल उमेंद सिंह को फोन लगाया और मजदूरों के बारे में बताकर जल्द से जल्द मामले में कार्रवाई करने को कहा.

मैंने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक लाल उमेंद सिंह को पूरे मामले की सूचना दी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने फौरन टीम गठित कर बैंगलोर के लिए रवाना किया. जहां सभी बंधक मजदूरों को पुलिस ने छड़ाया और उन्हें सकुशल वापस रामानुजगंज लेकर पहुंचे.

"रामानुजगंज के नौ मजदूरों को काम दिलाने के बहाने कर्नाटक के बैंगलोर में कंस्ट्रक्शन कंपनी में बंधक बनाकर उत्पीड़न और शोषण करने की सूचना मिली थी. पुलिस की टीम बनाकर बैंगलोर भेजा गया था. पुलिस की टीम बंधक मजदूरों को मुक्त कराकर सकुशल वापस लेकर आई है." - एनके सूर्यवंशी, SDOP, रामानुजगंज

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सतर्क रहने की जरूरत: मजदूरों को बड़े शहरों में काम दिलाने और ज्यादा पैसे कमाने का झांसा देकर बंधक बनाए जाने के मामले कई बार सामने आए हैं. ऐसे में मजदूरों को जागरूक होने की जरूरत है. स्थानीय स्तर पर रोजगार या व्यवसाय से जुड़कर रोजी रोटी कमाया जा सकता है. यदि बाहर जा भी रहे हैं, तो पहले वहां की कंपनी के बारे में जरूरी जानकारी लेना जरूरी है. पहले वहां काम कर चुके मजदूरों से भी बात कर लेने से इस प्रकार के धोखे से बचा जा सकता है.

बंधक मजदूरों को पुलिस ने छुड़ाया

बलरामपुर \रामानुजगंज: बेहतर मजदूरी की उम्मीद में लोग रोजी रोटी कमाने बाहर जाते हैं. ऐसे में कई बार मजदूरों को बंधक बनाकर शोषण किया जाता है. रामानुजगंज के मजदूरों के साथ भी ऐसा ही हुआ. एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने उन्हें बंधक बना लिया.

माफियाओं के जाल में कैसे फंसे मजदूर: समसाद अंसारी नाम के ठेकेदार ने कर्नाटक की कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम दिलाने का लालच दिया. 16 मजदूर झांसे में आ गए और वे आरागाही से कर्नाटक के बैंगलोर लाने के लिए राजी हो गए. शुरू में तो ठीक रहा लेकिन कुछ दिनों बाद मजदूरों का शोषण शुरू हो गया. 18 घंटे तक काम कराया जाने लगा. ठीक से खाना नहीं दिया जाता. समय पर मजदूरी भी नहीं मिलने लगी. मजदूर जब इसका विरोध करने लगे तो कंपनी के लोग उनसे मारपीट करने लगे.

गांववालों ने विधायक से मांगी मदद: इस सबसे तंग आकर मजदूरों ने घर लौटने का फैसला किया. 7 मजदूर किसी तरह वहां से फरार हो गए और गांव लौट आये. गांव आकर उन्होंने अपने अन्य 9 साथियों के बंधक होने के बारे में बताया. परिजनों ने विधायक बृहस्पति सिंह से संपर्क किया और बैंगलोर में मजदूरों के बंधक होने की जानकारी दी.

विधायक की पहल से छुड़ाए गए मजदूर: विधायक बृहस्पति सिंह ने तुरंत बलरामपुर पुलिस अधीक्षक लाल उमेंद सिंह को फोन लगाया और मजदूरों के बारे में बताकर जल्द से जल्द मामले में कार्रवाई करने को कहा.

मैंने बलरामपुर पुलिस अधीक्षक लाल उमेंद सिंह को पूरे मामले की सूचना दी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने फौरन टीम गठित कर बैंगलोर के लिए रवाना किया. जहां सभी बंधक मजदूरों को पुलिस ने छड़ाया और उन्हें सकुशल वापस रामानुजगंज लेकर पहुंचे.

"रामानुजगंज के नौ मजदूरों को काम दिलाने के बहाने कर्नाटक के बैंगलोर में कंस्ट्रक्शन कंपनी में बंधक बनाकर उत्पीड़न और शोषण करने की सूचना मिली थी. पुलिस की टीम बनाकर बैंगलोर भेजा गया था. पुलिस की टीम बंधक मजदूरों को मुक्त कराकर सकुशल वापस लेकर आई है." - एनके सूर्यवंशी, SDOP, रामानुजगंज

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सतर्क रहने की जरूरत: मजदूरों को बड़े शहरों में काम दिलाने और ज्यादा पैसे कमाने का झांसा देकर बंधक बनाए जाने के मामले कई बार सामने आए हैं. ऐसे में मजदूरों को जागरूक होने की जरूरत है. स्थानीय स्तर पर रोजगार या व्यवसाय से जुड़कर रोजी रोटी कमाया जा सकता है. यदि बाहर जा भी रहे हैं, तो पहले वहां की कंपनी के बारे में जरूरी जानकारी लेना जरूरी है. पहले वहां काम कर चुके मजदूरों से भी बात कर लेने से इस प्रकार के धोखे से बचा जा सकता है.

Last Updated : Aug 11, 2023, 9:54 AM IST
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