बलरामपुर: महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी के लिए भर्ती निकाली है. 34 सेक्टर में ये भर्ती की जायेगी. परियोजना अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है. कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी सहायिकाओं के लिए भर्ती निकाली गई है.
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घर-घर जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजना का लाभ मिल सके, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जा रही है. बलरामपुर के 34 सेक्टर में अलग-अलग जगहों और गांव में भर्ती की जा रही है. परियोजना अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में घर-घर जाकर बच्चों को पोषण आहार दिया जा रहा है.आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण सामग्री एकत्र करने के लिए पोषण मटके की स्थापना भी की गई है.
कुपोषण मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य
पोषण मटके में प्राप्त पोषण सामग्री कम वजन के बच्चों के अभिभावकों को प्रदान की जाएगी. स्नेह सरोकार अभियान में जिले के सभी अतिकम वजन के बच्चों को एक वर्ष के भीतर कुपोषित की परिधि से बाहर लाने और जिले को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
गंभीर रूप से कुपोषण का शिकार
बलरामपुर जिले के कई इलाके कुपोषण की गंभीर समस्या से अभी भी जूझ रहे हैं. कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शासन-प्रशासन प्रयासरत है. बलरामपुर के शंकरगढ़ में हाल ही में किए गए सर्वे के अनुसार 43 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए हैं. इसका सर्वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया था. महिला बाल विकास के अधिकारी ने बताया कि इलाके में जो कुपोषित बच्चे हैं, उन्हें बेहतर भोजन दिया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान घर-घर जाकर बेहतर आहार में एक अंडे दिए गए हैं, साथ ही अच्छे आहार के लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार काम कर रही हैं.