अंबिकापुर: वैसे तो हर व्यक्ति को बुनियादी सुविधा मिलना उसका अधिकार है. हर इंसान अपने इलाके को स्वच्छ और सुंदर देखना चाहता है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही और सरकार के ढकोसले वादों से लोगों के सपने धरे के धरे रह जाते हैं. इस वार्ड के लोग खुद ही चंदा एकत्र कर सड़क बनवाने को मजबूर हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, जो इस हकीकत को बयां कर रही हैं.
ये कहानी है अंबिकापुर के रविंद्रनाथ टैगोर वार्ड की, जहां के वार्डवासी पिछले 5 साल से सड़क की मार झेल रहे हैं. बारिश आते ही वार्ड की गली में घुटनेभर कीचड़ भर जाता है. स्कूली बच्चों को आने-जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके लिए वार्डवासियों ने शहर के हर दफ्तर में अर्जियां लगाई, लेकिन उन अर्जियों का क्या कागज ही तो थे, जिसे अफसरों ने मोड़कर दफ्तर में ही दफन कर दिया.
चंदा एकत्रकर बनवा रहे सड़क
वैसे कहने को तो अंबिकापुर को नगर पालिका बने 15 साल बीत गए, लेकिन इलाके की समस्याएं आज भी जस के तस हैं. प्रशासन की लापरवाही और सरकार के ढकोसले वादों से तंग होकर वार्डवासियों ने खुद ही चंदा इकट्ठा कर सड़क बनवाने की बीड़ा उठाई. वार्डवासी बताते हैं कि इस सड़क को दुरूस्त कराने में अब तक 25 से 30 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं, जिससे स्कूल जाते समय बच्चे कीचड़ से लतफत न हो.
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महापौर ने कहा- जल्द होगा निर्माण
फिलहाल नगर पालिका के चौखट से एक मर्तबा फिर से आस की चाह उभरी है. महापौर अजय तिर्की कहते हैं कि ETV भारत के माध्यम से इस समस्या की जानकारी मिली है. वार्डवासियों की समस्याओं का जल्द निवारण किया जाएगा, जिससे उन्हें सुविधाजनक सड़क मिल सके.