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स्वास्थ्य विभाग का तुगलकी फरमान : पहले बिना वैक्सिनेशन अस्पताल में एंट्री नहीं का दिया आदेश फिर पलटा - सरगुजा की खबरें

सरगुजा जिला टीकाकरण में काफी पीछे है. साढ़े सात लाख के लक्ष्य में जिले में अब तक महज 3 लाख 72 हजार के करीब लोगों को पहला डोज और करीब 1 लाख 25 हजार लोगों को दूसरा डोज लग सका है. इस आंकड़े का औसत निकालें तो कुल आबादी के 25 प्रतिशत लोग भी दोनों डोज की वैक्सीन नहीं लगवाए हैं.

Department of Health in discussion
चर्चा में स्वास्थ्य विभाग
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Published : Sep 15, 2021, 10:01 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : कोरोना की तीसरी लहर (The third wave of the corona) का आशंका के बीच लोगों में अब भी वैक्सिनेशन (Vaccination) के प्रति उदासीनता दिख रही है. सरगुजा में वैक्सिनेशन शुरू हुए करीब 8 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब भी 50 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. जबकि भीड़-भाड़ और जनजीवन सामान्य हो चुका है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) ने टीकाकरण को लेकर एक नया आदेश जारी कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि अब मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक किसी भी अस्पताल में मरीज व उनके परिजन को परिसर में तभी प्रवेश मिलेगा, जब वो वैक्सिनेशन का प्रमाण पत्र दिखाएंगे. लेकिन जब इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी से पूछा गया तबतक शायद इस आदेश की वास्तविकता से वे अवगत हो चुके थे और अपने ही आदेश पर बयान कुछ और देते नजर आए.

चर्चा में स्वास्थ्य विभाग


दरअसल, सरगुजा स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. आदेश में लिखी बातों पर अमल करना शायद किसी भी अस्पताल के लिए मुमकिन नहीं है, क्योंकि अस्पताल इलाज के लिए बने हैं. खासकर इमरजेंसी मरीज को तो तुरंत इलाज देना अस्पताल और डॉक्टर का पहला धर्म है. ऐसे में बिना वैक्सिनेशन के प्रवेश वर्जित होने जैसे आदेश का पालन हो पाना मुश्किल सा है. वैसे भी देश में कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर कोई सख्त नियम का या कानून अब तक नहीं बना है. वैक्सीन लगवाने किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है. ऐसे में इस तरह के आदेश का औचित्य समझ से परे था.



जिला टीकाकरण अधिकारी भी अब अपने आदेश से पलट चुके हैं. वे अब इस आदेश को जागरूकता से जोड़ रहर हैं. कह रहे हैं कि वैक्सीन लगी हो या नहीं, किसी को इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकता. हमने अस्पतालों को कहा है कि वो अस्पताल आने वाले लोगों से पूछें और उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें. लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र संख्या 6397 में साफ उल्लेख है कि "अस्पताल मरीज एवं उनके साथी का कोविड वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट देखकर ही उक्त स्थान में प्रवेश देना सुनिश्चित करें" लेकिन 10 सितंबर को जारी इस आदेश पर अब अधिकारी खुद ही सुर बदल चुके हैं. वो अब इस अनिवार्य नहीं बता रहे हैं.



बता दें कि सरगुजा जिला टीकाकरण में काफी पीछे है. साढ़े सात लाख के लक्ष्य में जिले में अब तक महज 3 लाख 72 हजार के करीब लोगों को पहला डोज और करीब 1 लाख 25 हजार लोगों को दूसरा डोज लग सका है. इस आंकड़े का औसत निकालें तो कुल आबादी के 25 प्रतिशत लोग भी दोनों डोज की वैक्सीन नहीं लगवाए हैं. वहीं पहले डोज के बाद 50 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज नहीं लग सकी है.

सरगुजा : कोरोना की तीसरी लहर (The third wave of the corona) का आशंका के बीच लोगों में अब भी वैक्सिनेशन (Vaccination) के प्रति उदासीनता दिख रही है. सरगुजा में वैक्सिनेशन शुरू हुए करीब 8 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब भी 50 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. जबकि भीड़-भाड़ और जनजीवन सामान्य हो चुका है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) ने टीकाकरण को लेकर एक नया आदेश जारी कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि अब मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक किसी भी अस्पताल में मरीज व उनके परिजन को परिसर में तभी प्रवेश मिलेगा, जब वो वैक्सिनेशन का प्रमाण पत्र दिखाएंगे. लेकिन जब इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी से पूछा गया तबतक शायद इस आदेश की वास्तविकता से वे अवगत हो चुके थे और अपने ही आदेश पर बयान कुछ और देते नजर आए.

चर्चा में स्वास्थ्य विभाग


दरअसल, सरगुजा स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. आदेश में लिखी बातों पर अमल करना शायद किसी भी अस्पताल के लिए मुमकिन नहीं है, क्योंकि अस्पताल इलाज के लिए बने हैं. खासकर इमरजेंसी मरीज को तो तुरंत इलाज देना अस्पताल और डॉक्टर का पहला धर्म है. ऐसे में बिना वैक्सिनेशन के प्रवेश वर्जित होने जैसे आदेश का पालन हो पाना मुश्किल सा है. वैसे भी देश में कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर कोई सख्त नियम का या कानून अब तक नहीं बना है. वैक्सीन लगवाने किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है. ऐसे में इस तरह के आदेश का औचित्य समझ से परे था.



जिला टीकाकरण अधिकारी भी अब अपने आदेश से पलट चुके हैं. वे अब इस आदेश को जागरूकता से जोड़ रहर हैं. कह रहे हैं कि वैक्सीन लगी हो या नहीं, किसी को इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकता. हमने अस्पतालों को कहा है कि वो अस्पताल आने वाले लोगों से पूछें और उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें. लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र संख्या 6397 में साफ उल्लेख है कि "अस्पताल मरीज एवं उनके साथी का कोविड वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट देखकर ही उक्त स्थान में प्रवेश देना सुनिश्चित करें" लेकिन 10 सितंबर को जारी इस आदेश पर अब अधिकारी खुद ही सुर बदल चुके हैं. वो अब इस अनिवार्य नहीं बता रहे हैं.



बता दें कि सरगुजा जिला टीकाकरण में काफी पीछे है. साढ़े सात लाख के लक्ष्य में जिले में अब तक महज 3 लाख 72 हजार के करीब लोगों को पहला डोज और करीब 1 लाख 25 हजार लोगों को दूसरा डोज लग सका है. इस आंकड़े का औसत निकालें तो कुल आबादी के 25 प्रतिशत लोग भी दोनों डोज की वैक्सीन नहीं लगवाए हैं. वहीं पहले डोज के बाद 50 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज नहीं लग सकी है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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