अंबिकापुर: अपने अंबिकापुर प्रवास के दौरान सोमवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ETV भारत को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है. TS Singhdev ने विपक्षी दल पर सीधा निशाना साधते हुए बड़ा आरोप लगाया है. TS Singhdev big allegation टीएस सिंहदेव ने कहा कि "विपक्षी दल चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ का शांत माहौल खराब कर लाभ लेना चाह रहे हैं. भाईचारे के माहौल को तोड़ने के ऊपर ध्यान लगा रहे हैं."
कवर्धा के बाद अब बस्तर में भाईचारा तोड़ने का प्रयास: स्वास्थ्य मंत्री ने कहा " यहां चुनाव के पहले विपक्षी दल, जो छत्तीसगढ़ का शांत वातावरण रहता है, भाईचारा रहता है, इसको चुनाव में लाभ लेने के लिए कैसे तोड़ सकें, इस पर ध्यान लगा रहे हैं या लगाएंगे. ये मेरा अनुमान है और ऐसा दिख भी रहा है कि वो लगाएंगे. हमने इसको कवर्धा में देखा भी है. हालांकि कवर्धा का प्रभाव खैरागढ़ के चुनाव में नहीं पड़ा. हम अभी इसको बस्तर क्षेत्र में देख रहे हैं."
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समुदाय विशेष की धार्मिक क्रिया को रोका जा रहा: बस्तर में हालिया घटनाओं पर मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि "वहां एक समुदाय विशेष की, जो दफन करने की प्रक्रिया (religious ritual) है, उसको बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है. कहीं कोई किसी को दफना रहे हैं, उसी को आप रोक दीजियेगा, पूरी धार्मिक क्रिया (religious ritual) को ही रोक दीजियेगा. सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों को विश्वास में लेकर काम करेगी. बल प्रयोग करना आखिरी विकल्प रहता है. कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस प्रकार का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं."
स्वामी विवेकानंद ने स्वीकारी है दफन की प्रक्रिया: स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए सिंहदेव ने कहा "विवेकानंद ने कहा था कि मानव उत्थान के बाद दो क्रियाएं सदियों से चलती आ रही हैं. एक दफनाने की और दूसरी दाह देने की. ये दो ही क्रियाओं से दुनिया के सभी धर्म बने हैं. आदिमानव शव को पत्थरों से ढांक कर रख देते थे. फिर गाड़ कर रखने लगे, ताकि जंगली जानवर नुकसान न कर सकें. वो एक क्रिया थी. एक क्रिया दाह संस्कार की थी. ये दो क्रियाओं से दुनिया के धर्म बने हैं. बस्तर में सोची समझी रणनीति के तहत जो कुछ भी किया जा रहा है, इसको तत्काल रोकना होगा."
चुनावी वर्ष की शुरुआत में उठे सवाल: मंत्री सिंहदेव साल 2023 में देश और प्रदेश के लिए नई उम्मीदों पर ETV भारत से चर्चा कर रहे थे. इसमें उन्होंने सौगातों से अधिक चुनौतियों पर जोर दिया. इसी बीच उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए चुनावी वर्ष में विपक्ष की रणनीति पर भी सवाल खड़े किए हैं.