सरगुजा: हेपेटाइटिस नाम की बीमारी के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि ये बीमारी कितनी खतरनाक है और इसका फैलाव कितनी तेजी से होता है? टैटू बनवाने वाले लोग इसे लेकर खास सावधान हो जाये क्योंकि टैटू नीडल, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद दूसरे व्यक्ति में हेपेटाइटिस का संक्रमण आसानी से पहुंचा सकती है. इतना ही नहीं, हेपेटाइटिस का संक्रमण एड्स से भी कहीं अधिक तेजी से संक्रमित करता है. हेपेटाइटिस दिवस पर ETV भारत इस बीमारी से संबंधित बहुत खास बातें बता रहा है.
लक्षण पीलिया के लेकिन जानलेवा: राष्ट्रीय हेपेटाइटिस निवारण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता बताते हैं कि हेपेटाइटिस को सामान्य रूप से पीलिया माना जाता है. लेकिन सामान्य पीलिया और हेपेटाइटिस में अंतर है. हेपेटाइटिस खतरनाक है. हेपेटाइटिस के कई प्रकार हैं लेकिन सामान्यतः 5 प्रकार के ही हेपेटाइटिस माने जाते हैं. जिनमे हेपेटाइटिस A,B,C,D और E शामिल हैं. इनमें से हेपेटाइटिस A और E तो पानी से फैल जाता है. लेकिन बाकी के वेरिएंट सीरम, ब्लड या इंजेक्ट करने से फैलते हैं.
एचआईवी के वायरस से कहीं अधिक तेजी से यह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है. एचआईवी से 300 गुना ज्यादा क्षमता हेपेटाइटिस के संक्रमण के फैलने की होती है. हेपेटाइटिस बी और सी अधिक खतरनाक होते हैं. इससे लीवर डैमेज होता है और इंसान की जान भी जा सकती है. इसके प्रारंभिक लक्षण पीलिया के होते हैं. पीलिया ठीक भी हो जाता है तब भी इसका वायरस शरीर में रहता है. पीलिया ठीक होने के बाद भी इलाज की जरूरत होती है. ये वायरस लीवर में सिरोसिस और कैंसर पैदा करता है- डॉ. शैलेंद्र गुप्ता
निजी इलाज हो सकता है महंगा: हेपेटाइटिस सी में 3 से 6 महीने की दवाई लेकर मरीज ठीक हो सकता है लेकिन हेपेटाइटिस बी के मरीज को जीवन भर ये दवाइयां लेनी होती है. अगर मरीज दवाई लेना छोड़ दे तो किसी शराबी व्यक्ति के लीवर जितना डैमेज हेपेटाइटिस बी के मरीज का हो सकता है.इसके बचाव के लिए एंटी वायरल दवाइयां हैं जो हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फ्री मिलती हैं. प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने पर एक महीने की दवाई का खर्च 30 हजार से 50 हजार तक आ सकता है.
टैटू बनवाने से भी खतरा: असुरक्षित यौन सबंध, नशे के लिए सामूहिक इंजेक्शन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन से हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है. टैटू बनवाने के लिए उपयोग किए नीडल से इसका खतरा ज्यादा बढ़ गया है. बिना स्टेरेलाइज किए एक ही सुई से कई लोगों के शरीर पर टैटू बनाए जाते हैं. ऐसे के अगर किसी एक व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी का संक्रमण है तो वो दूसरे को फैल सकता है.