सरगुजा: नवरात्रि में मां आदिशक्ति के 9 रूपों की पूजा की जाती है. भक्त माता के हर रूप की पूजा कर माता को प्रसन्न करते हैं और मां का आशीर्वाद पाना चाहते हैं. हर कोई यह चाहता है कि माता की कृपा उस पर हो और उसका जीवन खुशहाल बन सके. चैत्र नवरात्रि के मौके पर पंडित योगेश नारायण मिश्र बताते है कि नवरात्रि में किस मंत्र का जाप करना लाभकारी सिध्द होगा.
एक साल में होती है 4 नवरात्रि: पंडित योगेश मिश्र कहते हैं "नवरात्रि देवी की आराधना पर सिद्धि पाने का दिन होता है. वर्ष भर में 4 नवरात्रि मानी गई है, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्र मुख्य हैं. दो गुप्त नवरात्र होती है, जो साधकों की साधना के लिये उपयुक्त मानी गई हैं. लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्र आम जन के लिये होती है. चैत्र नवरात्र में विशेष रूप से नवमी खास होता है, इस दिन को राममनवमी कहते हैं. इसलिए इस नवरात्र में राम चरित मानस, देवी वंदना, माता सीता की वंदना की जाती है."
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इस मंत्र का करें जप: पंडित योगेश मिश्र बताते हैं कि माता सीता की वंदना फलदायी होती है. यह देवी का मंत्र नवरात्र में विशेष सिद्धि देता है. जो भी भक्त इस मंत्र का जप करता है उसे हर सिद्धि मिलती है. यह मंत्र है "जनक सुता जग जननी जानकी, अति सय प्रिय करुणा निधान की ताके जुग पद कमल मनावव, जासु कृपा निर्मल मति पवव" यह मंत्र बाल कांड में है. इसक मंत्र के पाठ मात्र से नवरात्र में सिद्धि प्राप्त होती हैं. इस नवरात्र में देवी की आराधना में इस मंत्र का जप करें. हर रोज इस मंत्र की 1 माला का जप करने से मंत्र सिद्ध होता है. नवरात्र के नौ दिन इस मंत्र का जप करने के बाद हवन करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है."