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SURGUJA में डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में मांगे थे 50 हजार, नौकरी चली गई

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Published : Jul 10, 2021, 8:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा के मेडिकल कालेज अस्पताल में संविदा डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के नाम पर 50 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी थी. जब मामला उच्च अधिकारियों के पास आया तो उन्होंने डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी. फिलहाल मामले में कार्रवाई की जा रही है.

concept image
सांकेतिक चित्र

सरगुजा: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कभी-कभी अपवाद साबित होते हैं. मेडिकल कालेज अस्पताल (Medical College Hospital) के एक ऐसे डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है, जिसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट (post mortem report) के एवज में 50 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी थे और 10 हजार रुपए ले लिए थे.

Medical College Hospital
मेडिकल कालेज अस्पताल

कार्रवाई से हड़कंप

मामले की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने पूरे प्रकरण की जांच की. उसके बाद संविदा पर फॉरेंसिक मेडिसिन (forensic medicine) के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर एसएन गोले को बर्खास्त कर दिया गया है. इस कार्रवाई से मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) में हड़कंप मचा हुआ है.

नारायणपुर: 10 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार

बीते दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर द्वारा महिला से पीएम रिपोर्ट देने के नाम पर रिश्वत मांगने का मामला वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गंभीरता से लेने के साथ ही अपनी नाराजगी जाहिर की थी. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा डॉ. अनिल प्रसाद, डॉ. बीआर सिंह और डॉ. अभिजीत दीवान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. टीम द्वारा इस मामले की जांच के लिए फोरेंसिक मेडिसिन विभाग (forensic medicine department) में पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ. एसएन गोले व कर्मचारी संतोष रजक को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

वायरल वीडियो को आरोपी डॉक्टर ने बताया साजिश

जांच टीम द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के मुताबिक डॉ. गोले ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जबकि वायरल वीडियो को उन्होंने अपने खिलाफ साजिश बताया है. वहीं टीम द्वारा कर्मचारी संतोष रजक को भी बयान के लिए बुलाया गया था. लेकिन शुरू में वह टीम से इधर-उधर की बातें करता रहा. 6 जुलाई को उसने टीम के समक्ष प्रस्तुत होकर यह बात कबूल की है कि 28 मई को उसने पीएम करने के नाम पर ही 2 हजार रुपए महिला से लिए थे. जबकि 29 जून को उसने डॉ. गोले के कहने पर दस हजार रुपए लिए थे और उसे डॉक्टर के कहने पर ही दराज में रख दिया था.

संविदा डॉक्टर बर्खास्त

टीम ने जब इस बारे में लिखित में प्रतिवेदन देने को कहा तो संतोष रजक वहां से चला गया, लेकिन 7 जुलाई को उसने इस बारे में लिखित प्रतिवेदन भी दिया है, जिसमें उसने डॉ. गोले के कहने पर महिला से दस हजार रुपए लेने की बात स्वीकार की है. इधर आज जांच टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा संविदा डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है.

डॉक्टर की सेवा समाप्त

हालांकि जांच में यह बात स्पष्ट नहीं हुई है कि डॉक्टर ने अपने हाथ से पैसा लिया है. वीडियो में यह नजर आ रहा है कि पैसे की लेनदेन हो रही है लेकिन कितनी राशि है यह स्पष्ट नहीं है. जांच टीम ने वीडियो की सत्यता के लिए साइबर सेल (cyber cell) से जांच की बात कही है. मामले में आगे की जांच पुलिस द्वारा की जाएगी, जिसके बाद अन्य तथ्यों के खुलासे हो सकेंगे. फिलहाल डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है.

सरगुजा: धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कभी-कभी अपवाद साबित होते हैं. मेडिकल कालेज अस्पताल (Medical College Hospital) के एक ऐसे डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है, जिसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट (post mortem report) के एवज में 50 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी थे और 10 हजार रुपए ले लिए थे.

Medical College Hospital
मेडिकल कालेज अस्पताल

कार्रवाई से हड़कंप

मामले की शिकायत के बाद तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने पूरे प्रकरण की जांच की. उसके बाद संविदा पर फॉरेंसिक मेडिसिन (forensic medicine) के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर एसएन गोले को बर्खास्त कर दिया गया है. इस कार्रवाई से मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) में हड़कंप मचा हुआ है.

नारायणपुर: 10 हजार की रिश्वत लेते बाबू गिरफ्तार

बीते दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर द्वारा महिला से पीएम रिपोर्ट देने के नाम पर रिश्वत मांगने का मामला वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गंभीरता से लेने के साथ ही अपनी नाराजगी जाहिर की थी. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा डॉ. अनिल प्रसाद, डॉ. बीआर सिंह और डॉ. अभिजीत दीवान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था. टीम द्वारा इस मामले की जांच के लिए फोरेंसिक मेडिसिन विभाग (forensic medicine department) में पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ. एसएन गोले व कर्मचारी संतोष रजक को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

वायरल वीडियो को आरोपी डॉक्टर ने बताया साजिश

जांच टीम द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के मुताबिक डॉ. गोले ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जबकि वायरल वीडियो को उन्होंने अपने खिलाफ साजिश बताया है. वहीं टीम द्वारा कर्मचारी संतोष रजक को भी बयान के लिए बुलाया गया था. लेकिन शुरू में वह टीम से इधर-उधर की बातें करता रहा. 6 जुलाई को उसने टीम के समक्ष प्रस्तुत होकर यह बात कबूल की है कि 28 मई को उसने पीएम करने के नाम पर ही 2 हजार रुपए महिला से लिए थे. जबकि 29 जून को उसने डॉ. गोले के कहने पर दस हजार रुपए लिए थे और उसे डॉक्टर के कहने पर ही दराज में रख दिया था.

संविदा डॉक्टर बर्खास्त

टीम ने जब इस बारे में लिखित में प्रतिवेदन देने को कहा तो संतोष रजक वहां से चला गया, लेकिन 7 जुलाई को उसने इस बारे में लिखित प्रतिवेदन भी दिया है, जिसमें उसने डॉ. गोले के कहने पर महिला से दस हजार रुपए लेने की बात स्वीकार की है. इधर आज जांच टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा संविदा डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है.

डॉक्टर की सेवा समाप्त

हालांकि जांच में यह बात स्पष्ट नहीं हुई है कि डॉक्टर ने अपने हाथ से पैसा लिया है. वीडियो में यह नजर आ रहा है कि पैसे की लेनदेन हो रही है लेकिन कितनी राशि है यह स्पष्ट नहीं है. जांच टीम ने वीडियो की सत्यता के लिए साइबर सेल (cyber cell) से जांच की बात कही है. मामले में आगे की जांच पुलिस द्वारा की जाएगी, जिसके बाद अन्य तथ्यों के खुलासे हो सकेंगे. फिलहाल डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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