सरगुजा: अम्बिकापुर के मायापुर में स्थित पंचदेव मंदिर में विराजे हनुमानजी की भी महिमा प्रसिद्ध है, मंगलवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मंदिर बहुत प्राचीन तो नहीं लेकिन कम समय में ही लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र बन चुका है. मंगलवार को हनुमान जी की पूजा कैसे करें.? उनकी पूजा का क्या विधान है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब हमने मांगे पंडित संजय कुमार तिवारी से...
आराधना मात्र से भय बाधा होगी दूर: हनुमान मंदिर के पुजारी संजय कुमार तिवारी बताते हैं "हनुमान जी सारे कष्ट को हरने वाले सारी पीड़ा को हरने वाले देवता हैं. कहा गया है कि कलयुग में यही एक देवता है जो अमर है. हनुमान जी की पूजा आराधना करने पर बहुत जल्द ही हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. मंगलवार को हनुमान जी की पूजा इसलिए की जाती है, क्योंकि उनका दिन मंगलवार होता है. क्योंकि हनुमान जी का जन्म भी मंगलवार को ही हुआ था."
इन बाधाओं से मिल जाती है मुक्ति: पुजारी संजय कुमार तिवारी बताते हैं "जो श्रद्धालु अनेकों प्रकार के दुखों से पीड़ित हैं. जैसे कि उन्हें शारीरिक कोई पीड़ा हो, धन लाभ ना हो रहा हो, शत्रु परेशान कर रहा हो, यह सारे कष्ट हनुमान जी की आराधना मात्र से दूर हो जाते हैं. जैसे कि हनुमान चालीसा में वर्णन है कि "नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा" अर्थात इनका नाम जपने से ही इन बाधाओं से मुक्ती मिल जाती है."
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तुलसी माला, चमेली का तेल और सिंदूर अतिप्रिय: पण्डित संजय तिवारी कहते हैं "मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये सुबह स्नान के बाद मंदिर में चमेली का तेल और हनुमानी सिंदूर लायें. चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उसका लेप हनुमानजी के पूरे शरीर मे लगायें. इसके अलावा हनुमानजी को तुलसी पत्ता का माला अतिप्रिय है. अगर कोई तुलसी की माला हर मंगलवार को हनुमानजी को पहनाते हैं. तो कई प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है.
हनुमानजी को भक्त नैवेद्य में बेसन का लड्डू अर्पित करते हैं, क्योंकि हनुमानजी को बेसन के लड्डू, चना, गुड़, किशमिश प्रिय है. इसके बाद एक पान का बीड़ा हनुमानजी को आवश्य अर्पित करना चाहिए, क्योंकि इससे यश की प्राप्ति होती है."
अकवन के पत्ते की माला: पंडित संजय तिवारी कहते हैं कि "अगर रोग हो, कोई बाहरी बाधा परेशान कर रही हो, तो भक्त 108 लौंग की माला बनाकर के हनुमानजी को मंगलवार को अर्पित करें. अगर बहुत ही जटिल बीमारी हो, इसके लिये आक (अकवन) का पत्ता ले लें. इस पत्ते पर राम नाम लिखकर हनुमानजी को पहना दें. और भी विशेष कृपा हनुमानजी की चाहिये, तो उन्हें प्रतिदिन अपने घर मे सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए, क्योंकी सुंदर कांड में हनुमानजी का ही वर्णन है."