सरगुजा : छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है. 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस सरकार का यह दूसरा बजट है. इस बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. खासकर किसानों के लिए खजाना खोलने वाली भूपेश सरकार से अब समाज के बाकी वर्गों को उम्मीदें हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह क्षेत्र सरगुजा की जनता स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट में विशेष पैकेज की आस लगाए हुए हैं.
ETV भारत ने बजट पर लोगों की उम्मीदें जानने की कोशिश की है. जिसमें लोगों ने दिल्ली की तर्ज पर सभी वर्गों को निशुल्क चिकित्सा और मोहल्ला क्लिनिक जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है.
बता दें की प्रदेश के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री भी दिल्ली सरकार के काम से प्रभावित हैं. उन्होंने हालही में दिल्ली के शिक्षा मॉडल के अनुसरण की बात कही थी. वहीं कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का अवलोकन भी किया था.
'नहीं पसंद आयुष्मान भारत जैसी योजना'
सरगुजा के युवा स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को भी पसंद नहीं कर रहे हैं. इनका मानना है की सरकार जो प्रीमियम की राशि बीमा कंपनियों को देती है वो पैसा अगर सीधे सरकारी अस्पतालों की बेहतरी में लगाया जाए तो लोगों को निशुल्क चिकित्सा मिल सकेगी.
विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी
सरगुजा जैसे दूरस्थ अंचल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी कमी न्यूरोलॉजी की है. यहां एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक का न होना, साथ ही इससे जुड़े संसाधनों का आभाव इस क्षेत्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है. ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सिर में लगने वाली गंभीर चोट के मरीज इलाज के आभाव में दम तोड़ देते हैं.
मरीजों को अंबिकापुर से 350 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर रेफर कर दिया जाता है. अगर सरगुजा में ही डॉक्टर और इलाज की व्यवस्था होगी तो बहुत लोगों की जान बचाई जा सकेगी
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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल से लोग खुश
हालाकि मेडिकल कॉलेज के रूप में सरगुजा को एक बड़ी सौगात मिल चुकी है. और मेडिकल कॉलेज के नए सेटअप के शरू होने के बाद यहां बेहतर इलाज की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन फिर भी बात दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल को अपनाने की हो रही है.
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ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज सिफारिश
बहरहाल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं. उनका भी मानना यहीं है कि 'ऐसी योजनाओं से इलाज कम होता है और सरकार की एक बड़ी राशि बीमा कंपनियों के लाभ का अंश बनती है. लिहाजा वो भी ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज की सिफारिश करते रहे हैं'.
देखना होगा सरगुजा को क्या मिलेगा?
देखना यह होगा की जिस दिल्ली सरकार के मॉडल की तारीफ खुद स्वास्थ्य मंत्री करते हैं. क्या इस बजट में उसे अपनाने के लिए सरकार के पिटारे से कुछ बड़ा मिलेगा या फिर कागजी आंकड़ो की जादूगरी जैसा बजट पेश किया जाएगा.