ETV Bharat / state

बजट से सरगुजा की उम्मीदें, स्वास्थ्य सेवाओं को दी जाए प्राथमिकता - आयुष्मान भारत योजना

सरगुजा की जनता स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट में विशेष पैकेज की आस लगाए हुए हैं.

public opinion of sarguja on chhattisgarh budget
बघेल के बजट से सरगुजा की उम्मीदें
author img

By

Published : Feb 26, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है. 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस सरकार का यह दूसरा बजट है. इस बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. खासकर किसानों के लिए खजाना खोलने वाली भूपेश सरकार से अब समाज के बाकी वर्गों को उम्मीदें हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह क्षेत्र सरगुजा की जनता स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट में विशेष पैकेज की आस लगाए हुए हैं.

बजट से सरगुजा की उम्मीदें

ETV भारत ने बजट पर लोगों की उम्मीदें जानने की कोशिश की है. जिसमें लोगों ने दिल्ली की तर्ज पर सभी वर्गों को निशुल्क चिकित्सा और मोहल्ला क्लिनिक जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है.

बता दें की प्रदेश के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री भी दिल्ली सरकार के काम से प्रभावित हैं. उन्होंने हालही में दिल्ली के शिक्षा मॉडल के अनुसरण की बात कही थी. वहीं कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का अवलोकन भी किया था.

'नहीं पसंद आयुष्मान भारत जैसी योजना'

सरगुजा के युवा स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को भी पसंद नहीं कर रहे हैं. इनका मानना है की सरकार जो प्रीमियम की राशि बीमा कंपनियों को देती है वो पैसा अगर सीधे सरकारी अस्पतालों की बेहतरी में लगाया जाए तो लोगों को निशुल्क चिकित्सा मिल सकेगी.

विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी

सरगुजा जैसे दूरस्थ अंचल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी कमी न्यूरोलॉजी की है. यहां एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक का न होना, साथ ही इससे जुड़े संसाधनों का आभाव इस क्षेत्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है. ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सिर में लगने वाली गंभीर चोट के मरीज इलाज के आभाव में दम तोड़ देते हैं.

मरीजों को अंबिकापुर से 350 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर रेफर कर दिया जाता है. अगर सरगुजा में ही डॉक्टर और इलाज की व्यवस्था होगी तो बहुत लोगों की जान बचाई जा सकेगी

पढ़ें : बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हंगामा, SIT गठन के सवाल पर विपक्ष ने सरकार के घेरा

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल से लोग खुश

हालाकि मेडिकल कॉलेज के रूप में सरगुजा को एक बड़ी सौगात मिल चुकी है. और मेडिकल कॉलेज के नए सेटअप के शरू होने के बाद यहां बेहतर इलाज की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन फिर भी बात दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल को अपनाने की हो रही है.

पढ़ें :टीएस सिंहदेव ने की केजरीवाल सरकार की तारीफ, कहा- करना चाहिए अनुसरण

ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज सिफारिश

बहरहाल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं. उनका भी मानना यहीं है कि 'ऐसी योजनाओं से इलाज कम होता है और सरकार की एक बड़ी राशि बीमा कंपनियों के लाभ का अंश बनती है. लिहाजा वो भी ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज की सिफारिश करते रहे हैं'.

देखना होगा सरगुजा को क्या मिलेगा?

देखना यह होगा की जिस दिल्ली सरकार के मॉडल की तारीफ खुद स्वास्थ्य मंत्री करते हैं. क्या इस बजट में उसे अपनाने के लिए सरकार के पिटारे से कुछ बड़ा मिलेगा या फिर कागजी आंकड़ो की जादूगरी जैसा बजट पेश किया जाएगा.

सरगुजा : छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है. 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस सरकार का यह दूसरा बजट है. इस बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं. खासकर किसानों के लिए खजाना खोलने वाली भूपेश सरकार से अब समाज के बाकी वर्गों को उम्मीदें हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह क्षेत्र सरगुजा की जनता स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट में विशेष पैकेज की आस लगाए हुए हैं.

बजट से सरगुजा की उम्मीदें

ETV भारत ने बजट पर लोगों की उम्मीदें जानने की कोशिश की है. जिसमें लोगों ने दिल्ली की तर्ज पर सभी वर्गों को निशुल्क चिकित्सा और मोहल्ला क्लिनिक जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है.

बता दें की प्रदेश के स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री भी दिल्ली सरकार के काम से प्रभावित हैं. उन्होंने हालही में दिल्ली के शिक्षा मॉडल के अनुसरण की बात कही थी. वहीं कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का अवलोकन भी किया था.

'नहीं पसंद आयुष्मान भारत जैसी योजना'

सरगुजा के युवा स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को भी पसंद नहीं कर रहे हैं. इनका मानना है की सरकार जो प्रीमियम की राशि बीमा कंपनियों को देती है वो पैसा अगर सीधे सरकारी अस्पतालों की बेहतरी में लगाया जाए तो लोगों को निशुल्क चिकित्सा मिल सकेगी.

विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी

सरगुजा जैसे दूरस्थ अंचल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी कमी न्यूरोलॉजी की है. यहां एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक का न होना, साथ ही इससे जुड़े संसाधनों का आभाव इस क्षेत्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है. ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सिर में लगने वाली गंभीर चोट के मरीज इलाज के आभाव में दम तोड़ देते हैं.

मरीजों को अंबिकापुर से 350 किलोमीटर दूर राजधानी रायपुर रेफर कर दिया जाता है. अगर सरगुजा में ही डॉक्टर और इलाज की व्यवस्था होगी तो बहुत लोगों की जान बचाई जा सकेगी

पढ़ें : बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हंगामा, SIT गठन के सवाल पर विपक्ष ने सरकार के घेरा

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल से लोग खुश

हालाकि मेडिकल कॉलेज के रूप में सरगुजा को एक बड़ी सौगात मिल चुकी है. और मेडिकल कॉलेज के नए सेटअप के शरू होने के बाद यहां बेहतर इलाज की उम्मीद की जा सकती है. लेकिन फिर भी बात दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल को अपनाने की हो रही है.

पढ़ें :टीएस सिंहदेव ने की केजरीवाल सरकार की तारीफ, कहा- करना चाहिए अनुसरण

ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज सिफारिश

बहरहाल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं. उनका भी मानना यहीं है कि 'ऐसी योजनाओं से इलाज कम होता है और सरकार की एक बड़ी राशि बीमा कंपनियों के लाभ का अंश बनती है. लिहाजा वो भी ट्रस्ट मॉडल में निःशुल्क इलाज की सिफारिश करते रहे हैं'.

देखना होगा सरगुजा को क्या मिलेगा?

देखना यह होगा की जिस दिल्ली सरकार के मॉडल की तारीफ खुद स्वास्थ्य मंत्री करते हैं. क्या इस बजट में उसे अपनाने के लिए सरकार के पिटारे से कुछ बड़ा मिलेगा या फिर कागजी आंकड़ो की जादूगरी जैसा बजट पेश किया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.