सरगुजा: गरीब और असहाय लोगों का मुफ्त और बेहतर इलाज हो सके, इसके लिए सरकार जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समुचित संसाधन की व्यवस्था उपलब्ध कराने में जुटी हुई है. जिसमें से एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल शामिल है. जहां कैंसर से लेकर हर तरह की बीमारी के इलाज के साथ ऑपरेशन की अत्याधुनिक सुविधा भी उपलब्ध है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि हर तरह के संसाधन होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से बचने में लगे हुए हैं. डॉक्टर मरीज की जांच कराने के साथ ऑपरेशन के लिए तारीख दे देते हैं, लेकिन जब मरीज के ऑपरेशन करने की बारी आती है तो मामूली कारण बताकर परिजनों को रेफर के कागज थमा देते हैं.
दरअसल सरगुजा में एक परिवार ने मरीज के पेट में गोला हो जाने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने विभिन्न जांच कराने के साथ ऑपरेशन के लिए सोमवार का दिन तय किया. बाद में सोमवार को मरीज का ऑपरेशन करने की बजाए डॉक्टरों ने उसे रेफर करने की बात कही. जिससे मरीज सहित परिवार के लोग परेशान हो गए. हालांकि अस्पताल अधीक्षक को जब घटना की जानकारी लगी, तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही ऑपरेशन किए जाने की बात कही.
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12 दिसंबर को किया गया था भर्ती
जयनगर थाने के करसू कसकेला गांव के रहने वाले माया सारथी ने पखवाड़े भर पहले पेट में दर्द होने की शिकायत परिजन से की. परिजनों ने महिला को 12 दिसंबर को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया. जहां डॉक्टरों ने परिजनों को अलग-अलग तरह की जांच कराने की सलाह दी. जांच रिपोर्ट में महिला के पेटे में गोला होने की बात सामने आई. जिस पर डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने के साथ ही 15 दिन बाद सोमवार को ऑपरेशन करने की बात कही. परिजनों ने किसी तरह ब्लड का इंतजाम कर मरीज को चढ़वा दिया. वहीं सोमवार को महिला का ऑपरेशन हो जाने की आस में परिजन डॉक्टर का इंतजार करने लगे, तभी राउंड पर आए डॉक्टर ने ब्लड मैच नहीं होने की बात कहकर मरीज को रायपुर रेफर करने को कहा.
परेशान होते रहे परिजन
अचानक मरीज को रेफर करने की बात सुनकर मरीज सहित परिजन परेशान हो गए. मरीज माया सारथी की भाभी शिवकुमारी ने बताया कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे रायपुर ले जाकर मरीज का ऑपरेशन करा सकें. मेडिकल कॉलेज में मुफ्त इलाज होने की आस में उन्होंने मरीज को यहां भर्ती कराया था, लेकिन यहां भी मरीज को रेफर कर दिया गया है. जबकि माया सारथी के पेट में दर्द होने के साथ ही वो फूलने लगा है. समय पर ऑपरेशन नहीं हुआ, तो कुछ भी हो सकता है.