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हिंदी मीडियम के छात्रों को थमाया इंग्लिश का पेपर, भड़के छात्रों ने किया एग्जाम का बहिष्कार

संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही की वजह से एलएलएम के कई छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गए, जिसको लेकर छात्र-छात्राओं में आक्रोश है. छात्रों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है.

छात्रों ने किया परीक्षा का बहिष्कार
छात्रों ने किया परीक्षा का बहिष्कार
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Published : Jan 13, 2020, 11:14 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में आए दिन हो रही लापरवाही छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत बन गई है. आदिवासी बहुल इलाके में स्थापित ये विश्वविद्यालय वैसे तो शिक्षा की बेहतरी के लिए खोला गया है, लेकिन यहां के गैर अनुभवी स्टॉफ की वजह से विश्वविद्यालय हमेशा छात्र-छात्राओं की नाराजगी का केन्द्र बना हुआ है. विवि की लापरवाही के वजह से छात्र-छात्राओं में लगातार आक्रोश पनपता जा रहा है.

हिंदी मीडियम के छात्रों को थमाया इंग्लिश का पेपर

दरअसल, सोमवार की सुबह शहर के पीजी कॉलेज में एलएलएम के फस्ट सेमेस्टर की परीक्षा थी. लिहाजा, इस विभाग के छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के लिए एक्जाम हॉल में पहुंचे, तो हिंदी विषय के छात्रों को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया. फिर क्या था करीब एक घंटे तक परीक्षा हॉल में हिंदी का प्रश्न पत्र आने के इंतजार के बाद छात्र-छात्राओं ने संविधान विषय के पेपर का बहिष्कार कर दिया.

परीक्षा से वंचित रह गए छात्र-छात्राएं
विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से कानून की उच्च स्तरीय पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गए इसलिए पेपर का बहिष्कार करने निकले छात्र-छात्राओं ने पीजी कॉलेज के प्राचार्य से मामले की शिकायत की. साथ ही ये मांग की संविधान विषय का पेपर फिर से नई तारीख में कराए जाने की मांग की है. शासकीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके त्रिपाठी ने छात्रों की मांग को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक पहुंचाने की बात कही है, लेकिन हिंदी माध्मय से पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम का पेपर देने के मामले में खुद प्राचार्य ये नहीं समझ पा रहे हैं कि इतनी बड़ी गलती किस लेवल पर हुई है.

प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे छात्र
सरगुजा विश्वविद्यालय का यह पहला मामला नहीं है, जब प्रबंधन की लापरवाही की खामियाजा छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ा हो. इससे पहले भी इस तरह का मामला आ चुका है.

अंबिकापुर: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में आए दिन हो रही लापरवाही छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत बन गई है. आदिवासी बहुल इलाके में स्थापित ये विश्वविद्यालय वैसे तो शिक्षा की बेहतरी के लिए खोला गया है, लेकिन यहां के गैर अनुभवी स्टॉफ की वजह से विश्वविद्यालय हमेशा छात्र-छात्राओं की नाराजगी का केन्द्र बना हुआ है. विवि की लापरवाही के वजह से छात्र-छात्राओं में लगातार आक्रोश पनपता जा रहा है.

हिंदी मीडियम के छात्रों को थमाया इंग्लिश का पेपर

दरअसल, सोमवार की सुबह शहर के पीजी कॉलेज में एलएलएम के फस्ट सेमेस्टर की परीक्षा थी. लिहाजा, इस विभाग के छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के लिए एक्जाम हॉल में पहुंचे, तो हिंदी विषय के छात्रों को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र दे दिया गया. फिर क्या था करीब एक घंटे तक परीक्षा हॉल में हिंदी का प्रश्न पत्र आने के इंतजार के बाद छात्र-छात्राओं ने संविधान विषय के पेपर का बहिष्कार कर दिया.

परीक्षा से वंचित रह गए छात्र-छात्राएं
विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से कानून की उच्च स्तरीय पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गए इसलिए पेपर का बहिष्कार करने निकले छात्र-छात्राओं ने पीजी कॉलेज के प्राचार्य से मामले की शिकायत की. साथ ही ये मांग की संविधान विषय का पेपर फिर से नई तारीख में कराए जाने की मांग की है. शासकीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके त्रिपाठी ने छात्रों की मांग को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक पहुंचाने की बात कही है, लेकिन हिंदी माध्मय से पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम का पेपर देने के मामले में खुद प्राचार्य ये नहीं समझ पा रहे हैं कि इतनी बड़ी गलती किस लेवल पर हुई है.

प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे छात्र
सरगुजा विश्वविद्यालय का यह पहला मामला नहीं है, जब प्रबंधन की लापरवाही की खामियाजा छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ा हो. इससे पहले भी इस तरह का मामला आ चुका है.

Intro:अम्बिकापुर मे स्थित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय मे व्याप्त अव्यवस्था छात्र छात्राओ के लिए आये दिन मुसीबत का सबब बन रही है. आदिवासी बाहुल्य इलाके मे स्थापित. ये विश्वविद्यालय वैसे तो शिक्षा की बेहतरी और कालेजी छात्रो की बेहतरी के लिए खोला गया था. लेकिन यहां के गैर अनुभवी स्टाफ की वजह से ये विश्वविद्यालय हमेशा छात्र छात्राओ की नाराजगी का केन्द्र बना रहता है. इस बार भी मामला छात्र छात्राओ के स्वाभाविक आक्रोश का है और ये आक्रोश पनपे भी क्यो ना ? दरअसल सोमवार की सुबह शहर के पीजी कालेज मे एलएलएम के फस्ट सेमेस्टर की परीक्षा थी. लिहाजा इस विभाग के छात्र छात्राएं परीक्षा देने के लिए एक्जाम हॉल मे पहुंचे तो हिंदी विषय मे पढाई कर रहे छात्रो को अंग्रेजी माध्यम का प्रश्न पत्र दे दिया गया, फिर क्या था करीब एक घंटे तक परीक्षा हॉल मे हिंदी का प्रश्न पत्र आने का इंतजार के बाद छात्र छात्राओ ने संविधान विषय के पेपर का बहिष्कार कर दिया.

सोमवार को एलएलएम के संविधान विषय के पेपर मे विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा की गई लापरवाही की वजह से कानून की उच्च स्तरीय पढाई कर रहे छात्र छात्राएं परीक्षा से वंचित रह गए. इसलिए पेपर का बहिष्कार निकले छात्र छात्राओ ने पीजी कालेज के प्राचार्य से इस मामले की शिकायत की और साथ ही ये मांग की सविंधान विषय का पेपर फिर से नई तारीख मे कराया जाए. जिस पर शासकीय पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ एस के त्रिपाठी ने छात्राओ की मांग को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक पहुंचाने की बात कही है.. लेकिन हिंदी माध्मय से पढाई कर रहे छात्र छात्राओ को अंग्रेजी माध्यम का पेपर देने के मामले मे खुद प्राचार्य ये नही समझ पा रहे है कि इतनी बडी त्रुटि किस लेबल पर हुई है. हांलाकि कालेजी छात्रो की मांग को यूनिवर्सिटी भेजने के बाद क्या निर्णय होगा. इस पर भी प्राचार्य महोदय साफ साफ नही कह पा रहे है कि विश्वविद्यालय इस संबध मे क्या निर्णय लेगा.

सरगुजा विश्वविद्यालय स्तर का ये पहला मामला नहीं है जब प्रबंधन की लापरवाही की खामियाजा छात्र छात्राओ को उठाना पडा हो. बहरहाल अब देखना है कि इस नाईंसाफी मे छात्र छात्राओ को फिर से परीक्षा वाला न्याय मिलता है. या फिर इस विषय मे इनको फेल कर दिया जाता है.

Body:बाईट-1- दिक्षा अग्रवाल, छात्रा, एलएलएम , पीजी कालेज

बाईट-2- दीपक विश्वकर्मा, छात्र , एलएलएम , पीजी कालेज

बाईट-3- एस के त्रिपाठी, सह अपर संचालक एंव प्राचार्य , पीजी कालेज अम्बिकापुर

वसीम अली अम्बिकापुरConclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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