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अंबिकापुर: मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन के नाम पर गरीबों से लूट!

इन दिनों मरीजों से सीटी स्कैन के नाम पर खुलकर दलाली किए जाने का आरोप है. इस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन के नाम पर गरीबों से लूट
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Published : May 13, 2019, 12:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह शहर के मेडिकल कॉलेज में मरीजों से पैसे वसूलने का मामला सामने आया है. इन दिनों मरीजों से सीटी स्कैन के नाम पर खुलकर दलाली किए जाने का आरोप है. इस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन के नाम पर गरीबों से लूट

गरीबों से लूट
दरअसल मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से लगातार नए सीटी स्कैन मशीन की मांग उठ रही थी. अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन तो आ गई है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को सीटी स्कैन की पर्ची दिलवाकर निजी स्कैन सेंटर भेजा जा रहा है. यहां मरीजों से लगभग 200 रुपए ज्यादा लिए जाते हैं.

मशीन के इंस्टॉलेशन का काम जारी
अस्पताल अधीक्षक रवि कांत दास का कहना है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन मशीन आ चुकी है, इसके इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है. यहां लगभग एक महीने में सुचारू रूप से सीटी स्कैन किया जा सकेगा. लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शहर के 5 निजी संस्थानों में मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भेजा जा रहा है.

जांच का आश्वासन
मरीजों का कहना है कि कई सालों से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इस तरह का खेल चल रहा है. हालांकि अधिकारी मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि अधिकारी इसपर क्या कार्रवाई करते हैं.

अंबिकापुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह शहर के मेडिकल कॉलेज में मरीजों से पैसे वसूलने का मामला सामने आया है. इन दिनों मरीजों से सीटी स्कैन के नाम पर खुलकर दलाली किए जाने का आरोप है. इस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन के नाम पर गरीबों से लूट

गरीबों से लूट
दरअसल मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से लगातार नए सीटी स्कैन मशीन की मांग उठ रही थी. अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन तो आ गई है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को सीटी स्कैन की पर्ची दिलवाकर निजी स्कैन सेंटर भेजा जा रहा है. यहां मरीजों से लगभग 200 रुपए ज्यादा लिए जाते हैं.

मशीन के इंस्टॉलेशन का काम जारी
अस्पताल अधीक्षक रवि कांत दास का कहना है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन मशीन आ चुकी है, इसके इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है. यहां लगभग एक महीने में सुचारू रूप से सीटी स्कैन किया जा सकेगा. लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शहर के 5 निजी संस्थानों में मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भेजा जा रहा है.

जांच का आश्वासन
मरीजों का कहना है कि कई सालों से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इस तरह का खेल चल रहा है. हालांकि अधिकारी मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि अधिकारी इसपर क्या कार्रवाई करते हैं.

Intro:अंबिकापुर- स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के गृह शहर अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल सुधरने का नाम नहीं ले रहा है हमेशा से विवादित मेडिकल कॉलेज इन दिनों सीटी स्कैन के नाम पर खुलकर दलाली का काम चल रहा है।

यहां भर्ती मरीजों से सीटी स्कैन के लिए बकायदा मरीजों को कोड वर्ड वाला पर्ची जिसमें 16 G लिखकर सिगनेचर कर मनचाहे निजी सीटी स्कैन सेंटर भेजा जा रहा है, पर्ची में 16 का मतलब 1600 रुपये और सिगनेचर से ये पता होता है कि किसको कमिशन पहुचना है ,इस तरह से प्राइवेट सिटी स्कैन सेंटर और अस्पताल के कर्मचारी के साथ मिलकर में मरीजो से सिटी स्कैन के लिए 14 सौ रुपए की जगह 16 सौ रुपये वसूला जा रहा है, मतलब हर मरीज से 200 रुपए की उगाही की जा रही है। सरगुजा जिले के भोले भाले आदिवासी अज्ञानता वश हर दिन कई लोग सीटी स्कैन के नाम पर लुटे जा रहे हैं।

लेकिन जब हम अस्पताल अधीक्षक डॉ रवि कांत दास से सिटी स्कैन मशीन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सिटी मशीन अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में आ चुकी है और इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है लगभग 1 महीने में यहां सुचारू रूप से सीटी स्कैन किया जाएगा अभी वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शहर के 5 निजी संस्थानों में मरीजों को सीटी स्कैन के लिए भेजे जा रहा है जिसके लिए हर दिन अलग अलग संस्थानों में मरीज सिटी स्कैन सेंटर जाते है जिसके लिए निश्चित राशि मरीजों को देनी पड़ती है।

कमीशन खोरी के सवाल पर अधीक्षक ने कैमरे के सामने तो कुछ नहीं कहा लेकिन उन्हें भी शक है कि इस प्रकार की दलाली का काम सरकारी हॉस्पिटल में चल रहा है और वह भी जल्द से जल्द इसकी जांच कराकर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं लेकिन लगभग कई वर्षों से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इस तरह का गौरव खेल चल रहा है और अधिकारियों के कान तक ए बात नहीं पहुंच पाना समझ से परे है अब देखना यह होगा कि अधिकारी किस प्रकार से कार्यवाही करते हैं और उन सीटी स्कैन सेंटर जहां पर गरीब मरीजों से अधिक रूपए लिए जा रहे हैं उनके खिलाफ भी कुछ कार्यवाही करते हैं या यूं ही मामला दबा का दबा रहेगा यह तो अब आने वाले समय मैं ही पता चल पाएगा।


आपको बता दें की मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन पुराने होकर सालों से खराब पड़े है जिसके लिए लगातार नया सीटी स्कैन मशीन की मांग कर रहे थे अब सीटी स्कैन मशीन तो आ गई है लेकिन अब तक चालू नहीं हो सकी है।

बाईट 01 - जय पाल राम (मरीज के परिजन)

बाईट 02 - डॉ रविकान्त दास (अस्पताल अधीक्षक)

बाईट 03 - डॉ रविकान्त दास (अस्पताल अधीक्षक)








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Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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