सरगुजा: खेती करने के लिए लोन में लिए ट्रैक्टर की किस्त नहीं चुका सकने के कारण एक किसान इतना हताश हो गया कि उसने जहर खाकर खुदकुशी कर ली. किसान के जहर खाने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर ले जाया गया, लेकिन उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
प्रदेश में धान खरीदी शुरू होने के बाद से अब तक व्यवस्था से परेशान 2 किसानों की मौत हो चुकी है, जबकि इस बार सरगुजा में ट्रैक्टर लेने के बाद उसकी किस्त और ब्याज नहीं चुका पाने से हताश किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली.
पढ़ें: कांकेर: आदिवासी समाज ने रथ से मिट्टी निकाली, बिना रुके गुजरा रैली, खत्म हुआ चक्काजाम
गांव के अस्पताल ने किया था रेफर
जानकारी के अनुसार, सरगुजा के धौरपुर क्षेत्र के ग्राम बबोली निवासी 45 वर्षीय डसन राम खेती-बाड़ी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. 12 दिसंबर की रात परिवार के सभी सदस्य खाना खाने के बाद सोने चले गए. इसी बीच डसन राम ने जहर खा लिया. इसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई. परिजन उसे धौरपुर अस्पताल लेकर गए, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
83 हजार की छमाही किस्त चुकाता था किसान
पिता की मौत के संबंध में मृतक के बेटे रामजनम ने बताया कि डसन राम ने दो वर्ष पहले कृषि कार्य के लिए एक ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था. फाइनेंस में लिए गए ट्रैक्टर की छमाही किस्त 83 हजार 150 रुपए निर्धारित की गई थी. किसान हर 6 महीने में नियमित किस्त चुका रहा था, लेकिन इसके बाद उसकी किस्त टूट गई. टूटी हुई किस्त के ब्याज की बढ़ोतरी की वजह से ग्रामीण इतने अवसाद में चला गया कि वो शराब का सेवन भी अधिक करने लगा और आखिरकार उसने जहर खाकर मौत को गले लगा लिया.
पढ़ें: SPECIAL: आत्मनिर्भर बन रहे नक्सलगढ़ के ग्रामीण, छिंद रस के गुड़ से दंतेवाड़ा को दिला रहे पहचान
बढ़ती गई ब्याज की राशि
मृतक के बेटे ने बताया कि फाइनेंस के ट्रैक्टर की महज 2 किस्त ही शेष बची थी. इसी बीच परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ गई और लगभग पौने दो लाख की किस्त में से भी उसने जैसे-तैसे 50 हजार रुपए जमा कराए थे, लेकिन फिर इन्स्टॉलमेंट का भुगतान नहीं हो पाया और ब्याज की राशि बढ़ती चली गई. ब्याज की राशि बढ़ने से ग्रामीण पर दबाव बढ़ा, जिससे वो तनाव में रहने लगा. 12 दिसम्बर की रात उसने जहर खाया.
जांच के बाद साफ होगा मामला
इस मामले में सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि मैंने मृतक के बेटे का बयान देखा है. उसने जो बयान दिया है, उसमें कुछ बातें निकलकर सामने आई हैं और उसकी जांच के लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद ही मामला साफ होगा. बेटे ने बयान दिया है कि 83 हजार की छमाही किस्त किसान चुकाता था और एक किस्त ही शेष बची थी. मृतक ने लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन का पंजीयन धान बेचने के लिए कराया था और ट्रैक्टर भी किसान के पास है.