सरगुजा: अंबिकापुर में सोमवार की शाम वाड्रफनगर चौकी में पदस्थ आरक्षक ने अपने घर में आत्मदाह कर लिया. आग से झुलसे आरक्षक को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. देर शाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे आरक्षक को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
जानकारी के मुताबिक आरक्षक पहले नक्सली दस्ते में सक्रिय था. नक्सली उन्मूलन अभियान के तहत सरेंडर करने के बाद आरक्षक की नौकरी दी गई थी. आरक्षक के आग लगाकर आत्म हत्या करने के पीछे पारिवारिक कारण बताया जा रहा है.
पति-पत्नी के बीच हुआ था विवाद
मृतक मोहरलाल बलरामपुर जिले की वाड्रफनगर चौकी में आरक्षक के पद पर पदस्थ था. वाड्रफनगर में पहली पत्नी के साथ किराए के मकान में रहता था. सोमवार की शाम लगभग 4 बजे आरक्षक मोहरलाल अपनी दूसरी पत्नी सरिता को लेकर किराए के मकान में आया था. जबकि उसकी पहली पत्नी देव कुमारी पहले से ही कमरे में मौजूद थी. दूसरी पत्नी के घर आने को लेकर दोनों में विवाद शुरू हो गया. विवाद बढ़ने पर आरक्षक ने खुद पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली.
स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया था भर्ती
आरक्षक के आग लगाने के बाद शोरगुल सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और किसी तरह आग को बुझाकर उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. आग से बुरी तरह जल चुके आरक्षक को गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.