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अंबिकापुरः चिटफंड कंपनी के निवेशकों की बढ़ी मुश्किलें, दस्तावेज नहीं हो पा रहे जमा

सरगुजा के हजारों लोगों का पैसा पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पर्ल ग्रुप चिटफंड) में जमा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. कंपनी 6 साल में पैसा डबल करने और RD जैसे लुभावने स्किम देकर पैसा जमा करा रही थी.

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Published : Apr 28, 2019, 5:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

चिटफंड कंपनी के निवेशकों की बढ़ी मुश्किलें

अंबिकापुरः जिलेवासियों के PACL चिटफंड कंपनी में निवेश किए गए पैसों को सेबी द्वारा ऑनलाइन माध्यम से लौटाया जा रहा है. हालांकि लगातार लिंक फेल और इंटरनेट समस्या की वजह से निवेशकों को जनपद के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

सरगुजा के हजारों लोगों का पैसा पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पर्ल ग्रुप चिटफंड) में जमा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. कंपनी 6 साल में पैसा डबल करने और RD जैसे लुभावने स्किम देकर पैसा जमा करा रही थी. इसे साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने का आदेश दिया था. कंपनी के बंद होने से हजारों निवेशकों के पैसा डूबने की स्थिति बन गई थी, लेकिन फरवरी में सेबी द्वारा PACL के पैसों के भुगतान के फरमान से निवेशकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई.

लिंक फेल से परेशानी
सेबी द्वारा जारी एक पत्र में 1 मार्च से 30 अप्रैल तक स्थानीय जनपद पंचायत में PACL के दस्तावेजों को ऑनलाइन माध्यम से जमा कर पैसा वापसी का आदेश जारी किया था. भुगतान ऑनलाइन होने से PACL के दस्तावेजों को सेबी की वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ रहा है, लेकिन लगातार लिंक फेल और इंटरनेट की समस्या से निवेशक लगातार जनपद के चक्कर काट रहे हैं.

लगाने पड़ रहे चक्कर
निवेशकों का कहना है कि उन्हें इस समस्या के कारण डेढ़ महीनों से जनपद के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 30 अप्रैल को दस्तावेज जमा करने का अंतिम दिन है, जिसके कारण उन्हें पैसा डूबने का खतरा सता रहा है. फिलहाल जनपद के अधिकारी सर्वर डाउन का हवाला दे कर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के PACL में जमा पैसे कब तक मिलेंगे ये बता पाना मुश्किल है.

अंबिकापुरः जिलेवासियों के PACL चिटफंड कंपनी में निवेश किए गए पैसों को सेबी द्वारा ऑनलाइन माध्यम से लौटाया जा रहा है. हालांकि लगातार लिंक फेल और इंटरनेट समस्या की वजह से निवेशकों को जनपद के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

सरगुजा के हजारों लोगों का पैसा पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पर्ल ग्रुप चिटफंड) में जमा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. कंपनी 6 साल में पैसा डबल करने और RD जैसे लुभावने स्किम देकर पैसा जमा करा रही थी. इसे साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने का आदेश दिया था. कंपनी के बंद होने से हजारों निवेशकों के पैसा डूबने की स्थिति बन गई थी, लेकिन फरवरी में सेबी द्वारा PACL के पैसों के भुगतान के फरमान से निवेशकों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई.

लिंक फेल से परेशानी
सेबी द्वारा जारी एक पत्र में 1 मार्च से 30 अप्रैल तक स्थानीय जनपद पंचायत में PACL के दस्तावेजों को ऑनलाइन माध्यम से जमा कर पैसा वापसी का आदेश जारी किया था. भुगतान ऑनलाइन होने से PACL के दस्तावेजों को सेबी की वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ रहा है, लेकिन लगातार लिंक फेल और इंटरनेट की समस्या से निवेशक लगातार जनपद के चक्कर काट रहे हैं.

लगाने पड़ रहे चक्कर
निवेशकों का कहना है कि उन्हें इस समस्या के कारण डेढ़ महीनों से जनपद के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 30 अप्रैल को दस्तावेज जमा करने का अंतिम दिन है, जिसके कारण उन्हें पैसा डूबने का खतरा सता रहा है. फिलहाल जनपद के अधिकारी सर्वर डाउन का हवाला दे कर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के PACL में जमा पैसे कब तक मिलेंगे ये बता पाना मुश्किल है.

Intro:अम्बिकापुर - पीएसीएल चिटफंड कंपनी में निवेशक और एजेंटों की समस्या खत्म होने का नाम नही ले रहा है , सरगुजा जिले के हजारो लोगो का पैसा पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर्ल ग्रुप चिटफंड में जमा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है । कंपनी 6 साल में पैसा दुगुना करने और RD जैसे लुभावने स्किम में पैसा जमा कर रही थी जिसे 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने का आदेश दिया था ,कंपनी के बंद हो जाने से हजारों निवेशकों का पैसा डूबने की स्थिति बन गई थी।
लेकिन फरवरी 2019 में सेबी के द्वारा pacl के पैसों के भुकतान के फरमान के बाद निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

सेबी के जारी एक पत्र में 1मार्च से 30 अप्रैल तक जिले के स्थानीय जनपद पंचायत में pacl के दस्तावेजों को ऑनलाइन के माध्यम से जमा कर पैसा वापसी का आदेश जारी किया था जिसमे निवेशकों के पालिसी बांड ,रसीद,बैंक वेरिफिकेशन, कैंसिल चैक के साथ पेन कार्ड अनिवार्य रूप से जमा करने के बाद,ऑनलाइन पैसा का भुगतान होने की बात कह रहे है।

भुकतान ऑनलाइन होने से pacl के दस्तावेजो को सेबी की साइड में अपलोड करना पड़ रहा है लेकिन लगातार लिंक फेल और इंटरनेट समस्या से निवेशकों को जनपद के चक्कर काटना पड़ रहा है।


निवेशकों का कहना है कि pacl कंपनी के बंद होने के बाद विगत 4 सालो से परेशान है पैसा ऑनलाइन के माध्य्म से देने को कहा है,यह भी कब तक मिलेगा इसकी भी जानकारी नही है आन लाइन फार्म के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ रहा है ,डेढ़ महीनों से जनपद के चक्कर लगाने के बाद भी सर्वर डाउन का हवाला देकर निवशकों को परेशान किया जा रहा है साथ ही जिनका पेन कार्ड नही बना है उनका फार्म जमा नही हो पा रहा है।30 अप्रेल को दस्तावेज जमा करने की अंतिम दिन है महज 4 दिन शेष बचे है ऐसे में हजारो निवेशकों का फॉर्म जमा होना अभी बाकी है , जिससे निवेशकों को उनका पैसा डूबने का खतरा शता रहा है।

बताया जा रहा है की चिटफंड पीएसीएल के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू ने पिछले 18 सालों से एग्रीकल्चर और रियल स्टेट का में निवेश स्कीम चला कर भोले भाले जनता के गाड़ी कमाई का पैसा जमा करवा रही थी जिसे 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दिया था।

फिलहाल जनपद के अधिकारी सर्वर डाउन का हवाला दे कर कुछ भी कहने से बच रहे है ऐसे में निवेशकों के pacl में जमा पैसे कब तक मिलेगा बता पाना अभी मुश्किल है।ऐसे में जिमेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

बाईट 01- मनीषा(निवेशक)

बाईट 02- सुखराज सिंह (निवेशक)

बाईट 03 - सुरेश्वर तिवारी (जनपद सीओ)





Body:260419_CG_SURGUJA_PACL_RIFAND


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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