ETV Bharat / state

बच्ची की मौत के बाद हरकत में आया राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, दिए जांच के निर्देश - जांच रिपोर्ट

सरगुजा में डेढ़ साल की बच्ची की मौत के बाद बाल संरक्षण आयोग हरकत में आ गया है. मामले में आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं.

बाल संरक्षण आयोग ने दिए जांच के निर्देश
author img

By

Published : Oct 24, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: पोषण पुनर्वास केंद्र में डेढ़ साल की बच्ची की मौत के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद कलेक्टर ने भी इस मामले में जांच के आदेश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए हैं. बताया जा रहा है कि लुंड्रा विकासखंड के सेमरडीह गांव की डेढ़ साल की बच्ची सिमरन कुपोषण से ग्रसित थी. बच्ची का वजन उसकी उम्र के हिसाब से कम था. इसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में जिला प्रशासन की ओर से दिए जा रहे पौष्टिक आहार खिलाने लाया गया था.

Child Protection Commission came into action after death of girl child in sarguja
बाल संरक्षण आयोग ने दिए जांच के निर्देश

आयोग ने मामले में दिखाई गंभीरता
बीते 7 सितंबर को खाना खाने के बाद ही सिमरन की तबीयत बिगड़ गई थी और बच्ची ने दम तोड़ दिया था. बच्ची की मौत के पीछे पोषण पुर्नवास केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही मानी जा रही थी. बच्ची की मौत के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की गई, जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग ने पुनर्वास केंद्र में बच्ची की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है.

20 दिनों के भीतर मांगी जांच रिपोर्ट
शुरुआती जांच में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ओर से दिए गए बयान में भी आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमण कुमार गौड़ ने केंद्र के संचालन और डॉक्टरों की लापरवाही मानी है. इस मामले में पूरी जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं. आयोग ने 20 दिनों के भीतर जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.

कलेक्टर ने गंभीरता बरतने दिए आदेश
बहरहाल सरगुजा में कुपोषण से लड़ाई के लिए कलेक्टर सारांश मित्तर ने विशेष अभियान चलाया है. डीएमएफ की राशि से बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. कलेक्टर ने इस मामले को काफी संवेदनशील माना है. उन्होंने कर्मचारियों को इस मामले में पूरी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे. साथ ही योजना में लापरवाही को लेकर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी. लेकिन कलेक्टर के आदेश से इन कर्मचारियों पर कोई असर नहीं दिख रहा है.

सरगुजा: पोषण पुनर्वास केंद्र में डेढ़ साल की बच्ची की मौत के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद कलेक्टर ने भी इस मामले में जांच के आदेश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए हैं. बताया जा रहा है कि लुंड्रा विकासखंड के सेमरडीह गांव की डेढ़ साल की बच्ची सिमरन कुपोषण से ग्रसित थी. बच्ची का वजन उसकी उम्र के हिसाब से कम था. इसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में जिला प्रशासन की ओर से दिए जा रहे पौष्टिक आहार खिलाने लाया गया था.

Child Protection Commission came into action after death of girl child in sarguja
बाल संरक्षण आयोग ने दिए जांच के निर्देश

आयोग ने मामले में दिखाई गंभीरता
बीते 7 सितंबर को खाना खाने के बाद ही सिमरन की तबीयत बिगड़ गई थी और बच्ची ने दम तोड़ दिया था. बच्ची की मौत के पीछे पोषण पुर्नवास केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही मानी जा रही थी. बच्ची की मौत के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से की गई, जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग ने पुनर्वास केंद्र में बच्ची की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है.

20 दिनों के भीतर मांगी जांच रिपोर्ट
शुरुआती जांच में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ओर से दिए गए बयान में भी आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमण कुमार गौड़ ने केंद्र के संचालन और डॉक्टरों की लापरवाही मानी है. इस मामले में पूरी जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं. आयोग ने 20 दिनों के भीतर जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.

कलेक्टर ने गंभीरता बरतने दिए आदेश
बहरहाल सरगुजा में कुपोषण से लड़ाई के लिए कलेक्टर सारांश मित्तर ने विशेष अभियान चलाया है. डीएमएफ की राशि से बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. कलेक्टर ने इस मामले को काफी संवेदनशील माना है. उन्होंने कर्मचारियों को इस मामले में पूरी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे. साथ ही योजना में लापरवाही को लेकर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी. लेकिन कलेक्टर के आदेश से इन कर्मचारियों पर कोई असर नहीं दिख रहा है.

Intro:सरगुजा : पोषण पुनर्वास केंद्र में एक डेढ़ वर्षीय बच्ची की मौत के मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने इस मामले में कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए है। इसके बाद कलेक्टर ने भी इस मामले में जांच के आदेश स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए है। बताया जा रहा है कि लुंड्रा विकासखंड के ग्राम सेमरडीह की डेढ़ वर्षीय बच्ची सिमरन कुपोषण से ग्रसित थी। बच्ची का वजन उसकी उम्र के हिसाब से कम था जिसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे पौष्टिक आहार का भोजन कराने के लिए लाया गया था परन्तु 7 सितम्बर को भोजन करने के बाद ही सिमरन की तबियत बिगड़ गई थी और बच्ची ने दम तोड़ दिया था। बच्ची की मौत के पीछे पोषण पुर्नवास केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही मानी जा रही थी। बच्ची की मौत के बाद इसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गई गई थी जिसके बाद आयोग ने पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्ची की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है क्यों की बच्ची बीमार नहीं थी महज उसका वजन कम था और वो उपचार कराने नहीं बल्कि भोजन के लिए आई थी।

मामले की प्रारंभिक जांच में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान में भी आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमण कुमार गौड़ ने केंद्र के संचालन और डॉक्टरों की लापरवाही मानी है और इस मामले में पूर्ण जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश जिला कलेक्टर को दिए है। आयोग ने जांच व कार्रवाई की रिपोर्ट को 20 दिनों के अंदर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए है।


Body:बहरहाल सरगुजा में कुपोषण से लड़ाई के लिए कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर द्वारा विशेष अभियान चलाया गया है और डीएमएफ की राशि से बच्चों को पौष्टिक आहार, अंडा, सोयाबीन बड़ी व अन्य भोजन खिलाए जा रहे है। कलेक्टर ने इस मामले को प्रारम्भ से ही काफी संवेदनशील माना है और पूर्व में ही कर्मचारियों को इस मामले में पूरी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे वहीं चेतावनी भी दी थी पोषण योजना में लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी परन्तु कलेक्टर के आदेश का भी इन कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है।Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.