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अंबिकापुर: हाथियों के मौत मामले में केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने ली बैठक, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बीतें दिनों 4 हाथियों की मौत के मामले में केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को सरगुजा वन विभाग की बैठक ली है.

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Published : Jun 12, 2020, 11:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

Central Environment Department took meeting
केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने ली बैठक

अंबिकापुर: सूरजपुर जिले में बीतें दिनों कई दिनों में 4 हाथियों की मौत हो चुकी है. हाथियों की मौत के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सरगुजा के अधिकारियों की बैठक ली है.

बैठक में एक ही दल के चार हाथियों की मौत के सम्बंध में चर्चा की गई. केंद्रीय पर्यावरण की बैठक के बाद एडिशनल पीसीसीएफ ने कहा कि हाथियों की मौत के मामले में जांच जारी है, अगर कोई लापरवाही पाया जाता है, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी.

स्टाफ की कमी से कराया गया अवगत

अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक अरुण पांडेय ने 2 हाथियों की मौत पॉइजनिंग से होने की आशंका जताई है. बैठक में सरगुजा वन विभाग ने केंद्रीय पर्यावरण विभाग से रेग्युलर वेडनरी डॉक्टरर्स की मांग की. साथ ही स्टाफ की कमी और संसाधनों की कमी से भी अवगत कराया गया.

3 हाथी का नहीं चल पा रहा है पता

सरगुजा वन वृत ने केंद्रीय पर्यावरण विभाग को बाकी हाथियों की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हाथियों की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है. 16 हाथियों की दल में सिर्फ 10 हाथी दिख रहे हैं. 3 की मौत हो चुकी है और 3 हाथी का पता नहीं चल पा रहा है. जिनकी तलाश की जा रही है.

वन विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

बीतें तीन दिन के भीतर एक ही दल के चार हाथियों की मौत ने वन विभाग को हिला कर रख दिया है. 3 हाथियों की मौत में एक हथिनी गर्भवती थी. जिसके गर्भ में पल रहे हाथी की भी मौत हो चुकी है. एक साथ कई हाथियों की मौत होने के कारण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. बुधवार को पीसीसीएफ सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अलग-अलग दो जंगलों में हाथियों का पोस्टमार्टम कर बिसरा संरक्षित किया गया.

अंबिकापुर: सूरजपुर जिले में बीतें दिनों कई दिनों में 4 हाथियों की मौत हो चुकी है. हाथियों की मौत के मामले में शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सरगुजा के अधिकारियों की बैठक ली है.

बैठक में एक ही दल के चार हाथियों की मौत के सम्बंध में चर्चा की गई. केंद्रीय पर्यावरण की बैठक के बाद एडिशनल पीसीसीएफ ने कहा कि हाथियों की मौत के मामले में जांच जारी है, अगर कोई लापरवाही पाया जाता है, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी.

स्टाफ की कमी से कराया गया अवगत

अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक अरुण पांडेय ने 2 हाथियों की मौत पॉइजनिंग से होने की आशंका जताई है. बैठक में सरगुजा वन विभाग ने केंद्रीय पर्यावरण विभाग से रेग्युलर वेडनरी डॉक्टरर्स की मांग की. साथ ही स्टाफ की कमी और संसाधनों की कमी से भी अवगत कराया गया.

3 हाथी का नहीं चल पा रहा है पता

सरगुजा वन वृत ने केंद्रीय पर्यावरण विभाग को बाकी हाथियों की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हाथियों की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है. 16 हाथियों की दल में सिर्फ 10 हाथी दिख रहे हैं. 3 की मौत हो चुकी है और 3 हाथी का पता नहीं चल पा रहा है. जिनकी तलाश की जा रही है.

वन विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

बीतें तीन दिन के भीतर एक ही दल के चार हाथियों की मौत ने वन विभाग को हिला कर रख दिया है. 3 हाथियों की मौत में एक हथिनी गर्भवती थी. जिसके गर्भ में पल रहे हाथी की भी मौत हो चुकी है. एक साथ कई हाथियों की मौत होने के कारण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. बुधवार को पीसीसीएफ सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अलग-अलग दो जंगलों में हाथियों का पोस्टमार्टम कर बिसरा संरक्षित किया गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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