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मनेंद्रगढ़ में इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा, रात के अंधेरे में मनुष्य का रूप धारण करते थे सांप - MANENDRAGARH NAG GUFA

मनेंद्रगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर चिरमिरी के पास स्थित गुफा है. जिसे लोग नाग गुफा के नाम से जानते हैं.

MANENDRAGARH NAG GUFA
मनेंद्रगढ़ नाग गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 15, 2024, 2:19 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भारत सदियों से रहस्यमयी और सांस्कृतिक परंपराओं का देश रहा है. अतीत में इसे 'आर्यावर्त' के नाम से जाना जाता था. यानी आर्यों की भूमि. यहां की प्राचीन कहानियों ने लोगों के दिलों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है. ऐसी ही एक किवंदती इच्छाधारी नाग और नागिन की है. यह नाग और नागिन मनुष्य का रूप धरकर मिलन करते थे. ये बातें आज भी जीवित हैं. छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय के पास ऐसी है एक 'नाग गुफा' है. यहां के लोगों का कहना है कि आज भी सपने में अक्सर नाग नागिन आते हैं.

कहां है इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा ?: मनेंद्रगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर चिरमिरी के पास स्थित गुफा है. जिसे लोग नाग गुफा के नाम से जानते हैं. यह गुफा पहाड़ों, चट्टानों और हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है. यहां का प्राकृतिक वातावरण लोगों का मन मोह लेता है. जंगल के बीच से गुजरता रास्ता नाग गुफा तक पहुंचने का रोमांचक अनुभव देता है. ग्रामीण बताते हैं कि इस गुफा में कभी इच्छाधारी नाग और नागिन रहते थे, जो रात के अंधेरे में मनुष्य का रूप धारण कर मनुष्यों जैसे ही क्रियाकलाप करते थे.

मनेंद्रगढ़ नाग गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

ग्रामीणों की मान्यताओं में बसा नाग नागिन का रहस्य: ग्रामीण का कहना है कि उनके पूर्वज इस स्थान को इच्छाधारी नाग और नागिन का निवास मानते थे. उनके अनुसार, कभी-कभी नाग-नागिन को मनुष्य रूप में बदलते हुए देखा गया था. यह कहानी पीढ़ियों से ग्रामीणों के बीच प्रचलित है, जिसे वे अपने बच्चों को भी सुनाते हैं और आस्था के रूप में संजो कर रखते हैं.

पुराने जमाने के लोग बताते हैं कि यहां नाग नागिन आते थे और कलाएं करते थे. अब भी इसकी मान्यता है. हर रोज सुबह शाम पूजा होती है-बृजमोहन, ग्रामीण

cave of nag serpent
इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

नाग गुफा की पूजा-अर्चना और मान्यताएं: आज इस गुफा में ग्रामीण देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं. यहां एक मणि का स्थान भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह इच्छाधारी नाग और नागिन के मिलन का प्रतीक है. बाबा संतराम और अन्य साधु, जो इस गुफा में पूजा-अर्चना करते हैं, बताते हैं कि इस गुफा में मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. इस स्थान की प्रसिद्धि इतनी है कि दूर-दूर से लोग यहां आकर मन्नतें मांगते हैं और अपनी आस्था प्रकट करते हैं.

cave of nag serpent
इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

नाग गुफा में इच्छाधारी नाग नागिन आते थे और मिलते थे. लोगों को दिखाई भी देते हैं. आज भी उनका सपना आता है-संतराम बाबा, साधु

प्राकृतिक स्थल का विकास और रोजगार का अभाव: जिला प्रशासन या स्थानीय प्रशासन ने अब तक इस स्थान का उचित विकास नहीं किया है, जिससे यहां पर्यटन और रोजगार के साधन विकसित हो सकते थे. बावजूद इसके, ग्रामीण इस स्थान को अपने पूर्वजों की यादों और पुरानी परंपराओं के साथ संजोए हुए हैं. यहां आने वाले श्रद्धालु नाग-नागिन की पूजा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.

नाग गुफा एक जीवंत धरोहर: नाग गुफा न केवल इच्छाधारी नाग और नागिन की पुरानी कहानियों को जीवंत बनाए रखी हुई है, बल्कि यह स्थान आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. लोगों के मन में यह गुफा इच्छाधारी नाग और नागिन की रहस्यमयी कहानियों को संजोए हुए है.

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कहां है इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा ?: मनेंद्रगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर चिरमिरी के पास स्थित गुफा है. जिसे लोग नाग गुफा के नाम से जानते हैं. यह गुफा पहाड़ों, चट्टानों और हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है. यहां का प्राकृतिक वातावरण लोगों का मन मोह लेता है. जंगल के बीच से गुजरता रास्ता नाग गुफा तक पहुंचने का रोमांचक अनुभव देता है. ग्रामीण बताते हैं कि इस गुफा में कभी इच्छाधारी नाग और नागिन रहते थे, जो रात के अंधेरे में मनुष्य का रूप धारण कर मनुष्यों जैसे ही क्रियाकलाप करते थे.

मनेंद्रगढ़ नाग गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

ग्रामीणों की मान्यताओं में बसा नाग नागिन का रहस्य: ग्रामीण का कहना है कि उनके पूर्वज इस स्थान को इच्छाधारी नाग और नागिन का निवास मानते थे. उनके अनुसार, कभी-कभी नाग-नागिन को मनुष्य रूप में बदलते हुए देखा गया था. यह कहानी पीढ़ियों से ग्रामीणों के बीच प्रचलित है, जिसे वे अपने बच्चों को भी सुनाते हैं और आस्था के रूप में संजो कर रखते हैं.

पुराने जमाने के लोग बताते हैं कि यहां नाग नागिन आते थे और कलाएं करते थे. अब भी इसकी मान्यता है. हर रोज सुबह शाम पूजा होती है-बृजमोहन, ग्रामीण

cave of nag serpent
इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

नाग गुफा की पूजा-अर्चना और मान्यताएं: आज इस गुफा में ग्रामीण देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं. यहां एक मणि का स्थान भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह इच्छाधारी नाग और नागिन के मिलन का प्रतीक है. बाबा संतराम और अन्य साधु, जो इस गुफा में पूजा-अर्चना करते हैं, बताते हैं कि इस गुफा में मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. इस स्थान की प्रसिद्धि इतनी है कि दूर-दूर से लोग यहां आकर मन्नतें मांगते हैं और अपनी आस्था प्रकट करते हैं.

cave of nag serpent
इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा (ETV Bharat Chhattisgarh)

नाग गुफा में इच्छाधारी नाग नागिन आते थे और मिलते थे. लोगों को दिखाई भी देते हैं. आज भी उनका सपना आता है-संतराम बाबा, साधु

प्राकृतिक स्थल का विकास और रोजगार का अभाव: जिला प्रशासन या स्थानीय प्रशासन ने अब तक इस स्थान का उचित विकास नहीं किया है, जिससे यहां पर्यटन और रोजगार के साधन विकसित हो सकते थे. बावजूद इसके, ग्रामीण इस स्थान को अपने पूर्वजों की यादों और पुरानी परंपराओं के साथ संजोए हुए हैं. यहां आने वाले श्रद्धालु नाग-नागिन की पूजा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं.

नाग गुफा एक जीवंत धरोहर: नाग गुफा न केवल इच्छाधारी नाग और नागिन की पुरानी कहानियों को जीवंत बनाए रखी हुई है, बल्कि यह स्थान आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. लोगों के मन में यह गुफा इच्छाधारी नाग और नागिन की रहस्यमयी कहानियों को संजोए हुए है.

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