दुर्ग: कुम्हारी अहिवारा मार्ग पर नकली पनीर बनाने की एक फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. इस फैक्ट्री में पाम ऑयल, दूध पावडर के साथ एसेंस का इस्तेमाल कर नकली पनीर बनाया जा रहा है. इस नकली पनीर को प्रदेश के कई शहरों में बड़ी मात्रा में खपाया जा रहा था. इस खुलासे के बाद SDM, तहसीलदार के साथ ही कुम्हारी थाना की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की.
भिलाई में नकली पनीर फैक्ट्री: कुम्हारी अहिवारा मार्ग में यह फैक्ट्री लंबे समय से संचालित थी. जिसकी भनक प्रशासन के अधिकारियों को भी नहीं थी. पनीर फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि स्किम्ड मिल्क पाउडर, पॉम ऑयल, तेल और कैमिकल मिलकर पनीर तैयार किया जाता है. इस फैक्ट्री में हर रोज 100 से 150 किलो पनीर तैयार किया जाता है. जिसे रायपुर, दुर्ग समेत अन्य जिलों में सप्लाई की जाती है.
मिल्क पाउडर, डालडा, पाम ऑयल डालकर पनीर बनाते हैं. लोगों के लिए खतरा है. : यशवंत ढीमर, मजदूर
नकली पनीर फैक्ट्री सील: भिलाई 3 एसडीएम महेश राजपूत ने बताया कि फैक्ट्री का जायजा लिया गया. जहां बड़ी मात्रा में स्किम्ड मिल्क पाउडर, पाम ऑयल, तेल और कैमिकल फैक्ट्री में मिला है. फैक्ट्री को सील बंद किया गया है. फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी दी गई है. पनीर का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज जाएगा. प्रथम दृष्ट्या पनीर को देखकर नकली पनीर लग रहा है.
"फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की शिथिलता बर्दाश्त नहीं" : इस संबंध में दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि कलेक्टर मैडम से बातचीत हुई है. पूरी सक्रियता से कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशत किया और वहां जाकर एसडीएम व पुलिस प्रशासन ने छापेमारी की. एक ऐसा समूह, जो नकली पनीर बनाने का धंधा न जाने कब से कर रहा है, यह जांच में पता चलेगा. उनका भंडाफोड़ हुआ है, उन्हें पकड़ा गया है.
यह दुख की बात है कि ऐसे लोग यहां सक्रिय हैं. उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की शिथिलता भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. वो सक्रियता से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें. जहां से भी जानकारी मिले, रात हो या दिन, फौरन कार्रवाई करें. : विजय बघेल, सांसद, दुर्ग लोकसभा
नकली पनीर फैक्ट्री का मालिक यूपी का रहने वाला: फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक जिस फैक्ट्री में पनीर बनाया जा रहा था. वह यूपी के रहने वाले शोभित सिंह का है. जो किराए पर लेकर पिछले 4 से 5 माह से फैक्ट्री को संचालित कर रहा था. इस फैक्ट्री में आसपास के करीब 12 से 15 गरीब कर्मचारियों को इस काम में लगाया गया था.