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छत पर करें केले की खेती, अंबिकापुर उद्यानिकी विभाग का कारनामा - ambikapur latest news

ambikapur latest news आजकल घने बसाहट के बीच खेती करना एक सपने जैसा है.क्योंकि जमीन की कमी के कारण कोई भी खेती नहीं कर सकता. लेकिन यदि हम कहें कि ऐसा मुमकिन है .फिर आप क्या कहेंगे.क्योंकि अंबिकापुर के उद्यानिकी विभाग ने कुछ ऐसा किया है जिसे देखने के बाद किसी को भी अपनी आंखों में यकीन नहीं होता.

छत पर करें केले की खेती, अंबिकापुर उद्यानिकी विभाग का कारनामा
छत पर करें केले की खेती, अंबिकापुर उद्यानिकी विभाग का कारनामा
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Published : Nov 11, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : शहरों की घनी बसाहट में लोगों के पास जमीन नही होती है ऐसे में पेड़ पौधों की उपयोगिता कम हो जाती है. लेकिन सरगुजा जिले में उद्यान विभाग छत में खेती करने के लिये लोगों को जागरूक कर रहा है. केले जैसा बड़ा पेड़ भी छत पर लगाया जा सकता है. इसका नमूना भी विभाग की नर्सरी में रखा हुआ (Banana cultivation on roof in ambikapur ) है.

छत पर करें केले की खेती, अंबिकापुर उद्यानिकी विभाग का कारनामा
खेती के लिए जमीन की जरूरत नहीं : हम नर्सरी पहुंचे इस केले के पेड़ को देखने और अधिकारियों से पूछा कि यह कैसे किया जा सकता (Ambikapur Horticulture Department) है. उन्होंने बताया कि बहुत ही आसान है. आम तौर पर केला, पपीता, जैसे बड़े पेड़ को गमले, प्लास्टिक कंटेनर या पॉली बैग में भी लगाया जा सकता है. जिससे यह बिल्कुल भी अधिक जगह नही लेता है. करीब डेढ़ स्क्वायर फिट की जगह में ही पेड़ खड़ा हो जाता है. कमा सकते हैं मुनाफा : इस तरीके से छत में केले की खेती की जा सकती है. और इससे मुनाफा भी कमाया जा सकता है. मुनाफा ना भी कमाए तो घर मे खाने के लिये ताजा फल तो लिया ही जा सकता है. बड़ी बात यह है कि जमीन में लगे केले के पेड़ और छत में लगे केले के पेड़ के फलन में भी कोई अंतर नही है. इसकी भी उत्पादकता उतनी ही है. ऐसे तैयार करें मिट्टी : सरगुजा जिले में उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में केले के पेड़ का प्रयोग किया गया है. वहां जाकर इसे देखा जा सकता है. यहां पर आपको सभी प्लांट भी मिल जाएंगे. केले का पेड़ छत के लगाने के लिए अधिकारी सलाह देते हैं की मिट्टी के साथ जैविक खाद डालें अगर मिट्टी ज्यादा काली है तो उसमें रेत भी मिला लें. और सामान्य रूप से उसमें केले का पेड़ लगा सकते हैं. लोगों को कर रहे जागरूक : उद्यान विभाग इस केले के मॉडल को प्रशासन के विभिन्न आयोजनों में प्रदर्शित कर रहा है. शहरी लोगों को टेरिस गार्डन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकी लोग ताजे फल सब्जी खुद ही उगा सकें साथ ही. केमिकल युक्त फल सब्जी की जगह खुद जैविक खेती से शुद्ध फल प्राप्त कर सकें. इस तरह की खेती के लिये उद्यान विभाग से प्रशिक्षण भी लिया जा सकता है. नर्सरी में ही बने कार्यालय परिसर में अधिकारी भी उपलब्ध रहते हैं. टेरिस गर्दन को बढ़ावा : छत पर केला, नींबू, पपीता जैसे तमाम फल लगाये जा सकते हैं. यह ना सिर्फ आपको ताजे फल व सब्जियां देगा बल्कि आपके घर को भी हरा भरा और खूबसूरत बना देगा. टेरिस गार्डनिंग को बढ़ावा देने हार्टिकल्चर विभाग प्रयास कर रहा है. इस प्रयास से भूमिहीन लोग भी अपने घर की छत पर छोटी सी जगह में भी खेती कर सकते हैं. ambikapur latest news

सरगुजा : शहरों की घनी बसाहट में लोगों के पास जमीन नही होती है ऐसे में पेड़ पौधों की उपयोगिता कम हो जाती है. लेकिन सरगुजा जिले में उद्यान विभाग छत में खेती करने के लिये लोगों को जागरूक कर रहा है. केले जैसा बड़ा पेड़ भी छत पर लगाया जा सकता है. इसका नमूना भी विभाग की नर्सरी में रखा हुआ (Banana cultivation on roof in ambikapur ) है.

छत पर करें केले की खेती, अंबिकापुर उद्यानिकी विभाग का कारनामा
खेती के लिए जमीन की जरूरत नहीं : हम नर्सरी पहुंचे इस केले के पेड़ को देखने और अधिकारियों से पूछा कि यह कैसे किया जा सकता (Ambikapur Horticulture Department) है. उन्होंने बताया कि बहुत ही आसान है. आम तौर पर केला, पपीता, जैसे बड़े पेड़ को गमले, प्लास्टिक कंटेनर या पॉली बैग में भी लगाया जा सकता है. जिससे यह बिल्कुल भी अधिक जगह नही लेता है. करीब डेढ़ स्क्वायर फिट की जगह में ही पेड़ खड़ा हो जाता है. कमा सकते हैं मुनाफा : इस तरीके से छत में केले की खेती की जा सकती है. और इससे मुनाफा भी कमाया जा सकता है. मुनाफा ना भी कमाए तो घर मे खाने के लिये ताजा फल तो लिया ही जा सकता है. बड़ी बात यह है कि जमीन में लगे केले के पेड़ और छत में लगे केले के पेड़ के फलन में भी कोई अंतर नही है. इसकी भी उत्पादकता उतनी ही है. ऐसे तैयार करें मिट्टी : सरगुजा जिले में उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में केले के पेड़ का प्रयोग किया गया है. वहां जाकर इसे देखा जा सकता है. यहां पर आपको सभी प्लांट भी मिल जाएंगे. केले का पेड़ छत के लगाने के लिए अधिकारी सलाह देते हैं की मिट्टी के साथ जैविक खाद डालें अगर मिट्टी ज्यादा काली है तो उसमें रेत भी मिला लें. और सामान्य रूप से उसमें केले का पेड़ लगा सकते हैं. लोगों को कर रहे जागरूक : उद्यान विभाग इस केले के मॉडल को प्रशासन के विभिन्न आयोजनों में प्रदर्शित कर रहा है. शहरी लोगों को टेरिस गार्डन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकी लोग ताजे फल सब्जी खुद ही उगा सकें साथ ही. केमिकल युक्त फल सब्जी की जगह खुद जैविक खेती से शुद्ध फल प्राप्त कर सकें. इस तरह की खेती के लिये उद्यान विभाग से प्रशिक्षण भी लिया जा सकता है. नर्सरी में ही बने कार्यालय परिसर में अधिकारी भी उपलब्ध रहते हैं. टेरिस गर्दन को बढ़ावा : छत पर केला, नींबू, पपीता जैसे तमाम फल लगाये जा सकते हैं. यह ना सिर्फ आपको ताजे फल व सब्जियां देगा बल्कि आपके घर को भी हरा भरा और खूबसूरत बना देगा. टेरिस गार्डनिंग को बढ़ावा देने हार्टिकल्चर विभाग प्रयास कर रहा है. इस प्रयास से भूमिहीन लोग भी अपने घर की छत पर छोटी सी जगह में भी खेती कर सकते हैं. ambikapur latest news
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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