एमसीबी: पूरे देश में विकास की बयार बह रही है लेकिन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाको में हालत बद से बदत्तर है. हम बात कर रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गढ़ मेनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर की. यहां मंगलवार की रात को एक महिला को खाट पर लिटाकर नागपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. यहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे की मौत हो चुकी थी.
पांच किलोमीटर खाट पर महिला को ले जाया गया: एमसीबी के सरभोका ग्राम पंचायत के नावाडीह गांव में सड़क नहीं होने की सजा एक मासूम को उठानी पड़ी. सड़क नहीं होने से गर्भवती महिला को खाट पर अस्पताल ले जाना पड़ा. पांच किलोमीटर तक महिला को खाट पर लिटाकर टॉर्च की रोशनी में मुख्य सड़क तक लाया गया. यहां से निजी वाहन के जरिए उसे नागपुर उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया. महिला पंडो जनजाति से ताल्लुक रखती है. पंडो जनजाति वो ट्राइब है जिसे राष्ट्रपति ने गोद लिया है. इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है.
महिला को रात 8:05 बजे नागपुर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था, जहां 8:20 बजे उसने मृत बच्चे को जन्म दिया. परिवार ने 108 एंबुलेंस को कॉल नहीं किया और निजी वाहन से पहुंचे. महिला की स्थिति सामान्य थी.महिला के गर्भ में बच्चे ने गंदा पानी पी लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई.- डॉ. अविनाश खरे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
गांव में सड़क नहीं होने से हालत खराब: सरभोका गांव में सड़क नहीं होने से लगातार परेशानी हो रही है. नावाडीह गांव में करीब 50 से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समाज के लोग रहते हैं. इस समुदाय को आजादी के 77 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं नसीब नहीं हो पाई है. सड़क न होने की वजह से गांववाले अब भी खाट और कंधे का सहारा लेकर मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाते हैं. एक सप्ताह पहले इस इलाके से ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी. आखिर कब इस इलाके की तकदीर और तस्वीर बदलेगी.