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Success Story: मेहनत से मानसी सान्डिल्य ने दी सपनों को उड़ान, नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट में चयन - BASKET BALL PLAYER MANSI SANDILYA

अंबिकापुर की बेटी मानसी सान्डिल्य का चयन नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट में हुआ. पढ़िए इस बिटिया की सक्सेस स्टोरी

Basket ball player Mansi Sandilya
मेहनत से मानसी सान्डिल्य ने दी सपनों को उड़ान (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 12 hours ago

सरगुजा : अंबिकापुर की सामान्य आदिवासी परिवार की बेटी के सपनों को पंख मिल चुके हैं. भले ही घर के छत की ऊंचाई कम हो, लेकिन हौंसले की ऊंचाई इससे कहीं ऊंची है.अंबिकापुर की मानसी बास्केट बाल जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में शामिल होंगी. तमिलनाडू में आयोजित होने वाली नेशनल चैम्पियनशिप में मानसी का चयन हुआ है.

आर्थिक स्थिति कमजोर लेकिन हौंसले बुलंद : अंबिकापुर के गोधानपुर में रहने वाली मानसी के पिता रूप साय सिंह नगर निगम में प्लेसमेंट कर्मचारी हैं. थोड़े से वेतन में वो अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. एक बेटे और दो बेटियों को शिक्षा दिलवा रहे हैं.परिवार छोटे से कच्चे छप्पर वाले मकान में किराये से रहता है. लेकिन छोटी आमदनी में भी रूप साय ने अपने बच्चों को पढ़ाया. पिता की परवरिश का ही नतीजा है कि बेटा ग्रेजुएशन कर चुका है. एक बेटी कॉलेज में पढ़ रही है. जबकि छोटी बेटी मानसी दसवीं पढ़ने के साथ बास्केट बाल की उम्दा खिलाड़ी बन चुकी हैं.

अंबिकापुर की बेटी मानसी का कमाल (ETV BHARAT)


तीन साल से सीख रही है बास्केट बाल : मानसी के मुताबिक तीन साल से वो गांधी स्टेडियम में बास्केट बाल सीख रही हैं. जिन्हें उनके कोच राजेश प्रताप सिंह सिखाते हैं. उसका चयन जूनियर नेशनल बास्केटबाल के लिए हुआ है. वो तमिलनाडू में आयोजित प्रतियोगिता में खेलने जा रही है.

struggle of Basket ball player Mansi
गरीबी में रहकर अपने सपनों को पूरा किया (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मानसी की मां की माने तो उनको खुद नही पता कि उनकी बेटी खेलने में इतनी अच्छी है.

अच्छा लगता है कि नेशनल खेलने जा रही है. पति नगर निगम में काम करते हैं. वो अकेले ही कमाने वाले है. उसी से घर का खर्चा चलता है. तीनों बच्चों की पढ़ाई के साथ घर का किराया भी देना पड़ता है. फिर भी हम लोग कभी मानसी को खेलने के लिए नही रोके - गायत्री, मानसी की मां

बास्केटबाल कोच राजेश प्रताप सिंह के मुताबिक बास्केटबाल में एक लड़की मानसी सान्डिल्य है. जिसका चयन जूनियर नेशनल बास्केटबाल तमिलनाडू के लिए हुआ है.

ये बच्ची बचपन से ही होनहार है.गरीब परिवार की लडकी है तो हम लोगों ने भी सपोर्ट किया.उसके परिवार वालों ने भी इसका सपोर्ट किया. अब ये नेशनल खेलने जा रही है. छत्तीसगढ़ की टीम में सरगुजा की मानसी का चयन हुआ है- राजेश प्रताप सिंह, कोच

मानसी की गरीबी उसके हौंसलों को नहीं रोक पाई.मानसी ने कभी अपनी गरीबी को अपने लक्ष्य के आगे नहीं आने दिया. परिवार की मदद और कोच के सहारे मानसी आज नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेगी.ईटीवी भारत भी मानसी के उज्जवल भविष्य की कामना करता है.

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सरगुजा : अंबिकापुर की सामान्य आदिवासी परिवार की बेटी के सपनों को पंख मिल चुके हैं. भले ही घर के छत की ऊंचाई कम हो, लेकिन हौंसले की ऊंचाई इससे कहीं ऊंची है.अंबिकापुर की मानसी बास्केट बाल जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में शामिल होंगी. तमिलनाडू में आयोजित होने वाली नेशनल चैम्पियनशिप में मानसी का चयन हुआ है.

आर्थिक स्थिति कमजोर लेकिन हौंसले बुलंद : अंबिकापुर के गोधानपुर में रहने वाली मानसी के पिता रूप साय सिंह नगर निगम में प्लेसमेंट कर्मचारी हैं. थोड़े से वेतन में वो अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. एक बेटे और दो बेटियों को शिक्षा दिलवा रहे हैं.परिवार छोटे से कच्चे छप्पर वाले मकान में किराये से रहता है. लेकिन छोटी आमदनी में भी रूप साय ने अपने बच्चों को पढ़ाया. पिता की परवरिश का ही नतीजा है कि बेटा ग्रेजुएशन कर चुका है. एक बेटी कॉलेज में पढ़ रही है. जबकि छोटी बेटी मानसी दसवीं पढ़ने के साथ बास्केट बाल की उम्दा खिलाड़ी बन चुकी हैं.

अंबिकापुर की बेटी मानसी का कमाल (ETV BHARAT)


तीन साल से सीख रही है बास्केट बाल : मानसी के मुताबिक तीन साल से वो गांधी स्टेडियम में बास्केट बाल सीख रही हैं. जिन्हें उनके कोच राजेश प्रताप सिंह सिखाते हैं. उसका चयन जूनियर नेशनल बास्केटबाल के लिए हुआ है. वो तमिलनाडू में आयोजित प्रतियोगिता में खेलने जा रही है.

struggle of Basket ball player Mansi
गरीबी में रहकर अपने सपनों को पूरा किया (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मानसी की मां की माने तो उनको खुद नही पता कि उनकी बेटी खेलने में इतनी अच्छी है.

अच्छा लगता है कि नेशनल खेलने जा रही है. पति नगर निगम में काम करते हैं. वो अकेले ही कमाने वाले है. उसी से घर का खर्चा चलता है. तीनों बच्चों की पढ़ाई के साथ घर का किराया भी देना पड़ता है. फिर भी हम लोग कभी मानसी को खेलने के लिए नही रोके - गायत्री, मानसी की मां

बास्केटबाल कोच राजेश प्रताप सिंह के मुताबिक बास्केटबाल में एक लड़की मानसी सान्डिल्य है. जिसका चयन जूनियर नेशनल बास्केटबाल तमिलनाडू के लिए हुआ है.

ये बच्ची बचपन से ही होनहार है.गरीब परिवार की लडकी है तो हम लोगों ने भी सपोर्ट किया.उसके परिवार वालों ने भी इसका सपोर्ट किया. अब ये नेशनल खेलने जा रही है. छत्तीसगढ़ की टीम में सरगुजा की मानसी का चयन हुआ है- राजेश प्रताप सिंह, कोच

मानसी की गरीबी उसके हौंसलों को नहीं रोक पाई.मानसी ने कभी अपनी गरीबी को अपने लक्ष्य के आगे नहीं आने दिया. परिवार की मदद और कोच के सहारे मानसी आज नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेगी.ईटीवी भारत भी मानसी के उज्जवल भविष्य की कामना करता है.

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