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SPECIAL: निकाय चुनाव में यहां भारी न पड़ जाए कांग्रेस का वादा, दांव पर बाबा की साख - प्रबोध मिंज

साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाने वाली है, इस सवाल का जवाब हमने इन्हीं नेताओं से जानना चाहा.

चुनाव में यहां भारी न पड़ जाए कांग्रेस का वादा
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Published : Jun 22, 2019, 8:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: इस साल के अंत में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. अंबिकापुर नगर निगम प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट का नगर निगम है. यहां से प्रदेश के सबसे अमीर विधायक आते हैं, जो वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. इनका नाम है टीएस सिंहदेव. लिहाजा नगरीय निकाय चुनाव में ये नगर निगम सुर्खियों में रहने वाला है.

चुनाव में यहां भारी न पड़ जाए कांग्रेस का वादा

अब मंत्री का शहर है तो यहां जीत और हार दोनों का सेहरा उनके ही सर बंधेगा. फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा है. 2014 के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने डॉक्टर अजय तिर्की को उम्मीदवार बनाया था और अजय तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी मंजूषा भगत को परास्त कर मेयर की कुर्सी हासिल की थी.

इस साल के अंत में हैं चुनाव
अब एक बार फिर साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाने वाली है, इस सवाल का जवाब हमने इन्हीं नेताओं से जानना चाहा.

कांग्रेस ने कौन से मुद्दे गिनाए-

  • सबसे पहले महापौर के पद पर आसीन कांग्रेस के डॉ अजय तिर्की से सवाल किया की कौन सी उप्लधियों के साथ आप दोबारा वोट मांगेंगे.
  • जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कई उपलब्धियां गिनाई, सड़क, नाली, बिजली पानी, सामुदायिक भवन जैसे कई काम बताये, जो काम शायद नगर निगम में वैसे भी चलते ही रहते हैं.
  • अजय तिर्की मानते हैं की स्वच्छचा के क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का जो काम उन्होंने किया है वो उनकी बड़ी उपलब्धि है. जाहिर है अंबिकापुर जैसे शहर को देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला है.
  • इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में बेस्ट प्रेक्टिशनर के अवार्ड के साथ कई खिताब नगर निगम को इसी कार्यकाल में मिले हैं. अंबिकापुर नगर निगम देश भर की निकायों का आदर्श बन चुका है, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि का लाभ मत में तब्दील होना संभव लगता नहीं. इससे जनता को कुछ मिला नहीं बल्कि उन पर डोर-टू-डोर कचरा क्लेक्शन का यूजर जार्च जरूर बढ़ा है.
  • कांग्रेस के मेयर चुनाव के पहले बड़ी राहत के साथ अपने लिए भी राहत जुटाने की जुगत में लगे है. वो अब 2014 चुनाव के घोषणा पत्र के अहम बिंदु के क्रियान्वयन के प्रयास में हैं.
  • दरअसल 2014 में कांग्रेस ने अपनी निगर निगम में आम जनता को टैक्स में आधे की छूट की बात की थी और अंबिकापुर में आम लोगों का टैक्स आधा करने का प्रस्ताव शासन को दोबारा भेजा जा चुका है.
  • मेयर का कहना है कि उन्होंने अपनी पहली बैठक में ही इस प्रस्ताव को पास कर शासन को भेजा था लेकिन पिछली सरकार ने उसे मंजूर करने के बजाए और अधिक टैक्स लगा दिया.
  • अब प्रदेश में भी उनकी सरकार है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आम लोगों के टैक्स को आधा करने का प्रस्ताव शासन मंजूर करेगा. बहरहाल चुनावी वर्ष में अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो निश्चित ये निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है.

क्या हैं भाजपा के दावे-

  • इधर भाजपा, कांग्रेस के इस 5 वर्षीय कार्यकाल को विफल बता रही है. 2014 से पहले यहां भाजपा के महापौर प्रबोध मिंज रहे हैं और भाजपा का मानना है कि शहर का जो स्वरूप उस समय बनाया गया उसे लोग आज भी याद करते हैं.
  • वहीं भाजपा नेता भी कांग्रेस को निकाय चुनाव में किये गए वादे की याद दिलाते हैं टैक्स आधा करने की घोषणा को पूरा न कर पाने के मामले में नगर निगम को कटघरे में खड़ा करते हैं.
  • इस मामले में कांग्रेस के मेयर ने प्रदेश की भाजपा सरकार को ही जिम्मेदार बताया है क्योंकि टैक्स की छूट सरकार ही दे सकती है, नगर निगम को सिर्फ प्रस्ताव पारित करने का ही अधिकार है.
  • भाजपा नेता जिस तरह प्रबोध मिंज के कार्यकाल को स्वर्णिम बता रहे हैं उससे प्रबोध मिंज को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने की बात को भी दम मिलता है क्योंकि फिलहाल तो कोई दमदार जांचा परखा चेहरा भाजपा में दिख नहीं रहा है इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि भाजपा अंबिकापुर नगर निगम से एक बार फिर प्रबोध मिंज को मैदान में उतार सकती है.

तो क्या होगा गणित-
कांग्रेस की भी लगभग यही स्थिति है. वर्तमान मेयर अजय तिर्की के आलवा कोई और चेहरा कांग्रेस में भी दिखाई नहीं पड़ता. आपको बता दें कि डॉ अजय तिर्की 2014 का चुनाव जिला अस्पताल अंबिकापुर के सिविल सर्जन के पद से इस्तीफा देकर लड़ा था और भजापा ने अपने सिटिंग मेयर प्रबोध मिंज की टिकट काट कर मंजूषा भगत को मैदान में उतारा था, लेकिन मंजूषा भगत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.

किनके बीच हो सकता है मुकाबला
अगर कांग्रेस दोबारा अजय तिर्की को और भाजपा प्रबोध मिंज को मैदान में उतारती है, तो अंबिकापुर नगर निगम चुनाव में मुकाबला टक्कर का होगा और बड़ा ही रोचक प्रचार अभियान होगा क्योंकि दोनों ही प्रत्याशियों के पास मेयर रहते हुए नगर निगम चलाने का अनुभव है, साथ ही दोनों ही मसीही समाज से हैं.

अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र के मसीही समाज का बड़ा तपका निवास करता है और इस समाज का वोट भी संगठित रूप से किसी एक प्रत्याशी को मिलता है, लेकिन एक ही समाज के दो प्रत्याशी के मैदान में होने से वोट का बंटवारा हो सकता है, ऐसे में परिणाम भी बड़े अजीब हो सकते हैँ, फिलहाल तो टिकट के बंटवारे तक इंतजार करना होगा.

सरगुजा: इस साल के अंत में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. अंबिकापुर नगर निगम प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट का नगर निगम है. यहां से प्रदेश के सबसे अमीर विधायक आते हैं, जो वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. इनका नाम है टीएस सिंहदेव. लिहाजा नगरीय निकाय चुनाव में ये नगर निगम सुर्खियों में रहने वाला है.

चुनाव में यहां भारी न पड़ जाए कांग्रेस का वादा

अब मंत्री का शहर है तो यहां जीत और हार दोनों का सेहरा उनके ही सर बंधेगा. फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा है. 2014 के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने डॉक्टर अजय तिर्की को उम्मीदवार बनाया था और अजय तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी मंजूषा भगत को परास्त कर मेयर की कुर्सी हासिल की थी.

इस साल के अंत में हैं चुनाव
अब एक बार फिर साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाने वाली है, इस सवाल का जवाब हमने इन्हीं नेताओं से जानना चाहा.

कांग्रेस ने कौन से मुद्दे गिनाए-

  • सबसे पहले महापौर के पद पर आसीन कांग्रेस के डॉ अजय तिर्की से सवाल किया की कौन सी उप्लधियों के साथ आप दोबारा वोट मांगेंगे.
  • जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कई उपलब्धियां गिनाई, सड़क, नाली, बिजली पानी, सामुदायिक भवन जैसे कई काम बताये, जो काम शायद नगर निगम में वैसे भी चलते ही रहते हैं.
  • अजय तिर्की मानते हैं की स्वच्छचा के क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का जो काम उन्होंने किया है वो उनकी बड़ी उपलब्धि है. जाहिर है अंबिकापुर जैसे शहर को देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला है.
  • इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में बेस्ट प्रेक्टिशनर के अवार्ड के साथ कई खिताब नगर निगम को इसी कार्यकाल में मिले हैं. अंबिकापुर नगर निगम देश भर की निकायों का आदर्श बन चुका है, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि का लाभ मत में तब्दील होना संभव लगता नहीं. इससे जनता को कुछ मिला नहीं बल्कि उन पर डोर-टू-डोर कचरा क्लेक्शन का यूजर जार्च जरूर बढ़ा है.
  • कांग्रेस के मेयर चुनाव के पहले बड़ी राहत के साथ अपने लिए भी राहत जुटाने की जुगत में लगे है. वो अब 2014 चुनाव के घोषणा पत्र के अहम बिंदु के क्रियान्वयन के प्रयास में हैं.
  • दरअसल 2014 में कांग्रेस ने अपनी निगर निगम में आम जनता को टैक्स में आधे की छूट की बात की थी और अंबिकापुर में आम लोगों का टैक्स आधा करने का प्रस्ताव शासन को दोबारा भेजा जा चुका है.
  • मेयर का कहना है कि उन्होंने अपनी पहली बैठक में ही इस प्रस्ताव को पास कर शासन को भेजा था लेकिन पिछली सरकार ने उसे मंजूर करने के बजाए और अधिक टैक्स लगा दिया.
  • अब प्रदेश में भी उनकी सरकार है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आम लोगों के टैक्स को आधा करने का प्रस्ताव शासन मंजूर करेगा. बहरहाल चुनावी वर्ष में अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो निश्चित ये निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है.

क्या हैं भाजपा के दावे-

  • इधर भाजपा, कांग्रेस के इस 5 वर्षीय कार्यकाल को विफल बता रही है. 2014 से पहले यहां भाजपा के महापौर प्रबोध मिंज रहे हैं और भाजपा का मानना है कि शहर का जो स्वरूप उस समय बनाया गया उसे लोग आज भी याद करते हैं.
  • वहीं भाजपा नेता भी कांग्रेस को निकाय चुनाव में किये गए वादे की याद दिलाते हैं टैक्स आधा करने की घोषणा को पूरा न कर पाने के मामले में नगर निगम को कटघरे में खड़ा करते हैं.
  • इस मामले में कांग्रेस के मेयर ने प्रदेश की भाजपा सरकार को ही जिम्मेदार बताया है क्योंकि टैक्स की छूट सरकार ही दे सकती है, नगर निगम को सिर्फ प्रस्ताव पारित करने का ही अधिकार है.
  • भाजपा नेता जिस तरह प्रबोध मिंज के कार्यकाल को स्वर्णिम बता रहे हैं उससे प्रबोध मिंज को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने की बात को भी दम मिलता है क्योंकि फिलहाल तो कोई दमदार जांचा परखा चेहरा भाजपा में दिख नहीं रहा है इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि भाजपा अंबिकापुर नगर निगम से एक बार फिर प्रबोध मिंज को मैदान में उतार सकती है.

तो क्या होगा गणित-
कांग्रेस की भी लगभग यही स्थिति है. वर्तमान मेयर अजय तिर्की के आलवा कोई और चेहरा कांग्रेस में भी दिखाई नहीं पड़ता. आपको बता दें कि डॉ अजय तिर्की 2014 का चुनाव जिला अस्पताल अंबिकापुर के सिविल सर्जन के पद से इस्तीफा देकर लड़ा था और भजापा ने अपने सिटिंग मेयर प्रबोध मिंज की टिकट काट कर मंजूषा भगत को मैदान में उतारा था, लेकिन मंजूषा भगत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था.

किनके बीच हो सकता है मुकाबला
अगर कांग्रेस दोबारा अजय तिर्की को और भाजपा प्रबोध मिंज को मैदान में उतारती है, तो अंबिकापुर नगर निगम चुनाव में मुकाबला टक्कर का होगा और बड़ा ही रोचक प्रचार अभियान होगा क्योंकि दोनों ही प्रत्याशियों के पास मेयर रहते हुए नगर निगम चलाने का अनुभव है, साथ ही दोनों ही मसीही समाज से हैं.

अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र के मसीही समाज का बड़ा तपका निवास करता है और इस समाज का वोट भी संगठित रूप से किसी एक प्रत्याशी को मिलता है, लेकिन एक ही समाज के दो प्रत्याशी के मैदान में होने से वोट का बंटवारा हो सकता है, ऐसे में परिणाम भी बड़े अजीब हो सकते हैँ, फिलहाल तो टिकट के बंटवारे तक इंतजार करना होगा.

Intro:सरगुज़ा : संभाग मुख्यालय का अम्बिकापुर नगर निगम प्रदेश के विधानसभा चुनाव की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट का शहर है, यहां से प्रदेश के सबसे अमीर प्रत्याशी टी एस सिंह देव विधायक बने और अब मंत्री हैं। लिहाजा नगरीय निकाय चुनाव मे भी अम्बिकापुर नगर निगम सीट सुर्खियों में रहने वाली है, जाहिर है की मंत्री का शहर है तो यहां जीत और हार दोनों का शेहरा उनके ही सर बंधेगा, फिलहाल अम्बिकापुर नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता है, 2014 के निकाय चुनाव में कांग्रेस में डॉक्टर अजय तिर्की को उम्मीदवार बनाया था और अजय तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी मंजूषा भगत को परास्त कर मेयर की कुर्सी हासिल की थी, अब एक बार फिर साल के अंत मे नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाने वाली है, इस सवाल का जवाब हमने इन्ही नेताओ से पूछा..

सबसे पहले महापौर के पद पर आसीन कांग्रेस के डॉ अजय तिर्की से सवाल किया की कौन सी उप्लधियों के साथ आप दोबारा वोट मांगेगे, जिसका जवाब देते हुये उन्होंने कई उपलब्धियां गिनाई, सड़क, नाली, बिजली पानी, सामुदायिक भवन जैसे कई काम बताये जो काम शायद नगर निगम में वैसे भी चलते ही रहते हैं इसमे मेयर की कोई उपलब्धि तो दिखती नही, लेकिन अजय तिर्की मानते हैं की स्वच्छ्ता के क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का जो काम उन्होंने किया है वो उनकी बड़ी उपलब्धि है, जाहिर है अम्बिकापुर जैसे शहर को देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर मे ख़िताब मिला है,इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में बेस्ट प्रेक्टिशनर के अवार्ड के साथ कई खिताब नगर निगम को इसी कार्यकाल में मिले हैं, अम्बिकापुर नगर निगम देश भर की निकायों का आदर्श बन चुका है, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि का लाभ मत में तब्दील होना संभव लगता नही, क्योंकी इससे जनता को कुछ मिला नही बल्की उन पर डोर टू डोर कचरा क्लेक्शन का यूजर जार्च जरूर बढ़ा है, बहरहाल अब कांग्रेस के मेयर चुनाव के पहले बड़ी राहत के साथ अपने लिए भी राहत जुटाने की जुगत में लगे हैं, वो अब 2014 चुनाव के घोषणा पत्र के अहम बिंदु के क्रियान्वयन के प्रयास में हैं, दरअसल 2014 में कांग्रेस ने अपनी निगर निगम में आम जनता को टैक्स में आधे की छूट की बात की थी,और अम्बिकापुर में आम लोगो का टेक्स आधा करने का प्रस्ताव शासन को दोबारा भेजा जा चुका है, मेयर का कहना है की उन्होंने अपनी पहली बैठक में ही इस प्रस्ताव को पास कर शासन को भेजा था लेकिन पिछली सरकार ने उसे मंजूर करने के बजाय और अधिक टेक्स रोपित कर दिया था लेकिन अब प्रदेश में भी उनकी सरकार है और उन्हें पूरा भरोसा है की आम लोगो के टेक्स को आधा करने का प्रस्ताव शासन मंजूर करेगा, बहरहाल चुनावी वर्ष में अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो निश्चित ये निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है।


Body:इधर भाजपा कांग्रेस के इस 5 वर्षीय कार्यकाल को विफल बता रही है, 2014 से पहले यहां भाजपा के महापौर प्रबोध मिंज रहे हैं और भाजपा का मानना है की शहर का जो स्वरूप उस समय बनाया गया उसे लोग आज भी याद करते हैं, वहीं भाजपा नेता भी कांग्रेस को निकाय चुनाव में किये गए वादे की याद दिलाते है टेक्स आधा करने की घोषणा को पूरा ना कर पाने के मामले में नगर निगम को कटघरे में खड़ा करते हैं, लेकिन इस मामले में कांग्रेस के मेयर ने प्रदेश की भाजपा सरकार को ही जिम्मेदार बताया है, क्योकी टेक्स की छूट सरकार ही दे सकती है, नगर निगम को सिर्फ प्रस्ताव पारित करने का ही अधिकार है। वहीं भाजपा नेता जिस तरह प्रबोध मिंज के कार्यकाल को स्वर्णिम बता रहे हैं उससे प्रबोध मिंज को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने की बात को भी दम मिलता है, क्योकी फिलहाल तो कोई दमदार जांचा परखा चेहरा भाजपा में दिख नही रह है, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है की भाजपा अम्बिकापुर नगर निगम से एक बार फिर प्रबोध मिंज को मैदान में उतार सकती है।

हालाकी कांग्रेस के पास भी कमोबेस यही स्थिति है वर्तमान मेयर डॉ अजय तिर्की के आलवा कोई और चेहरा कांग्रेस में भी दिखाई नही पड़ता, आपको बतादें की डॉ अजय तिर्की 2014 का चुनाव जिला अस्पताल अम्बिकापुर के सिविल सर्जन के पद से स्तीफा देकर लड़ा था, और भजापा ने अपने सिटिंग मेयर प्रबोध मिंज की टिकट काट कर मंजूषा भगत को मैदान में उतारा था, लेकिन मंजूषा भगत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।


Conclusion:बहरहाल अगर कांग्रेस दोबारा अजय तिर्की को और भाजपा प्रबोध मिंज को मैदान में उतारती है, तो अम्बिकापुर नगर निगम चुनाव में मुकाबला टक्कर का होगा और बड़ा ही रोचक प्रचार अभियान होगा क्योकी दोनों ही प्रत्याशियों के पास मेयर रहते हुए नगर निगम चलाने का अनुभव है, साथ ही दोनों ही मसीही समाज से हैं और अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र के मसीही समाज का बड़ा तपका निवास करता है और इस समाज का वोट भी संगठित रूप से किसी एक प्रत्याशी को मिलता है, लेकिन एक ही समाज के दो प्रत्याशी के मैदान में होने से वोट का बंटवारा हो सकता है, ऐसे में परिणाम भी बड़े अजीब हो सकते हैँ, फिलहाल तो टिकट के बंटवारे तक इंतजार करना होगा।

बाईट_डॉ अजय तिर्की (मेयर अम्बिकापुर)

बाईट_विश्व विजय सिंह तोमर (भाजपा नेता)

देश दीपक गुप्ता सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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