अंबिकापुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. अंबिकापुर नगर निगम के बजट सत्र पर भी इसका असर देखने को मिला. इस बार नगर निगम सरकार को एमआईसी में पेश किए गए बजट से ही काम चलाना पड़ेगा. वहीं लॉकडाउन में नगर निगम द्वारा बनाए गए अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स को शुरू करना भी एक बड़ी चुनौती है.
नगर निगम सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद महापौर अजय तिर्की इस वित्तीय वर्ष का अपना पहला बजट पेश करने वाले थे. इस बार एमआईसी में किए गए कई बड़े बदलाव के बाद अब महापौर के साथ लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी शफी अहमद संभाल रहे हैं. दोनों ने मिलकर शहर की जनता के लिए 4 अरब 27 करोड़ 60 लाख आय और 4 अरब 27 करोड़ 87 लाख व्यय का बजट बनाया था. इस बजट को मार्च के पहले सप्ताह में मेयर द्वारा महापौर परिषद की बैठक में पेश भी किया गया था. इसके बाद इसे सामान्य सभा में पेश किया जाना था, लेकिन इसी बीच कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
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अजय तिर्की ने बताया कि नगर निगम के प्रावधान के अनुसार अगर किसी सामान्य सभा की बैठक संपन्न नहीं हो पा रही है, तो ऐसे स्थिति में एमआईसी में पेश किए गए बजट को ही शासन द्वारा अधिकृत कर दिया जाता है. इस बार भी नगर निगम ने शहर के विकास के लिए अनेकों प्रावधान बजट में किए थे. इनमें नगर निगम के प्रशासनिक भवन, ट्रांसपोर्ट नगर, सब्जी मंडी, सड़क, नाली निर्माण के साथ ही पुराना बस स्टैंड में गोल बाजार के निर्माण का विशेष खाका बजट में तैयार किया गया था. शहर की सुंदरता व प्रकृति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां वाटर हार्वेस्टिंग, सौर पैनल और वृक्षारोपण जैसे बड़े प्रोजेक्ट को तैयार किया गया था.
इसके साथ ही साल की शुरुआत में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी कोरोना वायरस की वजह से पेंडिंग पड़ी है. जबकी पिछले वर्ष देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर में शुमार होने के बाद अंबिकापुर नगर निगम इस प्रतिस्पर्धा में नंबर वन के खिताब की आस लगाए हुए था, लेकिन कोरोना ने फिलहाल इन सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया है.