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छत्तीसगढ़ का ज्यादा धान खरीदे केंद्र सरकार, जिससे किसानों को मिले मदद: भगत - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कोरोना काल में किए गए कार्यों की प्रेसवार्ता कर जानकारी दी. इस दौरान मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों को राशन दिया, जिससे प्रदेश की जनता भूखी न सोए. साथ ही केंद्र सरकार से खाद्यान सुरक्षा की अवधि बढ़ाकर 6 महीने करने की मांग की है, जिससे लोगों को मुफ्त में राशन मिलता रहे.

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अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री
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Published : May 10, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने रविवार को प्रस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना काल में सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान मंत्री भगत ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र से दो दिन पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. सीएम ने न सिर्फ इसके लिए एडवाइजरी जारी की बल्कि इनका पालन भी सुनिश्चित कराया. भगत ने कहा कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा न सोए इस लिए मार्च में ही अप्रैल और मई महीने का राशन वितरित किया गया, जबकि अब जून माह का राशन भी दिया जा रहा है.

लॉकडाउन के बीच किए गए कार्यों की जानकारी

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार के कार्यों से लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास जगा है. विषम परिस्थिति में सरकार उनके साथ खड़ी है. मंत्री भगत ने कहा कि लॉकडाउन में प्रदेश सरकार के किए गए कार्यों और योजनाओं के कारण ही आरबीआई ने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की तारीफ की है. उन्होंने बताया कि हमने केंद्र सरकार से मांग की है कि वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जो 3 माह का निशुल्क राशन दिया जा रहा है, उसकी अवधि बढ़कर 6 माह कर दी जाए.

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खाद्यान सुरक्षा की अवधि 6 माह बढ़ाने की मांग

भगत ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में लोग काम छोड़कर घरों में बैठे हैं, मजदूर अपने घर लौट चुके हैं और बेरोजगारी बढ़ी है. कोरोना संक्रमण के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है. इसे सामान्य होने में भी 6 माह का समय लगेगा. इसलिए खाद्यान सुरक्षा की अवधि बढ़ाकर 6 माह की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान से वीडियो कॉल के जरिए बात की है. वर्तमान में एपीएल कार्ड धारियों को भी भारत सरकार खाद्य सुराक्षा कानून या गरीबी उनमूलन के तहत राशन उपलब्ध कराए. मंत्री ने कहा कि सामान्य लोग भी अपना व्यवसाय और काम छोड़कर घर में बैठे हैं, जिससे रोजगार प्रभावित हुआ है.

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छत्तीसगढ़ के किसान भी कर रहे संघर्ष

मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री से मांग की है कि अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की मदद करना चाहती है, तो छत्तीसगढ़ के केंद्रीय पूल से 24 लाख मीट्रिक टन के कोटे को बढ़ाकर 31 लाख मीट्रिक किया जाना चाहिए. छतीसगढ़ धान का कटोरा है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के किसान भी संघर्ष कर रहे हैं. अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के बचत का 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदती है, तो इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा, जिसके लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री ने आश्वासन दिया है.

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ढाई करोड़ लोगों को खाद्यान्न की व्यवस्था

मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 51 लाख कार्डधारी हैं, जिनको राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत, 5 लाख कार्ड धारियों को छत्तीसगढ़ खाद्य सुराक्षा के तहत राशन और अन्य खाद्य सामग्री दी जा रही है. यूनिवर्सल पीडीएस के तहत भी 9 लाख एपीएल कार्ड धारियों को राशन दिया जा रहा है. इस तरह प्रदेश में कुल 65 लाख राशन कार्डधारी प्रदेश में हैं. ढाई करोड़ लोगों को खाद्यान्न की व्यवस्था की गई है.

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ग्रामीण इलाके के लोग योजनाओं की करते हैं तारीफ

मंत्री ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आए हुए मजदूरों के लिए 300 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. इन राहत शिविरों में लाखों लोगों को भोजन कराया जा रहा है. मंत्री ने प्रदेश में प्रशासन, स्वास्थ्य, सफाई, खाद्य, ननि सहित अन्य विभागों के किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इन सभी ने कोरोना के संकट में मुस्तैदी से काम किया है. यह इसी का परिणाम है कि हमारे यहां अन्य प्रदेशों से अच्छी व्यवस्था बनी हुई है. गांव के लोग फोन कर योजनाओं और व्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं, जिससे मन को शांति मिलती है.

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी पहुंचाया जा रहा राशन
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में खाद्यान परिवहन और उनका भंडारण बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमारे विभाग ने सफलता पूर्वक सभी पीडीएस गोदामों में राशन पहुंचाया. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी राशन पहुंचाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन क्षेत्रों में भी राशन पहुंचाया गया. यही वजह है कि आज प्रदेश के 12 हजार 308 पीडीएस सेंटर से राशन का वितरण किया जा रहा है.

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने रविवार को प्रस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना काल में सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. इस दौरान मंत्री भगत ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र से दो दिन पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. सीएम ने न सिर्फ इसके लिए एडवाइजरी जारी की बल्कि इनका पालन भी सुनिश्चित कराया. भगत ने कहा कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा न सोए इस लिए मार्च में ही अप्रैल और मई महीने का राशन वितरित किया गया, जबकि अब जून माह का राशन भी दिया जा रहा है.

लॉकडाउन के बीच किए गए कार्यों की जानकारी

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार के कार्यों से लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास जगा है. विषम परिस्थिति में सरकार उनके साथ खड़ी है. मंत्री भगत ने कहा कि लॉकडाउन में प्रदेश सरकार के किए गए कार्यों और योजनाओं के कारण ही आरबीआई ने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की तारीफ की है. उन्होंने बताया कि हमने केंद्र सरकार से मांग की है कि वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जो 3 माह का निशुल्क राशन दिया जा रहा है, उसकी अवधि बढ़कर 6 माह कर दी जाए.

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खाद्यान सुरक्षा की अवधि 6 माह बढ़ाने की मांग

भगत ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में लोग काम छोड़कर घरों में बैठे हैं, मजदूर अपने घर लौट चुके हैं और बेरोजगारी बढ़ी है. कोरोना संक्रमण के कारण जन जीवन प्रभावित हुआ है. इसे सामान्य होने में भी 6 माह का समय लगेगा. इसलिए खाद्यान सुरक्षा की अवधि बढ़ाकर 6 माह की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान से वीडियो कॉल के जरिए बात की है. वर्तमान में एपीएल कार्ड धारियों को भी भारत सरकार खाद्य सुराक्षा कानून या गरीबी उनमूलन के तहत राशन उपलब्ध कराए. मंत्री ने कहा कि सामान्य लोग भी अपना व्यवसाय और काम छोड़कर घर में बैठे हैं, जिससे रोजगार प्रभावित हुआ है.

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छत्तीसगढ़ के किसान भी कर रहे संघर्ष

मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री से मांग की है कि अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की मदद करना चाहती है, तो छत्तीसगढ़ के केंद्रीय पूल से 24 लाख मीट्रिक टन के कोटे को बढ़ाकर 31 लाख मीट्रिक किया जाना चाहिए. छतीसगढ़ धान का कटोरा है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के किसान भी संघर्ष कर रहे हैं. अगर केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के बचत का 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदती है, तो इसका लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा, जिसके लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री ने आश्वासन दिया है.

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ढाई करोड़ लोगों को खाद्यान्न की व्यवस्था

मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 51 लाख कार्डधारी हैं, जिनको राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत, 5 लाख कार्ड धारियों को छत्तीसगढ़ खाद्य सुराक्षा के तहत राशन और अन्य खाद्य सामग्री दी जा रही है. यूनिवर्सल पीडीएस के तहत भी 9 लाख एपीएल कार्ड धारियों को राशन दिया जा रहा है. इस तरह प्रदेश में कुल 65 लाख राशन कार्डधारी प्रदेश में हैं. ढाई करोड़ लोगों को खाद्यान्न की व्यवस्था की गई है.

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ग्रामीण इलाके के लोग योजनाओं की करते हैं तारीफ

मंत्री ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आए हुए मजदूरों के लिए 300 से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं. इन राहत शिविरों में लाखों लोगों को भोजन कराया जा रहा है. मंत्री ने प्रदेश में प्रशासन, स्वास्थ्य, सफाई, खाद्य, ननि सहित अन्य विभागों के किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इन सभी ने कोरोना के संकट में मुस्तैदी से काम किया है. यह इसी का परिणाम है कि हमारे यहां अन्य प्रदेशों से अच्छी व्यवस्था बनी हुई है. गांव के लोग फोन कर योजनाओं और व्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं, जिससे मन को शांति मिलती है.

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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी पहुंचाया जा रहा राशन
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में खाद्यान परिवहन और उनका भंडारण बड़ी चुनौती थी, लेकिन हमारे विभाग ने सफलता पूर्वक सभी पीडीएस गोदामों में राशन पहुंचाया. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी राशन पहुंचाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन क्षेत्रों में भी राशन पहुंचाया गया. यही वजह है कि आज प्रदेश के 12 हजार 308 पीडीएस सेंटर से राशन का वितरण किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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