सरगुजा: देश में पहली बार जब गार्बेज कैफे खोलने की खबर आई तो, अंबिकापुर नगर निगम की चारों तरफ तारीफ हुई. निगम के इस फैसले ने खूब वाहवाही भी लूटी, लेकिन घोषणा के बाद नगर निगम कैफे का शुभारंभ अब तक नहीं हो सका है.
हालांकि, स्थानीय बस स्टैंड में पहले से संचालित महिला समूह की कैंटीन में ही इस योजना को शुरू किया जाना था. घोषणा के एक महीने होने को है और अब तक गार्बेज कैफे अस्तित्व में नहीं आ सका है.
फ्लॉप है निगम की योजना: विपक्ष
मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्ष में बैठी बीजेपी योजना को फ्लॉप बता रही है. विपक्ष के नेता का कहना है कि देश के सबसे साफ शहर अंबिकापुर में रोड साइड प्लास्टिक मिलेगा कहां और अगर किसी को एक किलो रोड साइड प्लास्टिक मिल भी गया तो वो उसे बेचकर 20 रुपये कमायेगा न कि उसके बदले में खाना खायेगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ में 1 रुपये किलो चावल मिलता है. जो प्लास्टिक कचरा से काफी सस्ता है.
15 दिन में खुलेगा गार्बेज कैफे
इधर, निगम आयुक्त का कहना है कि यह एक महती योजना है. जो स्वच्छता से जुड़ा है और इसके लिए गार्बेज कैफे निर्माणाधीन है. आयुक्त का दावा है कि अगले 15 दिन में नगर निगम का काम पूरा हो जाएगा और शहरवासियों को गार्बेज कैफे की सौगात मिलेगी.