सरगुजा: कोरोना संक्रमण के दौरान अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डायलिसिस विभाग ने मरीजों को बड़ी राहत दी है. कोरोना के मामलों में इजाफा होने के बाद भी यहां मरीजों के डायलिसिस की प्रक्रिया जारी रही. एक साल में 600 से ज्यादा मरीजों को डायलिसिस की सुविधा प्रदान की गई है. जबकि 65 से ज्यादा सिकलसेल मरीजों का भी लगातार इलाज किया गया है.
डायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके बिना किडनी के मरीजों का जीवित रहना संभव नहीं है. निर्धारित समय पर डायलिसिस की सुविधा नहीं मिलने से कई बार मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को वर्षों से डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान मरीजों को सुरक्षित ढंग से डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराना और उनका डायलिसिस करना एक बड़ी चुनौती थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया है.
कोरोना काल में 600 डायलिसिस
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि अस्पताल में मार्च 2020 से मार्च 2021 तक 600 से अधिक डायलिसिस किए गए हैं. इनमें से अधिकतर मरीजों को आयुष्मान कार्ड की मदद से उपचार सुविधा मुहैया कराई गई है. जबकि 500 रुपये का निर्धारित शुल्क जमा कर भी बड़ी संख्या में मरीजों ने इस सुविधा का लाभ लिया है. वर्तमान में जब हमारा पूरा ध्यान कोरोना संक्रमण के मरीजों पर है, ऐसे में डायलिसिस और सिकलसेल के मरीजों के उपचार सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है. ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े. उन्होंने बताया कि कोरोनकाल में बाकी समय की तुलना में मरीजों की संख्या थोड़ी कम जरूर है, लेकिन संभाग के सभी जिलों से बेहतर इलाज के लिए मरीज लगातार यहां आ रहे हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है.
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65 सिकलसेल मरीजों का इलाज
सिकलसेल एक ऐसी बिमारी है जिसमें समय समय पर मरीजों को खून की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोरोना संक्रमण काल के दौरान इन सिकलसेल मरीजों का नियमित रूप से उपचार भी अस्पताल प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमण काल के दौरान मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच 65 सिकलसेल मरीजों का इलाज लगातार किया गया है. बता दें कि सिकलसेल के मरीजों का इलाज निःशुल्क किया जाता है. मरीजों को ब्लड से लेकर इलाज और दवा भी उपलब्ध कराई गई है.