सरगुजा: जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत जिले के मैनपाट में बसे सभी तिब्बती शरणार्थियों ने कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) लगवाकर समाज में एक मिसाल पेश की है. वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं. जिसके कारण कई लोग वैक्सीन को लेकर घबराए हुए हैं और अपना वैक्सीनेशन करवाने से डर रहे हैं, लेकिन मैनपाट के तिब्बती कैंपों में रह रहे शरणार्थियों की वैक्सीन के प्रति जागरूकता को देखते हुए लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं.
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45+ लोगों का सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन
सरगुजा जिले के पहाड़िसों में बसे मैनपाट में रह रहे तिब्बती हमेशा से यहां आने वाले सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे हैं. कोरोना काल में भी इन तिब्बतियों ने समाज के विभिन्न तबकों को अपनी जागरूकता से आकर्षित किया है. स्वास्थ्य विभाग (health department) से जारी आकड़ों की तरफ नजर डालें, तो यहां बसे 45 साल से ऊपर आयु वर्ग के सभी 391 तिब्बती शरणार्थियों ने वैक्सीन लगवा ली है. इसके अलावा 18 साल से अधिक उम्र के 150 युवाओं में से 138 ने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि तिब्बती समाज अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक है.
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तिब्बती युवा भी वैक्सीनेशन को लेकर जागरूक
सरगुजा के मैनपाट में 1955 से 1960 के दशक के बीच सात कैंपों मे बसे तिब्बतियों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. जिसका मुख्य कारण यह है कि तिब्बती युवा रोजगार के लिए अन्य राज्यों और देशों में पलायन कर रहे हैं, लेकिन बचे हुए युवा कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) को लेकर काफी जागरूक हैं. यहां 541 तिब्बतियों में से 529 ने वैक्सीनेशन करवा लिया है. जिसमें 45 से अधिक उम्र के सभी 391 लोगों ने टीकाकरण करवा लिया है. तिब्बतियों ने समाज के अन्य लोगों से भी टीकाकरण करवाने की अपील की है.
तिब्बती समाज के लोग रहन-सहन और जीवनयापन के साथ ही अपने स्वास्थ्य के प्रति भी काफी व्यवस्थित हैं. इस समाज ने बिना किसी अपील के शत-प्रतिशत टीकाकरण करवा लिया है. जिसकी वजह से अब मैनपाट में बसे आदिवासी और अन्य समाज के लोग भी टीकाकरण के लिए कुछ हद तक जागरूक हो रहे हैं.