रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण में हुई कटौती का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर भाजपा इसके लिए केंद्र में पहले की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं वर्तमान की भूपेश सरकार इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा सही तरीके से कोर्ट में अपना पक्ष ना रखने का आरोप लगा रही है. आखिर आरक्षण में हुई कटौती के लिए कौन जिम्मेदार है .
लखमा ने कहा कि "भूपेश सरकार आदिवासियों, पिछड़ा वर्गो, एसटीएससी, सामान्य वर्ग सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस जो गोपनीय मीटिंग किये हैं, वह यह मंत्र देकर गए कि आदिवासियों को भड़काओ. लेकिन आरएसएस के भड़कावे में बस्तर और सरगुजा का आदिवासी नहीं आने वाले हैं.
सवाल : जब 4 साल प्रदेश में आप की सरकार थी तो आपने इस मामले को लेकर क्यों कदम नहीं उठाया ?
जवाब : मैं आपको पहले ही बता चुका हूं कि हमारा वकील कोर्ट में खड़ा हुआ. 10 बार खड़ा हुआ. तथ्य दे रहा था. लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह तत्कालीन सरकार का मामला है.
सवाल : आगामी दिनों में बस्तर में होने वाली बैठकों पर भी क्या इस आरक्षण मामले का असर देखने को मिलेगा ?
जवाब : बस्तर बैठक में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा . रमन सिंह ने 15 साल कुछ नहीं किया. 700 गांव खाली करवा दिए. तालमेटल में 300 घर जलाए अन्य जगहों पर भी कई लोगों को मरवाया, आदिवासी जमीनों को लूटा जा रहा था, हम आदिवासियों के साथ है.
सवाल : कुछ दिन पूर्व भाजपा के नेता बस्तर में डेरा डाले हुए थे, अब कांग्रेस के लोग वहां डेरा डालने वाले हैं?
जवाब : मैं भी 15 दिनों तक बस्तर में डेरा डाले हुए था. 15 दिन बाद वापस रायपुर लौटा हूं. भाजपा को कौन पूछने वाला है.
सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी ?
जवाब : आदिवासी हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ रहे हैं. यदि किसी पार्टी ने आदिवासियों की भलाई की है, तो वह कांग्रेस पार्टी है. भूपेश बघेल के द्वारा अबूझमाड़ में 5000 पट्टे बांटे गए हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने 15 साल में एक भी पट्टा नहीं बांटा है.
सवाल : आपका का कहना है कि आने वाले समय में आरएसएस के लोग भड़काएंगे, इससे आप कैसे निपटेगे ?
जवाब : आरएसएस के लोगों को आदिवासी देख लेंगे और उनसे निपट लेंगे.