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आरक्षण मामले को लेकर भाजपा और RSS पर मंत्री लखमा का बड़ा बयान - भाजपा

छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण में हुई कटौती का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का भाजपा और RSS पर मंत्री लखमा का बड़ा बयान आया है. कवासी लखमा का कहना है कि "रमन सिंह 15 साल तेल लगाकर सोते रहे और आदिवासी आरएसएस से निपट लेंगे."

kawasi Lakhma big statement on BJP and RSS
भाजपा और RSS पर मंत्री लखमा का बड़ा बयान
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Published : Oct 9, 2022, 6:47 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण में हुई कटौती का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर भाजपा इसके लिए केंद्र में पहले की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं वर्तमान की भूपेश सरकार इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा सही तरीके से कोर्ट में अपना पक्ष ना रखने का आरोप लगा रही है. आखिर आरक्षण में हुई कटौती के लिए कौन जिम्मेदार है .

भाजपा और RSS पर मंत्री लखमा का बड़ा बयान
इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा से संपर्क किया. आइए जानते हैं उन्होंने आरक्षण के मुद्दे को लेकर क्या कहा... सवाल : आरक्षण कटौती के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ?जवाब : साल 2011-12 में प्रदेश में किसकी सरकार थी. 50% से ज्यादा आरक्षण देने की बात किसने की. कोर्ट में जब इसे पेश किया गया, तो उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई तथ्य नहीं है, एफिडेविट नहीं है, ऐसे पेश करो. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में 5 मंत्रियों की कमेटी और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की कमेटी का गठन किया. लेकिन रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए, रमन सिंह तेल लगा कर सोते रहे. उस समय केंद्र में भाजपा सरकार थी, तब उन्होंने ध्यान नहीं दिया."लखमा ने कहा कि "हमारी सरकार आने के बाद हाईकोर्ट में हमारे वकील गए, वह एफिडेविट देने तैयार थे. लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह तुम्हारा मामला नहीं है. बल्कि पूर्ववर्ती सरकार का मामला है. इसलिए तुम्हारी सुनवाई नहीं होगी. इस मामले को खारिज कर दिया गया. इस मामले को नियम और कानून के अनुसार कोर्ट ने ठीक कहा है. हाईकोर्ट के बाद अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है. इसलिए जिस दिन हाईकोर्ट का फैसला आया, उसी दिन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अधिकारियों और जाने माने वकीलों से चर्चा कर रहे हैं. तीन बड़े वकीलों को सुप्रीम कोर्ट के लिए खड़ा कर दिया गया है. जल्दी इस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आएगा."


लखमा ने कहा कि "भूपेश सरकार आदिवासियों, पिछड़ा वर्गो, एसटीएससी, सामान्य वर्ग सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस जो गोपनीय मीटिंग किये हैं, वह यह मंत्र देकर गए कि आदिवासियों को भड़काओ. लेकिन आरएसएस के भड़कावे में बस्तर और सरगुजा का आदिवासी नहीं आने वाले हैं.

सवाल : जब 4 साल प्रदेश में आप की सरकार थी तो आपने इस मामले को लेकर क्यों कदम नहीं उठाया ?
जवाब : मैं आपको पहले ही बता चुका हूं कि हमारा वकील कोर्ट में खड़ा हुआ. 10 बार खड़ा हुआ. तथ्य दे रहा था. लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह तत्कालीन सरकार का मामला है.

सवाल : आगामी दिनों में बस्तर में होने वाली बैठकों पर भी क्या इस आरक्षण मामले का असर देखने को मिलेगा ?
जवाब : बस्तर बैठक में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा . रमन सिंह ने 15 साल कुछ नहीं किया. 700 गांव खाली करवा दिए. तालमेटल में 300 घर जलाए अन्य जगहों पर भी कई लोगों को मरवाया, आदिवासी जमीनों को लूटा जा रहा था, हम आदिवासियों के साथ है.

सवाल : कुछ दिन पूर्व भाजपा के नेता बस्तर में डेरा डाले हुए थे, अब कांग्रेस के लोग वहां डेरा डालने वाले हैं?
जवाब : मैं भी 15 दिनों तक बस्तर में डेरा डाले हुए था. 15 दिन बाद वापस रायपुर लौटा हूं. भाजपा को कौन पूछने वाला है.


सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी ?
जवाब : आदिवासी हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ रहे हैं. यदि किसी पार्टी ने आदिवासियों की भलाई की है, तो वह कांग्रेस पार्टी है. भूपेश बघेल के द्वारा अबूझमाड़ में 5000 पट्टे बांटे गए हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने 15 साल में एक भी पट्टा नहीं बांटा है.

सवाल : आपका का कहना है कि आने वाले समय में आरएसएस के लोग भड़काएंगे, इससे आप कैसे निपटेगे ?
जवाब : आरएसएस के लोगों को आदिवासी देख लेंगे और उनसे निपट लेंगे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरक्षण में हुई कटौती का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर भाजपा इसके लिए केंद्र में पहले की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं वर्तमान की भूपेश सरकार इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा सही तरीके से कोर्ट में अपना पक्ष ना रखने का आरोप लगा रही है. आखिर आरक्षण में हुई कटौती के लिए कौन जिम्मेदार है .

भाजपा और RSS पर मंत्री लखमा का बड़ा बयान
इस सवाल का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता प्रवीण कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा से संपर्क किया. आइए जानते हैं उन्होंने आरक्षण के मुद्दे को लेकर क्या कहा... सवाल : आरक्षण कटौती के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है ?जवाब : साल 2011-12 में प्रदेश में किसकी सरकार थी. 50% से ज्यादा आरक्षण देने की बात किसने की. कोर्ट में जब इसे पेश किया गया, तो उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई तथ्य नहीं है, एफिडेविट नहीं है, ऐसे पेश करो. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में 5 मंत्रियों की कमेटी और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की कमेटी का गठन किया. लेकिन रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए, रमन सिंह तेल लगा कर सोते रहे. उस समय केंद्र में भाजपा सरकार थी, तब उन्होंने ध्यान नहीं दिया."लखमा ने कहा कि "हमारी सरकार आने के बाद हाईकोर्ट में हमारे वकील गए, वह एफिडेविट देने तैयार थे. लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह तुम्हारा मामला नहीं है. बल्कि पूर्ववर्ती सरकार का मामला है. इसलिए तुम्हारी सुनवाई नहीं होगी. इस मामले को खारिज कर दिया गया. इस मामले को नियम और कानून के अनुसार कोर्ट ने ठीक कहा है. हाईकोर्ट के बाद अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है. इसलिए जिस दिन हाईकोर्ट का फैसला आया, उसी दिन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अधिकारियों और जाने माने वकीलों से चर्चा कर रहे हैं. तीन बड़े वकीलों को सुप्रीम कोर्ट के लिए खड़ा कर दिया गया है. जल्दी इस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आएगा."


लखमा ने कहा कि "भूपेश सरकार आदिवासियों, पिछड़ा वर्गो, एसटीएससी, सामान्य वर्ग सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस जो गोपनीय मीटिंग किये हैं, वह यह मंत्र देकर गए कि आदिवासियों को भड़काओ. लेकिन आरएसएस के भड़कावे में बस्तर और सरगुजा का आदिवासी नहीं आने वाले हैं.

सवाल : जब 4 साल प्रदेश में आप की सरकार थी तो आपने इस मामले को लेकर क्यों कदम नहीं उठाया ?
जवाब : मैं आपको पहले ही बता चुका हूं कि हमारा वकील कोर्ट में खड़ा हुआ. 10 बार खड़ा हुआ. तथ्य दे रहा था. लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह तत्कालीन सरकार का मामला है.

सवाल : आगामी दिनों में बस्तर में होने वाली बैठकों पर भी क्या इस आरक्षण मामले का असर देखने को मिलेगा ?
जवाब : बस्तर बैठक में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा . रमन सिंह ने 15 साल कुछ नहीं किया. 700 गांव खाली करवा दिए. तालमेटल में 300 घर जलाए अन्य जगहों पर भी कई लोगों को मरवाया, आदिवासी जमीनों को लूटा जा रहा था, हम आदिवासियों के साथ है.

सवाल : कुछ दिन पूर्व भाजपा के नेता बस्तर में डेरा डाले हुए थे, अब कांग्रेस के लोग वहां डेरा डालने वाले हैं?
जवाब : मैं भी 15 दिनों तक बस्तर में डेरा डाले हुए था. 15 दिन बाद वापस रायपुर लौटा हूं. भाजपा को कौन पूछने वाला है.


सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासियों को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी ?
जवाब : आदिवासी हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ रहे हैं. यदि किसी पार्टी ने आदिवासियों की भलाई की है, तो वह कांग्रेस पार्टी है. भूपेश बघेल के द्वारा अबूझमाड़ में 5000 पट्टे बांटे गए हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने 15 साल में एक भी पट्टा नहीं बांटा है.

सवाल : आपका का कहना है कि आने वाले समय में आरएसएस के लोग भड़काएंगे, इससे आप कैसे निपटेगे ?
जवाब : आरएसएस के लोगों को आदिवासी देख लेंगे और उनसे निपट लेंगे.

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