रायपुर: छत्तीसगढ़ के डीआईजी ट्रेनिंग धर्मेंद्र गर्ग ने वीआरएस ले लिया है. सरकार ने उनका वीआरएस स्वीकार कर लिया है. धर्मेंद्र गर्ग 1994 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसर हैं. वे 2007 में प्रमोट होकर आईपीएस बने थे. उन्होंने व्यक्तिगत कारण बताकर वीआरएस लिया है. रायपुर, बिलासपुर और बेमेतरा में भी उनकी पोस्टिंग रही. उनके पास ट्रेनिंग के साथ पुलिस अकादमी में एडिशनल डायरेक्टर का भी चार्ज था. उन्होंने सरकार को दिए अपने इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत वजह बताई है. ईटीवी भारत ने जब उनसे बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कोई खास वजह नहीं बताई है. बावजूद राजनीतिक गलियारों में उनके इस्तीफे को विधानसभा चुनाव को लेकर देखा जा रहा है.
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इन पदों की सम्भाल चुके हैं जिम्मेदारी: आईपीएस प्रमोट होने से पहले धर्मेंद्र गर्ग राज्य पुलिस सेवा के अफसर रहे. उन्होंने राजधानी रायपुर में सीएसपी, एएसपी बिलासपुर फिर बेमेतरा की एसपी की जिम्मेदारी संभाल चके हैं. उन्हें 2007 में आईपीएस प्रमोट किया गया है. हालांकि लंबे समय से उन्हें कोई खास पोस्टिंग या पद नहीं मिला है. उनकी सर्विस 6 साल ही बची हुई थी. उन्होंने आज से तीन महीने पहले केंद्र सरकार को नोटिस दी थी. जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रूवल दे दी और राज्य सरकार ने 14 सितंबर को उनका वीआरएस स्वीकार कर लिया.
राजनीतिक में जाने की चर्चा: आईपीएस धर्मेंद्र गर्ग के इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर शोर से चल रही है. कहा जा रहा है कि वे राजनीति में उतर सकते हैं. हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत वजह बताकर इस्तीफा दिया है. इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि एक साल बाद चुनाव है, हो सकता है कि उनके भी मन में चुनाव लड़ने की इच्छा हो. क्योंकि इतिहास गवाह है कि कई आईपीएस और आईएएस रिटायरमेंट से पहले या रिटायर्ड के बाद राजनीति में उतरते हैं. उनके भी मन में इस तरह का विचार आया हो, क्योंकि उन्होंने रिटायरमेंट को लेकर कोई खास वजह नहीं बताया है.