रायपुर: छत्तीसगढ़ एक बार फिर सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों का सिरमौर (Chhattisgarh tops states with lowest unemployment) बन गया है. जारी आंकड़ों में अगस्त 2022 में राज्य की बेरोजगारी दर महज 0.4 प्रतिशत है. राज्य की बेरोजगारी दर उच्चतम से लगातार न्यूनतम स्तर की ओर जा रही है. प्रदेश में रोजगार तथा आय मूलक योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लागू किया गया. जिससे राज्य में रोजगार के नये अवसर बढ़े हैं. जिसका असर अब आंकड़ों में तब्दील होते हुए देखा जा सकता है.
CMIE ने जारी किये आंकड़े: CMIE ने अगस्त 2022 के बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए हैं. इससे पहले मार्च-अप्रैल 2022 में बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत थी. देश में बेरोजगारी दर 8.3% है. छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल में शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने के प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं का भी असर इन ताजे आंकड़ों में देखा जा सकता है.
रोजगार तथा आय मूलक योजनाओं का दिखा असर: साढ़े तीन साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की नयी सरकार बनी. जिसके बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने प्रयास किये जा रहे है. साथ ही रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक जोर रहा है. सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को कर्ज से मुक्ति तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत हो गई थी.
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इन प्रमुख योजनाओं का दिखा असर: इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना, 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद और संग्रहण, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए.
रोजगार के नये अवसर बढ़े: छत्तीसगढ़ ने अपनी रोजगार तथा आय मूलक योजनाओं का लगातार विस्तार किया है. इसी क्रम में हाल ही में गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोबर के साथ साथ गोमूत्र की खरीदी की भी शुरुआत की है. खरीदे गए गोमूत्र से भी खाद तथा कीटनाशकों का निर्माण किया जाएगा. जिससे रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे. गांव गांव में निर्मित गौठानों को भी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है. जहां तेल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित की जा रही हैं. गौठानों में विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण किया जा रहा है. जिससे प्रदेश में बेरोजगारों को लगातार रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.