रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित पांच दिवसीय एग्री कार्निवाल 2022 अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई 14 से 18 अक्टूबर, 2022 तक फार्मटेक एशिया अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें आधुनिक कृषि की नवीनतम प्राद्यौगिकी, नवाचारों एवं कृषक उपयोगी उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जा रहा है. इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण ड्रोन तकनीक से घुलनशील खाद, कीटनाशक एवं फफूंदनाशक छिड़काव का जीवंत प्रदर्शन है, जिसकी कृषकों द्वारा बहुत सराहना की जा रही है. कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन में किसान पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रति दिन लगभग 500 से अधिक किसानों की समस्याओं का समाधान वैज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है. पाठशाला में कृषकों को कृषि की आधुनिक प्रौद्योगिकी, तकनीकों, कृषि यंत्रों, उन्नत बीजों, खाद, उर्वरक, कृषि से संबंधित अन्य विषयों का एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की जा रही है.Agri Carnival 2022
गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू ने बताया कि "इस प्रदर्शनी में देश भर की 130 से अधिक कृषि उत्पाद एवं कृषि यंत्र निर्मित करने वाली कम्पनियों के स्टॉल लगाए गये हैं. प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान भाई खेती किसानी की आधुनिकतम तकनीकों एवं उत्पादों से रूबरू हो रहें हैं. प्रदर्शनी में कृषि वैज्ञानिक, कृषि सलाहकार तथा व्यापारी वर्ग भी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. प्रदर्शनी के दौरान किसानों एवं आम जनता को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि अभियांत्रिकी तथा अन्य विभागों से संबंधित कृषक कल्याण योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी जा रही है. प्रदर्शनी में उद्यानिकी फसलों की उन्नत खेती, पौध उत्पादन एवं संरक्षित खेती, जैविक कृषि, कम लागत में उत्तम खेती की विधि का प्रदर्शन किया गया है. मड़ई में नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय भी किया जा रहा है, जिनमें विकसित फर्म उपकरण एवं उन्नत कृषि यंत्र, उन्नत सिंचाई प्रणाली (ड्रिप एवं स्प्रिंकलर), उन्नत बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक, जैव उर्वरक एवं रसायन, संरक्षित खेती के उपकरण, सौर पम्प तथा अन्य उपयोगी कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा लगाये प्रदर्शनी जिसमें फसल विविधिकरण का जीवंत प्रदर्शन किया गया है, उसे कृषकों द्वारा सराहा जा रहा है."
अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई में कृषक भ्रमण कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है. कृषकों को प्रतिदिन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्रों, सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र एवं प्रयोगशालाओं का भ्रमण करवाया जा रहा है, इस दौरान कृषकों द्वारा सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र प्रक्षेत्र में लगे अमरूद की अतिसघन बागवानी और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित छत्तीसगढ़ रसभरी-1 की प्रथम किस्म का जीवंत प्रदर्शन का अवलोकन कर लाभन्वित हो रहे हैं.