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बढ़ती महंगाई: पेट्रोल-डीजल के बाद अब खाद्य तेल की कीमतों में लगी आग, बिगड़ा किचन का बजट - cooking oil price hiked

बढ़ती महंगाई (rising inflation) ने आम से लेकर खास तक को परेशान कर रखा है. गैस पेट्रोल से लेकर आटा-चावल और खाद्य तेल की कीमतों (edible oil rate increases) ने बीते एक साल में लंबी छलांग लगाई है. जहां महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़कर रखी दी है, वहीं अब इनपर सिसायत भी तेज होते दिख रही है. कभी दाल प्याज के लिए सड़क पर उतने वाली पार्टी आज केंद्र में सरकार में है और उस समय सरकार में रही पार्टी आज सड़क पर उतर गई है. महंगाई के खिलाफ छत्तीसगढ़ से कांग्रेस ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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खाद्य तेल ने बिगाड़ा बजट
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Published : Jun 6, 2021, 1:54 PM IST

Updated : Jun 6, 2021, 3:39 PM IST

रायपुर: महंगाई (Inflation) दिनों दिन आसमान छू रही है. पेट्रोल-डीजल (petrol diesel price) से लेकर खाने का तेल और अन्य तमाम सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं. अगर खाने के तेल (edible oil) की बात की जाए तो खाने के तेल के दामों ( edible oil rate increases) में पिछले कुछ समय में बेतहाशा वृद्धि हुई है. 1 साल पहले जो खाने का तेल लगभग 90 से 100 रुपये प्रति लीटर था, आज उसकी कीमत 150 से 160 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

खाद्य तेल ने बिगाड़ा बजट

पकौड़े तलना भी मुश्किल

लगातार बढ़ रहे खाने के तेल की कीमतों (rise in oil prices) ने आज हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. खासकर गृहणियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. अब उन्हें खाना बनाने के पहले सोचना पड़ रहा है कि किस चीज का इस्तेमाल करें और किसका नहीं. लगातार बढ़ती महंगाई (rising inflation) पर तो महिलाएं तंज कसते भी नजर आ रही हैं कि अब तो बढ़ती महंगाई के बीच पकौड़े तलना भी मुश्किल हो गया है.

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खाद्य तेल के बढ़े दाम

कांग्रेस का प्रदर्शन, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार'

बहुत ज्यादा बिगड़ गया है बजट

गृहणी का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है, लेकिन क्या कर सकते हैं. घर चलानी पड़ती है. पहले तेल 100-120 रुपये में मिलता था, अभी वहीं तेल 150 से ज्यादा हो गया. घर का बजट बहुत ज्यादा बिगड़ रहा है. सब चीज महंगी हो गई है.

महंगाई पर बृजमोहन अग्रवाल का बयान, उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी: छाया वर्मा

घर चलाना हुआ मुश्किल

एक अन्य गृहणी ने कहा कि महंगाई काफी तेजी से बढ़ी है और लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है. लोगों की कमर टूट रही है. घर में पकौड़ा तलने के लिए भी सोचना पड़ रहा है. पहले जो 100 रुपये लीटर तेल था आज 150 से 200 रुपये लीटर पहुंच गया है. आज घर चलाना बड़ा मुश्किल हो गया है. घर का बजट कैसे ठीक होगा उसके लिए आम लोगों को सोचना पड़ रहा है.

बढ़ती महंगाई: एक साल में दोगुना हुआ ऑटो किराया, पेट्रोल-डीजल ने तोड़ी कमर

सरसों का दाम बढ़ने से बढ़ी तेल की कीमतें

दुकानदार भी मनाते हैं कि पिछले कुछ महीनों में तेल के दाम तेजी से बढ़े हैं. सरसो तेल 180 रुपये प्रति लीटर है. सोयाबीन तेल 145 रुपये लीटर है. अभी लगे लॉकडाउन के पहले तेल का दाम 5 रुपये कम था. अभी 5 रुपये बढ़ गया है. दुकानदार कहते हैं कि सरसों का दाम बढ़ा है, इस वजह से सरसो के तेल के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है. कुछ लोगों का मानना है पिछले साल सरसो की फसल अच्छी नहीं रही और हो सकता है इस कारण से सरसों तेल के दाम बढ़े हैं. सोयाबीन तेल के टीन का रेट 2200 रुपये है, जो कि पिछले साल कोरोना काल के पहले लगभग 1500-1600 रुपये था. सरसो तेल भी पिछले साल 2200 रुपये प्रति टीन से बढ़कर लगभग 2600 रुपये प्रति दिन हो गया है.

पेट्रोल-डीजल भी जिम्मेदार

चैंबर ऑफ कॉमर्स (Chamber of Commerce) के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा(Jitendra Barlota) का कहना है कि पिछले साल से सभी तेल के दामों में काफी वृद्धि हुई है. 30 से 40 फीसदी तेल के दामों में वृद्धि हुई है. वर्तमान में देखकर लगता नहीं है कि इन तेल के दामों में गिरावट आएगी. आज भी सोयाबीन तेल 150 -160 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. सनफ्लॉवर 175 से 190 रुपये बिक रहा है. फल्ली तेल भी 180 से 190 पर बिक रहा है. इन सभी चीजों के दामों में वृद्धि हुई है. पहले सरसो 60-70 रुपए किलो था, अब 100 रुपये किलो बिक रहा है. यहीं वजह है कि जो सरसो तेल पहले 130-140 रुपये प्रति लीटर था, आज 180 से 200 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. जो तेल का टीन पहले 1500-1800 रुपये था. आज वह 2400-2800 रुपये हो गया है.

महंगाई से त्रस्त नवविवाहित जोड़े ने मंडप में ही जताया विरोध

बरलोटा ने कहा कि दाम बढ़ने की मुख्य वजह कहीं ना कहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम भी हैं. जिस वजह से भाड़े में काफी वृद्धि हुई है. दूसरा कच्चे माल की कमी के कारण भी दाम बढ़े हैं. फसल भी पिछले साल अच्छी नहीं हुई थी. जिस वजह से तेल का उत्पादन भी कम हुआ है.

बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिलासपुर में कांग्रेस का हल्ला-बोल, घरों के सामने दिया धरना

महंगाई पर सियासत बंद करे कांग्रेस बीजेपी

इधर, महंगाई के मुद्दे पर राज्य सभा सांसद छाया वर्मा(MP Chhaya Verma) ने कहा कि आज पूरी गृहस्थी चरमरा गई है. शाम को खाना बनाने से पहले सोचना पड़ रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम(Mohan Markam) ने महंगाई को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी(Amit Jogi) महंगाई के मुद्दे पर दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. जूनियर जोगी ने कहा कि महंगाई पर दोनों ही दल मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. बढ़ती महंगाई का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल और एडिबल आयल की बढ़ती दरे हैं. भारत अपना 85% क्रूड आयल (पेट्रोल और डीजल) और 56% एडिबल आयल (खाना पकाने का तेल) विदेशों से निर्यात करता है. दोनों दल महंगाई का पर धरना प्रदर्शन करने की नौटंकी बंद करे. महंगाई कम करने के लिए मोदी जी इन पदार्थों से इंपोर्ट ड्यूटी और सेंट्रल एक्साइज टैक्स(central excise tax) और भूपेश सरकार उनपर VAT और स्टेट एक्साइज टैक्स(state excise tax) खत्म कर दे तो महंगाई पर काभी हद तक काबू पाया जा सकता है.

रायपुर: महंगाई (Inflation) दिनों दिन आसमान छू रही है. पेट्रोल-डीजल (petrol diesel price) से लेकर खाने का तेल और अन्य तमाम सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं. अगर खाने के तेल (edible oil) की बात की जाए तो खाने के तेल के दामों ( edible oil rate increases) में पिछले कुछ समय में बेतहाशा वृद्धि हुई है. 1 साल पहले जो खाने का तेल लगभग 90 से 100 रुपये प्रति लीटर था, आज उसकी कीमत 150 से 160 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

खाद्य तेल ने बिगाड़ा बजट

पकौड़े तलना भी मुश्किल

लगातार बढ़ रहे खाने के तेल की कीमतों (rise in oil prices) ने आज हर घर का बजट बिगाड़ दिया है. खासकर गृहणियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. अब उन्हें खाना बनाने के पहले सोचना पड़ रहा है कि किस चीज का इस्तेमाल करें और किसका नहीं. लगातार बढ़ती महंगाई (rising inflation) पर तो महिलाएं तंज कसते भी नजर आ रही हैं कि अब तो बढ़ती महंगाई के बीच पकौड़े तलना भी मुश्किल हो गया है.

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खाद्य तेल के बढ़े दाम

कांग्रेस का प्रदर्शन, 'बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार'

बहुत ज्यादा बिगड़ गया है बजट

गृहणी का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है, लेकिन क्या कर सकते हैं. घर चलानी पड़ती है. पहले तेल 100-120 रुपये में मिलता था, अभी वहीं तेल 150 से ज्यादा हो गया. घर का बजट बहुत ज्यादा बिगड़ रहा है. सब चीज महंगी हो गई है.

महंगाई पर बृजमोहन अग्रवाल का बयान, उनके मानसिक दिवालियापन की निशानी: छाया वर्मा

घर चलाना हुआ मुश्किल

एक अन्य गृहणी ने कहा कि महंगाई काफी तेजी से बढ़ी है और लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है. लोगों की कमर टूट रही है. घर में पकौड़ा तलने के लिए भी सोचना पड़ रहा है. पहले जो 100 रुपये लीटर तेल था आज 150 से 200 रुपये लीटर पहुंच गया है. आज घर चलाना बड़ा मुश्किल हो गया है. घर का बजट कैसे ठीक होगा उसके लिए आम लोगों को सोचना पड़ रहा है.

बढ़ती महंगाई: एक साल में दोगुना हुआ ऑटो किराया, पेट्रोल-डीजल ने तोड़ी कमर

सरसों का दाम बढ़ने से बढ़ी तेल की कीमतें

दुकानदार भी मनाते हैं कि पिछले कुछ महीनों में तेल के दाम तेजी से बढ़े हैं. सरसो तेल 180 रुपये प्रति लीटर है. सोयाबीन तेल 145 रुपये लीटर है. अभी लगे लॉकडाउन के पहले तेल का दाम 5 रुपये कम था. अभी 5 रुपये बढ़ गया है. दुकानदार कहते हैं कि सरसों का दाम बढ़ा है, इस वजह से सरसो के तेल के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है. कुछ लोगों का मानना है पिछले साल सरसो की फसल अच्छी नहीं रही और हो सकता है इस कारण से सरसों तेल के दाम बढ़े हैं. सोयाबीन तेल के टीन का रेट 2200 रुपये है, जो कि पिछले साल कोरोना काल के पहले लगभग 1500-1600 रुपये था. सरसो तेल भी पिछले साल 2200 रुपये प्रति टीन से बढ़कर लगभग 2600 रुपये प्रति दिन हो गया है.

पेट्रोल-डीजल भी जिम्मेदार

चैंबर ऑफ कॉमर्स (Chamber of Commerce) के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा(Jitendra Barlota) का कहना है कि पिछले साल से सभी तेल के दामों में काफी वृद्धि हुई है. 30 से 40 फीसदी तेल के दामों में वृद्धि हुई है. वर्तमान में देखकर लगता नहीं है कि इन तेल के दामों में गिरावट आएगी. आज भी सोयाबीन तेल 150 -160 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. सनफ्लॉवर 175 से 190 रुपये बिक रहा है. फल्ली तेल भी 180 से 190 पर बिक रहा है. इन सभी चीजों के दामों में वृद्धि हुई है. पहले सरसो 60-70 रुपए किलो था, अब 100 रुपये किलो बिक रहा है. यहीं वजह है कि जो सरसो तेल पहले 130-140 रुपये प्रति लीटर था, आज 180 से 200 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. जो तेल का टीन पहले 1500-1800 रुपये था. आज वह 2400-2800 रुपये हो गया है.

महंगाई से त्रस्त नवविवाहित जोड़े ने मंडप में ही जताया विरोध

बरलोटा ने कहा कि दाम बढ़ने की मुख्य वजह कहीं ना कहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम भी हैं. जिस वजह से भाड़े में काफी वृद्धि हुई है. दूसरा कच्चे माल की कमी के कारण भी दाम बढ़े हैं. फसल भी पिछले साल अच्छी नहीं हुई थी. जिस वजह से तेल का उत्पादन भी कम हुआ है.

बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिलासपुर में कांग्रेस का हल्ला-बोल, घरों के सामने दिया धरना

महंगाई पर सियासत बंद करे कांग्रेस बीजेपी

इधर, महंगाई के मुद्दे पर राज्य सभा सांसद छाया वर्मा(MP Chhaya Verma) ने कहा कि आज पूरी गृहस्थी चरमरा गई है. शाम को खाना बनाने से पहले सोचना पड़ रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम(Mohan Markam) ने महंगाई को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी(Amit Jogi) महंगाई के मुद्दे पर दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. जूनियर जोगी ने कहा कि महंगाई पर दोनों ही दल मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. बढ़ती महंगाई का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड आयल और एडिबल आयल की बढ़ती दरे हैं. भारत अपना 85% क्रूड आयल (पेट्रोल और डीजल) और 56% एडिबल आयल (खाना पकाने का तेल) विदेशों से निर्यात करता है. दोनों दल महंगाई का पर धरना प्रदर्शन करने की नौटंकी बंद करे. महंगाई कम करने के लिए मोदी जी इन पदार्थों से इंपोर्ट ड्यूटी और सेंट्रल एक्साइज टैक्स(central excise tax) और भूपेश सरकार उनपर VAT और स्टेट एक्साइज टैक्स(state excise tax) खत्म कर दे तो महंगाई पर काभी हद तक काबू पाया जा सकता है.

Last Updated : Jun 6, 2021, 3:39 PM IST
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