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महासमुंद: बैंक सखी घर-घर जाकर लोगों को मुहैया करा रहीं कैश

महासमुंद में गांव-गांव तक बैंकिंग की सुविधा पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने बैंक सखियों को नियुक्त किया है. ये बैंक सखियां मोबाइल के जरिए आधार कार्ड के माध्यम से नकद का भुगतान कर रही हैं.

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बैंक सखी
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Published : Jun 25, 2020, 2:43 PM IST

महासमुंद: गांव-गांव तक बैंकिग सुविधा पहुंचाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी नियुक्त किया. ये बैंक सखियां घर-घर जाकर आधार पेमेंट के माध्यम से लोगों को नकद भुगतान कर रही हैं. इसके लिए जिला प्रशासन ने पढ़े-लिखे युवक युवतियों को ये भुगतान की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके तहत जिले के 90 युवक-युवतियों को रोजगार मिला है. इसके साथ ही उन बुजुर्गों को भी पेंशन की सुविधा घर बैठे ही मिल रही है, जिन्हें पेमेंट लेने के लिए मीलों चलकर बैंक जाना होता था.

SPECIAL: 6 महीने से नहीं मिला पेंशन, उधार की जिंदगी जीने को मजबूर हैं बुजुर्ग

ETV भारत ने लाफिनखुर्द पंचायत के बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. गांव में तकरीबन 150 से ज्यादा बुजुर्ग हैं, जिन्हें निराश्रित और वृद्धा पेंशन के तहत राशि प्रदान की जाती है, लेकिन उनका बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक नहीं होने की वजह से वे रुपए नहीं निकाल पा रहे थे. इसके लिए अब 22 बैंक सखी और 68 पे पाइंट सखी नियुक्त किए गए हैं. इनमें से एक-एक सखी अपने क्षेत्र के 5 गांवों को कवर करती हैं. बैंक सखियों की वजह से अब बुजुर्गों को पेंशन के लिए बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ते और उन्हें घर बैठे ही नकद भुगतान किया जाता है.

घर-घर जाकर मुहैया कहा रहीं कैश

महासमुन्द ब्लॉक के मुनगासेर ग्राम पंचायत की बैंक सखी कविता ध्रुवंशी ने बताया कि उनके माध्यम से छिन्दौली, बेरेकेल, पचरी, मूंगासेर और गोड़पाली में बुजुर्गों को पेंशन और मनरेगा हितग्राहियों को आधार पेमेंट, डीजी-पे से नकद भुगतान किया जा रहा है. बैंक सखी कविता ध्रुवंशी एंड्राइड मोबाइल, सिम कार्ड और बायोमीट्रिक डिवाइस के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में सेवाएं दे रही हैं,इससे क्षेत्र के बुजुर्ग काफी खुश हैं. जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि कोरोना के इस समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी इसके माध्यम से किया जा रहा है.

महासमुंद: गांव-गांव तक बैंकिग सुविधा पहुंचाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी नियुक्त किया. ये बैंक सखियां घर-घर जाकर आधार पेमेंट के माध्यम से लोगों को नकद भुगतान कर रही हैं. इसके लिए जिला प्रशासन ने पढ़े-लिखे युवक युवतियों को ये भुगतान की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके तहत जिले के 90 युवक-युवतियों को रोजगार मिला है. इसके साथ ही उन बुजुर्गों को भी पेंशन की सुविधा घर बैठे ही मिल रही है, जिन्हें पेमेंट लेने के लिए मीलों चलकर बैंक जाना होता था.

SPECIAL: 6 महीने से नहीं मिला पेंशन, उधार की जिंदगी जीने को मजबूर हैं बुजुर्ग

ETV भारत ने लाफिनखुर्द पंचायत के बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. गांव में तकरीबन 150 से ज्यादा बुजुर्ग हैं, जिन्हें निराश्रित और वृद्धा पेंशन के तहत राशि प्रदान की जाती है, लेकिन उनका बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक नहीं होने की वजह से वे रुपए नहीं निकाल पा रहे थे. इसके लिए अब 22 बैंक सखी और 68 पे पाइंट सखी नियुक्त किए गए हैं. इनमें से एक-एक सखी अपने क्षेत्र के 5 गांवों को कवर करती हैं. बैंक सखियों की वजह से अब बुजुर्गों को पेंशन के लिए बैंक के चक्कर नहीं काटने पड़ते और उन्हें घर बैठे ही नकद भुगतान किया जाता है.

घर-घर जाकर मुहैया कहा रहीं कैश

महासमुन्द ब्लॉक के मुनगासेर ग्राम पंचायत की बैंक सखी कविता ध्रुवंशी ने बताया कि उनके माध्यम से छिन्दौली, बेरेकेल, पचरी, मूंगासेर और गोड़पाली में बुजुर्गों को पेंशन और मनरेगा हितग्राहियों को आधार पेमेंट, डीजी-पे से नकद भुगतान किया जा रहा है. बैंक सखी कविता ध्रुवंशी एंड्राइड मोबाइल, सिम कार्ड और बायोमीट्रिक डिवाइस के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में सेवाएं दे रही हैं,इससे क्षेत्र के बुजुर्ग काफी खुश हैं. जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि कोरोना के इस समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी इसके माध्यम से किया जा रहा है.

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