कोरबा: जिले के सबसे बड़े निजी अस्पताल एनकेएच में गर्भवती की बच्चे सहित मौत हो गई है. परिवार जांजगीर से प्रसव के लिए एनकेएच पहुंचा था. महिला 12 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद प्रेग्नेंट हुई थी. घर में नन्हें मेहमान औरखुशियों के आने का इंतजार था. लेकिन ठीक जन्माष्टमी के दिन ही खुशियां मातम में बदल गयीं. जच्चा बच्चा दोनों की मौत के बाद अस्पताल में महिला के परिजनों ने जमकर बवाल किया. चिकित्सक व स्टाफ के साथ हुज्जतबाजी की.यह पूरा वाक्य सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हुआ है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस में परिजनों के द्वारा मारपीट की शिकायत दर्ज कराई गई है. जबकि परिजनों ने भी थाने में इलाज में लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो जाने की शिकायत की है. Korba NKH Uproar after death of pregnant lady
महिला ने पहले पति और बेटे के साथ मिलकर की थी प्रेमी की हत्या
जच्चा बच्चा की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप : कोरबा शहर के कोसाबाड़ी में संचालित न्यू कोरबा हॉस्पिटल में उपचार के दौरान एक प्रसुता सहित पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगमा किया. जांजगीर चांपा जिले के ग्राम कोसमंदा चांपा में रहने वाली महिला पुष्पा राठौर को प्रसव पीड़ा होने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां महिला सहित उसके पेट में पल रहे शिशु की उपचार के दौरान मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने मामले को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. उनका कहना था कि लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हुई है. pregnant dies in private hospital in korba
आक्रोशित हो गए थे लेकिन बाद में डॉक्टरों से माफी मांगी: मृतका के ससुर सुमित राठौर ने बताया "प्रसव पीड़ा होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गयी. शादी के 12 साल बाद बहु बच्चे की मां बनने वाली थी. परिवार में उत्साह का माहौल था. मौत की खबर सुनते ही सब कुछ खत्म हो गया. आक्रोशित होकर विवाद की स्थिति बन गयी. हालांकि बाद में हम ने चिकित्सकों से क्षमा भी मांगी है .हमें पोस्टमार्टम कराने पर भी कोई एतराज नहीं है. लेकिन परिवार में इस तरह की घटना होने पर हम आक्रोशित हो गए थे. "
पीएम की बात पर परिजनों ने किया विवाद : न्यू कोरबा हॉस्पिटल के संचालक डॉ शोभराज चंदानी Dr Sobhraj Chandani Director of New Korba Hospital ने बताया "महिला की हालत एकाएक बिगड़ी और उसकी जान चली गई. मौत का कारण क्या है यह बता पाना मुश्किल है. जिसके लिए पोस्टमॉर्टम कराना बेहद जरूरी है. परिजन चाहते थे कि मृतका का पीएम न हो लेकिन प्रबंधन ने नियमों का हवाला देते हुए पीएम को जरुरी बताया था. अस्पताल में मौत होने पर पुलिस को सूचना देनी होती है. इसी बात पर परिजन नाराज हो गये और विवाद करने लगे, उन्होंने चिकित्सक व स्टाफ के साथ बदतमीजी की. हम चाहते हैं कि इस मामले में परिजनों पर अपराध दर्ज किया जाए ."
12 साल बाद महिला हुई थी गर्भवती : मृतका के परिजनों ने बताया कि पूरे 12 साल बाo उनके घर में वारिस आने वाला था. यही वजह है,कि जच्चा-बच्चा की मौत होने से उन्हें सदमा लगा. जिसका परिणाम आक्रोश के रूप में सामने आया. हालांकि उन्होंने अपने इस गलती के लिए अस्पताल प्रबंधन से माफी भी मांगी है.
एसडीएम ने कही जांच की बात :अस्पताल में हो रहे हंगामो की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. एसडीएम हरिशंकर पैकरा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और विवाद को शांत कराया. एसडीएम ने कहा कि "परिजनों ने लापरवाही बरतने की शिकायत की है. जबकि अस्पताल प्रबंधन ने पीएम की बात पर विवाद करने की बात कही है. डेड बॉडी को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा गया है. मामले की जांच कराई जा रही है.