कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के रेलखंड के अंतर्गत आने वाला धरमजयगढ़ स्टेशन अब रेलवे के नक्शे पर आ गया है. हालांकि धरमजयगढ़ रायगढ़ जिले में है. जो अब माल ढुलाई केंद्र के रूप में कार्यशील हो चुका है. धरमजयगढ़ रेलवे स्टेशन से शनिवार को इतिहास में पहली बार कोयले से भरे रेलवे रैक की लदान पूरी हुई. (Coal sent from Dharamjaigarh station ) ट्रेन के जरिये कोयला एनटीपीसी-सेल पॉवर कम्पनी भिलाई को भेजा गया.
ईस्ट रेल कॉरीडोर के तौर पर धरमजयगढ़ को किया गया शुरू : धरमजयगढ SECL की रेल कॉरिडोर कंपनी (Rail Corridor Company of Dharamjaygarh SECL) छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड द्वारा विकसित स्टेशन है. जिसके चालू हो जाने से कम्पनी के कोयला डिस्पैच की क्षमता में लगभग 3 रेक प्रतिदिन की वृद्धि होगी. शनिवार को धर्मजयगढ़ के इस स्टेशन से भेजा गया कोयला एसईसीएल के जामपाली खदान का था. जिसे रोड सह रेल मोड पर लोड किया गया. धरमजयगढ़ रेल कॉरिडोर के शुरू हो जाने से प्रदेश के सुदूर इलाकों में संचालित कोयला खदानों के कोयले का परिवहन अब तेज गति से किया जा सकेगा.
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परियोजना की लागत 3055 करोड़ : इस विषय में SECL के पीआरओ सहित चंद्र ने बताया कि 'सीईआरएल की तरफ से छत्तीसगढ़ राज्य के महत्वपूर्ण कोलफ़ील्डस से कोयले के तुरंत डिस्पैच के उद्देश्य से रेल लाईन बिछाई जा रही है.SECR जोन के अंतर्गत आने वाले खरसिया से धरमजयगढ़ (74 किमी) मुख्य लाइन के साथ ही घरघोड़ा से भालूमाड़ा (13.5 किमी) स्पर लाइन की कमिशनिंग का काम पूरा किया जा चुका है. यह प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है. एसईसीएल की सब्सिडियरी सीईआरएल परियोजना की लागत लगभग 3055 करोड़ रुपए होगी. इस परियोजना के पूरे होने से सुदूर इलाकों से कोयले का परिवहन रेल के माध्यम से संभव होगा'.