कोरबा : कोटपा एक्ट के तहत किसी शैक्षणिक संस्थान या धार्मिक स्थल के आसपास नशीली तंबाकू युक्त पदार्थों का व्यवसाय नहीं होना (Provision for action under COTPA Act) चाहिए. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, ईटीवी भारत की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि जिले के स्कूल परिसर से लगे हुए ठेले, गुमटियों और दुकानों में धड़ल्ले से तंबाकू युक्त जर्दा और फिर सिगरेट जैसे नशीली वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है. जिसके फलस्वरूप स्कूली छात्र और अन्य नाबालिगों को बड़ी आसानी से तंबाकू युक्त वस्तुएं उपलब्ध हो रही हैं.सरकार ने इन चीजों की बिक्री के लिए कोटपा कानून बनाया है. लेकिन इस कानून का अता पता कहीं नहीं है.
कहां-कहां बिक रहे तंबाकू उत्पाद : शहर के घंटाघर, मुड़ापार क्षेत्र में कई शैक्षणिक संस्थान संचालित हैं. इनके आसपास गुमटी, ठेलों में खुले तौर पर तंबाकू युक्त पदार्थों का व्यवसाय किया जाता है. ना सिर्फ तंबाकू युक्त पदार्थ विक्रय हो रहा (Violation of the rules of COTPA Act in Korba) है. बल्कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि वाला नियम भी यहां लागू नहीं हो पा रहा है. नाबालिग बच्चों को भी तंबाकू युक्त पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो जाता है.
कोटपा एक्ट का उल्लंघन : कोटपा एक्ट के तहत धारा 4 और 6 का उल्लंघन पाए जाने पर मौके पर ही चालान काट कर जुर्माने का प्रावधान है. सार्वजनिक स्थल जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, शैक्षणिक संस्थान, सभी निजी और सरकारी कार्यालय पर धूम्रपान करना भी प्रतिबंधित (Violation of COTPA Act in Korba) है. इस अधिनियम के तहत संस्थान के प्रभारियों की ओर से धूम्रपान निषेध क्षेत्र वाला बोर्ड भी लगाया जाना चाहिए. शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध की श्रेणी में भी आता है. इसके अलावा तंबाकू विक्रेताओं की ओर से 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद बेचना भी दंडनीय अपराध है. कोटपा एक्ट के तहत 200 से लेकर 10 रुपये तक का जुर्माना और 5 साल तक की कैद का भी प्रावधान है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी फील्ड पर निकलते नहीं हैं. जिसके कारण लगातार नियमों का उल्लंघन होता रहता है.
अफसरों का क्या है कहना : तंबाकू युक्त पदार्थों के विक्रय और कोटपा एक्ट के प्रावधानों के प्रश्न पर सीएमएचओ बीब बोडे का कहना है (Officers in Korba lax about COTPA Act) कि ''' त्वरित कार्रवाई की जाती है. हम जल्द ही पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाएंगे. शैक्षणिक संस्थानों के अलावा सभी सार्वजनिक स्थानों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.''