संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. भारत ने कहा कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं में उसकी उंगलियों के निशान हैं. पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का परिणाम निश्चित ही भुगतना होगा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलानंदन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था.
भाविका मंगलानंदन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक दुखद घटना देखी गई. उन्होंने कहा कि सेना द्वारा संचालित देश जो आतंकवाद, मादक पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक रूप से बदनाम है वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
#WATCH | At UNGA Indian diplomat Bhavika Mangalanandan replies to Pakistani PM Shehbaz Sharif, says, " this assembly regrettably witnessed a travesty this morning. a country run by the military, with a global reputation for terrorism, narcotics, trade and transnational crime has… pic.twitter.com/ZpHxE6a5Py
— ANI (@ANI) September 28, 2024
भाविका मंगलानंदन ने 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया. ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे बड़ा पाखंड है.
भाविका मंगलानंदन अपने संबोधन में शरीफ के कश्मीर मुद्दे को उठाया. मंगलानंदन ने इसके जवाब में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के आपसी रणनीतिक संयम व्यवस्था के प्रस्तावों को ठुकरा दिया है. रणनीतिक संयम के कुछ प्रस्तावों के इस संदर्भ पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने जोर देकर कहा कि 'आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता. वास्तव में पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के अनिवार्य रूप से परिणाम होंगे.
मंगलानंदन ने कहा कि यह वह देश है जिसने लंबे समय तक अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी. दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर पाकिस्तान की छाप है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए कि उसके प्रधानमंत्री इस पवित्र हॉल में ऐसा बोलेंगे. हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला और झूठ से करने की कोशिश करेगा. बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा. हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है.
पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर लालची नजर रखता है और वास्तव में उसने जम्मू- कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक राष्ट्र जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, वह असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने का साहस कर रहा है.