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धुर नक्सल क्षेत्र के बच्चों को पुलिस की मदद, पढ़ाई से लेकर नौकरी तक का उठाया बीड़ा

कवर्धा के धुर नक्सल क्षेत्रों में रह रहे बच्चों के सामने शिक्षा की बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी. जिसका समाधान पुलिस ने निकाला है. पुलिस ने ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की बल्कि उन्हें नौकरी दिलाने की भी तैयारी करवा रही (Police of Kawardha district took the lead) है.

Police help to the children of Dhur Naxal area
धुर नक्सल क्षेत्र के बच्चों को पुलिस की मदद
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Published : Jun 4, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 7:10 PM IST

कवर्धा : जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवक-युवतियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस विभाग जिले के 18 गांव में नि:शुल्क प्राथमिक शाला स्कूल संचालित कर रहे (Police of Kawardha district educated children) हैं.जहां के युवक-युवती गांव से स्कूल अधिक दूरी होने के कारण शिक्षा से वंचित हो रहे थे. साथ ही हाईस्कूल के छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग भी संचालित कर रहे है. वहीं 2021-22 सत्र में जिन छात्र-छात्राओं ने पाँचवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उन विद्यार्थियों को एसपी लालउमेंद सिंह ने कवर्धा एसपी कार्यालय बुलाया और उत्सावर्धन कर गोल्ड मेडल पहनाकर सम्मानित किया .

धुर नक्सल क्षेत्र के बच्चों को पुलिस की मदद

कितने स्कूल संचालित कर रहा पुलिस विभाग : कवर्धा जिले मे बहुत से ऐसे गांव है जहां कम छात्र होने के कारण गांव में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल संचालित नही किया जाता.बगल के गांव में मर्ज कर दिया गया है. स्कूल अधिक दूरी, जंगल और नक्सलियों का खतरा होने के कारण माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नही भेजते है. जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे.जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 18 गांवों में नि:शुल्क प्राथमिक शाला स्कूल और हाईस्कूल के बच्चों के लिए कोचिंग व्यवस्था कराई जा रही (School is being run in 18 villages of Kawardha) है.

क्यों स्कूल की पड़ी जरुरत : अशिक्षित बच्चे आपराधिक गतिविधियों में शामिल ना हो. इसलिए कवर्धा पुलिस ने इस बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का बीड़ा उठाया है. जिसका अब सफल परिणाम भी आना शुरु हो चुका है. पुलिस स्कूल मे शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र पांचवी कक्षा पास कर अब हाईस्कूल में दाखिल होंगे और सभी पांचवी कक्षा में प्रथम आने वाले बच्चों का पुलिस विभाग ने सम्मान किया.


कैसे दिलाई गई परीक्षा : नक्सल क्षेत्र में निवासरत परिवारिक समस्या या किसी अन्य समस्या के कारण पढ़ाई छोड़ चुके युवक-युवतियों को पुलिस विभाग ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत 10वीं और 12वीं के ओपन परीक्षा भी दिलवाई.गांव से परीक्षा सेंटर आने जाने के लिए वाहन भी पुलिस विभाग ने उपलब्ध कराया (Police help to the children of Dhur Naxal area) था.

ये भी पढ़ें- शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन शुरू

नौकरी दिलवाने की भी कोशिश : पुलिस विभाग मिशन 5 हजार का लक्ष्य रखकर फोर्स एकेडमी के नाम से कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर भी संचालित किया जा रहा है. जिसमें लगभग 500 युवक-युवतियों को पुलिस, थलसेना, आर्मी,एसएफ जैसे भर्तियों के लिए विभाग नि:शुल्क तैयारी करवा रहा है.एसपी के मुताबिक गांवों के कई लड़के और लड़कियां ट्रेनिंग पाकर आज फोर्स ज्वाइन कर चुके हैं.

कवर्धा : जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवक-युवतियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस विभाग जिले के 18 गांव में नि:शुल्क प्राथमिक शाला स्कूल संचालित कर रहे (Police of Kawardha district educated children) हैं.जहां के युवक-युवती गांव से स्कूल अधिक दूरी होने के कारण शिक्षा से वंचित हो रहे थे. साथ ही हाईस्कूल के छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग भी संचालित कर रहे है. वहीं 2021-22 सत्र में जिन छात्र-छात्राओं ने पाँचवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उन विद्यार्थियों को एसपी लालउमेंद सिंह ने कवर्धा एसपी कार्यालय बुलाया और उत्सावर्धन कर गोल्ड मेडल पहनाकर सम्मानित किया .

धुर नक्सल क्षेत्र के बच्चों को पुलिस की मदद

कितने स्कूल संचालित कर रहा पुलिस विभाग : कवर्धा जिले मे बहुत से ऐसे गांव है जहां कम छात्र होने के कारण गांव में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल संचालित नही किया जाता.बगल के गांव में मर्ज कर दिया गया है. स्कूल अधिक दूरी, जंगल और नक्सलियों का खतरा होने के कारण माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नही भेजते है. जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे थे.जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 18 गांवों में नि:शुल्क प्राथमिक शाला स्कूल और हाईस्कूल के बच्चों के लिए कोचिंग व्यवस्था कराई जा रही (School is being run in 18 villages of Kawardha) है.

क्यों स्कूल की पड़ी जरुरत : अशिक्षित बच्चे आपराधिक गतिविधियों में शामिल ना हो. इसलिए कवर्धा पुलिस ने इस बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का बीड़ा उठाया है. जिसका अब सफल परिणाम भी आना शुरु हो चुका है. पुलिस स्कूल मे शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र पांचवी कक्षा पास कर अब हाईस्कूल में दाखिल होंगे और सभी पांचवी कक्षा में प्रथम आने वाले बच्चों का पुलिस विभाग ने सम्मान किया.


कैसे दिलाई गई परीक्षा : नक्सल क्षेत्र में निवासरत परिवारिक समस्या या किसी अन्य समस्या के कारण पढ़ाई छोड़ चुके युवक-युवतियों को पुलिस विभाग ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत 10वीं और 12वीं के ओपन परीक्षा भी दिलवाई.गांव से परीक्षा सेंटर आने जाने के लिए वाहन भी पुलिस विभाग ने उपलब्ध कराया (Police help to the children of Dhur Naxal area) था.

ये भी पढ़ें- शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन शुरू

नौकरी दिलवाने की भी कोशिश : पुलिस विभाग मिशन 5 हजार का लक्ष्य रखकर फोर्स एकेडमी के नाम से कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर भी संचालित किया जा रहा है. जिसमें लगभग 500 युवक-युवतियों को पुलिस, थलसेना, आर्मी,एसएफ जैसे भर्तियों के लिए विभाग नि:शुल्क तैयारी करवा रहा है.एसपी के मुताबिक गांवों के कई लड़के और लड़कियां ट्रेनिंग पाकर आज फोर्स ज्वाइन कर चुके हैं.

Last Updated : Jun 4, 2022, 7:10 PM IST
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