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धमतरी: महुआ फूल खरीदी ठप, सता रही रोजी-रोटी की चिंता - ग्रामीणों को रोजी-रोटी की चिंता

धमतरी के ग्रामीण अंचल में महिलाएं महुआ फूल बीनकर अपना जीवनयापन करती हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण महिलाएं 20-25 दिनों से महुआ फूल तो बीन रही हैं, लेकिन उन्हें खरीदने वाला कोई नहीं है. इससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
महुआ फूल खरीदी ठप
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Published : Apr 15, 2020, 2:32 PM IST

धमतरी: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा असर गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते गरीबों के सामने रोजी-संकट का संकट बना हुआ है. धमतरी जिले के वनाचंल में रहने वाले आदिवासियों की मुख्य आय का स्रोत महुआ के फूल हैं, जिसका संग्रहण वनांचल में रहने वाले लोग करीब 20 से 25 दिनों से कर रहे हैं, लेकिन लाॅकडाउन के चलते इसे बेच नहीं पा रहे हैं.

महुआ फूल खरीदी नहीं होने से ग्रामीण चिंतित

लॉकडाउन ने आदिवासी कमार जनजाति वर्ग के लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर दी है. ऐसे में गरीब लोग परिवार चलाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि वे बीते बीस-पच्चीस दिनों से महुआ फूल का संग्रहण कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसकी खरीदी न ही वन विभाग कर रहा है और ना ही खरीदने के लिए कोचिए आ रहे हैं, जिससे उन्हें घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
महुआ फूल बीनती महिलाएं

शासन-प्रशासन से महुआ फूल खरीदी की मांग

इन परेशानियों की वजह से अब ग्रामीण शासन-प्रशासन से महुआ फूल खरीदी की मांग कर रहे हैं. महुआ फूल की खरीदी नहीं होने से कुछ महिलाओं ने तेंदूपत्ता के लिए भी चिंता जाहिर की है.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
महुआ के फूल

अधिकारी ने महुआ फूल खरीदी किए जाने की कही बात

इधर वन विभाग के अफसर लॉकडाउन में भी महुआ फूल की खरीदी होने की बात कह रहे हैं. वन विभाग के अफसर की मानें तो महुआ फूल की खरीदी गांव-गांव में महिला समूहों के माध्यम से की जा रही है. वहीं बाजार में सर्वे के हिसाब से 16 हजार क्विंटल निकलता है, जिसमें इस बार वन विभाग को आठ हजार क्विंटल खरीदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसमें 21 बाजार सेंटर और 181 गांव में खरीदी करने की बात की जा रही है. वहीं मौसम के कारण आवक कम होने से 10 क्विंटल ही खरीदी होने की बात कही गई.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
25 दिनों से महुआ फूल बीन रही महिलाएं, लेकिन खरीदार नहीं

धमतरी: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा असर गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते गरीबों के सामने रोजी-संकट का संकट बना हुआ है. धमतरी जिले के वनाचंल में रहने वाले आदिवासियों की मुख्य आय का स्रोत महुआ के फूल हैं, जिसका संग्रहण वनांचल में रहने वाले लोग करीब 20 से 25 दिनों से कर रहे हैं, लेकिन लाॅकडाउन के चलते इसे बेच नहीं पा रहे हैं.

महुआ फूल खरीदी नहीं होने से ग्रामीण चिंतित

लॉकडाउन ने आदिवासी कमार जनजाति वर्ग के लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर दी है. ऐसे में गरीब लोग परिवार चलाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि वे बीते बीस-पच्चीस दिनों से महुआ फूल का संग्रहण कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण इसकी खरीदी न ही वन विभाग कर रहा है और ना ही खरीदने के लिए कोचिए आ रहे हैं, जिससे उन्हें घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
महुआ फूल बीनती महिलाएं

शासन-प्रशासन से महुआ फूल खरीदी की मांग

इन परेशानियों की वजह से अब ग्रामीण शासन-प्रशासन से महुआ फूल खरीदी की मांग कर रहे हैं. महुआ फूल की खरीदी नहीं होने से कुछ महिलाओं ने तेंदूपत्ता के लिए भी चिंता जाहिर की है.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
महुआ के फूल

अधिकारी ने महुआ फूल खरीदी किए जाने की कही बात

इधर वन विभाग के अफसर लॉकडाउन में भी महुआ फूल की खरीदी होने की बात कह रहे हैं. वन विभाग के अफसर की मानें तो महुआ फूल की खरीदी गांव-गांव में महिला समूहों के माध्यम से की जा रही है. वहीं बाजार में सर्वे के हिसाब से 16 हजार क्विंटल निकलता है, जिसमें इस बार वन विभाग को आठ हजार क्विंटल खरीदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसमें 21 बाजार सेंटर और 181 गांव में खरीदी करने की बात की जा रही है. वहीं मौसम के कारण आवक कम होने से 10 क्विंटल ही खरीदी होने की बात कही गई.

Life crisis due to not buying mahua flower in dhamtari
25 दिनों से महुआ फूल बीन रही महिलाएं, लेकिन खरीदार नहीं
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