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टीएस सिंहदेव के समर्थक पर एफआईआर के बाद हंगामा, बैकफुट पर आई पुलिस

बिलासपुर जिले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के खास समर्थक पंकज सिंह (Supporter Pankaj Singh) पर पुलिस के द्वारा मारपीट का केस दर्ज किए जाने के खिलाफ उनके समर्थकों ने सिटी कोतवाली थाने में घंटों बवाल काटा. आरोप लगाया कि टीएस सिंहदेव के समर्थकों को टारगेट बनाया जा रहा है. इधर, पंकज सिंह के समर्थन में नगर विधायक शैलेश पांडे भी थाना पहुंच गए. जिसके बाद पंकज सिंह को रिहा किया गया.

health minister ts singhdeo
बैकफुट पर पुलिस
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Published : Sep 22, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 6:09 PM IST

बिलासपुरः स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के खास समर्थक पंकज सिंह (Supporter Pankaj Singh) पर आपराधिक प्रकरण दर्ज (criminal case registered) होने के खिलाफ सिटी कोतवाली (City Kotwali) थाने में उनके समर्थकों ने जम कर हंगामा किया. हंगामे में समर्थक टीएस 'बाबा' जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. इधर, पंकज सिंह के समर्थन में नगर विधायक शैलेश पांडेय थाना के अंदर पुलिस अधिकारियों से मामले की जानकारी ले रहे थे. विधायक (MLA) ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंकज सिंह, स्वास्थ्य मंत्री के समर्थक हैं (supporters of health minister) इस लिए उन लोगों पर करवाई की जाती है.

टीएस सिंहदेव के समर्थक पर एफआईआर के बाद हंगामा

तीन दिन पहले टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह किसी परिचित का इलाज कराने सिम्स मेडिकल कॉलेज (sims medical college) पहुंचे थे. यहां रात के समय मरीज का एमआरआई (MRI) करना था. एमआरआई करने वाले कर्मचारियों के नहीं होने पर वह बिफर गए. तभी एक कर्मचारी वहां पहुंचा, जिसे पंकज सिंह अपने परिचित मरीज का एमआरआई करने के लिए कहा. तब कर्मचारी ने बताया कि मशीन में टेक्निकल खराबी (technical fault) है, थोड़ा टाइम लगेगा फिर मशीन चालू होगी.

इस बात को लेकर पंकज इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने कर्मचारी के साथ मारपीट (assault on employee) कर डाली. मारपीट से नाराज सिम्स मेडिकल कॉलेज के पीड़ित कर्मचारी तुलाचंद तांडे ने अपने साथियों को दूसरे दिन इस बात की जानकारी दी और कर्मचारियों ने एमआरआई मशीन (MRI machine) बंद कर हड़ताल (strike) कर दिया. इस मामले को लेकर पीड़ित कर्मचारी ने कोतवाली थाने में पंकज सिंह के खिलाफ आवेदन दिया. इस आवेदन की 2 दिनों तक पुलिस ने जांच की और आरोपित पंकज सिंह के उपर एफआईआर दर्ज की.

जिंदाबाद-मुर्दाबाद के लगे नारे

केस दर्ज (case registered) होने की जानकारी लगने पर पंकज और उनके समर्थक थाना पहुंच गए और इस दौरान थाने में काफी हंगामा किया. पूरे समय पंकज के समर्थक टीएस बाबा जिंदाबाद, नगर विधायक शैलेश पांडे जिंदाबाद और पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. भीड़ बढ़ती देख पुलिस बैकफुट पर आ गई और पंकज को थाने से बिना कार्रवाई के चलता कर दिया. इधर मामले में विधायक शैलेश पांडे (MLA Shailesh Pandey) ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस जान-बूझकर उनको और उनके समर्थकों को निशाना (target supporters) बना रही है. कार्रवाई (action) कर रही है. विधायक ने यह भी कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थक हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई जा रही है.

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गरीब मरीज का इलाज करवाना 'पाप' है क्या?
इस मामले में आरोपी पंकज सिंह ने कहा की अगर किसी गरीब मरीज का इलाज कराने जाना अपराध है तो फिर ऐसे में कैसे होगा? पंकज ने बताया कि वह टेक्नीशियन से किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किए हैं. एमआरआई में थोड़ा देर हुआ तो उन्होंने टेक्नीशियन से कहा कि थोड़ा जल्दी करो, इससे ज्यादा कोई बात नहीं हुई. हालांकि पंकज यह भी कह रहे हैं कि वह सिर्फ टेक्नीशियन तुलाचंद तांडे को खींच कर ले गए थे, मारपीट नहीं किए थे.

पुलिस का दावा, मिला था मारपीट करने का आवेदन
इस मामले में पुलिस का कहना है कि उनके पास आवेदन आया था और आवेदन के बिनाह पर एफआईआर दर्ज (register FIR) किया गया. अब मामले की जांच की जाएगी. उसके बाद ही उचित कार्रवाई किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि वह अस्पताल में घटनास्थल की सीसीटीवी कैमरा फुटेज (cctv camera footage) एकत्रित कर रही है.

बहरहाल, एक बार फिर बिलासपुर में गुटबाजी की राजनीति सामने आई है. बिलासपुर में प्रदेश के 2 बड़े नेताओं के अलग-अलग गुट हैं. एक गुट इस मामले में कहता है कि पुलिस पर दबाव बनाकर उनके नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, वहीं पुलिस इस मामले में कहती है कि उन पर कोई दबाव नहीं है. वह सिर्फ आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज किए हैं.

बिलासपुरः स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) के खास समर्थक पंकज सिंह (Supporter Pankaj Singh) पर आपराधिक प्रकरण दर्ज (criminal case registered) होने के खिलाफ सिटी कोतवाली (City Kotwali) थाने में उनके समर्थकों ने जम कर हंगामा किया. हंगामे में समर्थक टीएस 'बाबा' जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. इधर, पंकज सिंह के समर्थन में नगर विधायक शैलेश पांडेय थाना के अंदर पुलिस अधिकारियों से मामले की जानकारी ले रहे थे. विधायक (MLA) ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंकज सिंह, स्वास्थ्य मंत्री के समर्थक हैं (supporters of health minister) इस लिए उन लोगों पर करवाई की जाती है.

टीएस सिंहदेव के समर्थक पर एफआईआर के बाद हंगामा

तीन दिन पहले टीएस सिंहदेव के समर्थक पंकज सिंह किसी परिचित का इलाज कराने सिम्स मेडिकल कॉलेज (sims medical college) पहुंचे थे. यहां रात के समय मरीज का एमआरआई (MRI) करना था. एमआरआई करने वाले कर्मचारियों के नहीं होने पर वह बिफर गए. तभी एक कर्मचारी वहां पहुंचा, जिसे पंकज सिंह अपने परिचित मरीज का एमआरआई करने के लिए कहा. तब कर्मचारी ने बताया कि मशीन में टेक्निकल खराबी (technical fault) है, थोड़ा टाइम लगेगा फिर मशीन चालू होगी.

इस बात को लेकर पंकज इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने कर्मचारी के साथ मारपीट (assault on employee) कर डाली. मारपीट से नाराज सिम्स मेडिकल कॉलेज के पीड़ित कर्मचारी तुलाचंद तांडे ने अपने साथियों को दूसरे दिन इस बात की जानकारी दी और कर्मचारियों ने एमआरआई मशीन (MRI machine) बंद कर हड़ताल (strike) कर दिया. इस मामले को लेकर पीड़ित कर्मचारी ने कोतवाली थाने में पंकज सिंह के खिलाफ आवेदन दिया. इस आवेदन की 2 दिनों तक पुलिस ने जांच की और आरोपित पंकज सिंह के उपर एफआईआर दर्ज की.

जिंदाबाद-मुर्दाबाद के लगे नारे

केस दर्ज (case registered) होने की जानकारी लगने पर पंकज और उनके समर्थक थाना पहुंच गए और इस दौरान थाने में काफी हंगामा किया. पूरे समय पंकज के समर्थक टीएस बाबा जिंदाबाद, नगर विधायक शैलेश पांडे जिंदाबाद और पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. भीड़ बढ़ती देख पुलिस बैकफुट पर आ गई और पंकज को थाने से बिना कार्रवाई के चलता कर दिया. इधर मामले में विधायक शैलेश पांडे (MLA Shailesh Pandey) ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस जान-बूझकर उनको और उनके समर्थकों को निशाना (target supporters) बना रही है. कार्रवाई (action) कर रही है. विधायक ने यह भी कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थक हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई जा रही है.

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गरीब मरीज का इलाज करवाना 'पाप' है क्या?
इस मामले में आरोपी पंकज सिंह ने कहा की अगर किसी गरीब मरीज का इलाज कराने जाना अपराध है तो फिर ऐसे में कैसे होगा? पंकज ने बताया कि वह टेक्नीशियन से किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किए हैं. एमआरआई में थोड़ा देर हुआ तो उन्होंने टेक्नीशियन से कहा कि थोड़ा जल्दी करो, इससे ज्यादा कोई बात नहीं हुई. हालांकि पंकज यह भी कह रहे हैं कि वह सिर्फ टेक्नीशियन तुलाचंद तांडे को खींच कर ले गए थे, मारपीट नहीं किए थे.

पुलिस का दावा, मिला था मारपीट करने का आवेदन
इस मामले में पुलिस का कहना है कि उनके पास आवेदन आया था और आवेदन के बिनाह पर एफआईआर दर्ज (register FIR) किया गया. अब मामले की जांच की जाएगी. उसके बाद ही उचित कार्रवाई किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि वह अस्पताल में घटनास्थल की सीसीटीवी कैमरा फुटेज (cctv camera footage) एकत्रित कर रही है.

बहरहाल, एक बार फिर बिलासपुर में गुटबाजी की राजनीति सामने आई है. बिलासपुर में प्रदेश के 2 बड़े नेताओं के अलग-अलग गुट हैं. एक गुट इस मामले में कहता है कि पुलिस पर दबाव बनाकर उनके नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, वहीं पुलिस इस मामले में कहती है कि उन पर कोई दबाव नहीं है. वह सिर्फ आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज किए हैं.

Last Updated : Sep 22, 2021, 6:09 PM IST
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